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एन्‍हांसमेंट की 'लास्ट एंड फाइनल सेटलमेट स्कीम' में एक हजार रूपये तक की एक्सेस अमाउंट के मामले होंगे ठीक

एन्‍हांसमेंट राशि भरवाने के उद्देश्य से लांच की गयी लास्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम के तहत सिरे नहीं चढ़ पायी है। जिसके कारण एचएसवीपी मुख्यालय द्वारा नियमों में बदलाव करते हुए एक हजार रुपये तक की एक्सेस अमाउंट के कारण गड़बड़ियों को ठीक करने के लिखित आदेश जारी किये हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 01:03 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 01:03 PM (IST)
एन्‍हांसमेंट की 'लास्ट एंड फाइनल सेटलमेट स्कीम' में एक हजार रूपये तक की एक्सेस अमाउंट के मामले होंगे ठीक
एन्‍हांसमेंट पर निर्णय लागू होने से प्रदेश के लगभग 2100 प्लाटधारकों को मिलेगा स्कीम का पूर्ण लाभ

हिसार, जेएनएन। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा एन्‍हांसमेंट राशि भरवाने के उद्देश्य से लांच की गयी 'लास्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम' के तहत राशि अपडेट में हुई गड़बड़ियों के कारण सिरे नहीं चढ़ पायी है। जिसके कारण एचएसवीपी मुख्यालय द्वारा स्कीम लांच होने के एक माह बाद नियमों में बदलाव करते हुए एक हजार रुपये तक की एक्सेस अमाउंट के कारण हुई गड़बड़ियों को ठीक करने के लिखित आदेश जारी किये हैं।

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यह जानकारी देते हुए ऑल सेकटर रेजिडेनटस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने बताया कि एचएसवीपी द्वारा जारी 'सेटलमेंट स्कीम' के तहत जिन 58 सेकटरों के 15430 प्लाटधारकों की नयी राशि अपडेट हुई है। उनमें पूर्व में भरी गयी एक्सेस अमाउंट के कारण हजारों प्लाटधारकों के खातों में लाखों रूपये ज्यादा की गलत राशि अपडेट हुई है। जिसके कारण स्कीम लांच होने के एक माह बाद भी लगभग 85 प्रतिशत प्लाटधारकों ने राशि जमा नहीं करवायी है ओर वो इन गड़बड़ियों को ठीक करवाने के लिए एचएसवीपी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।

वत्स ने कहा कि सेकटरवासियों को हो रही परेशानियों को देखते हुए इस पूरे मामले को मुख्यमन्त्री के संज्ञान में लाया गया तथा सीएम से प्रिंसिपल सेक्रेटरी वी. उंमाशकर को तथ्यों के साथ ऐसे क्ई मामले भेजे गये, जिनमें एक्सटेंशन फीस या अन्य किसी मद में भरी गयी एक्सेस अमाउंट के कारण गलत राशि अपडेट हुई है। एसोसिएशन के लगातार प्रयासों व सेकटरवासियों की स्कीम के प्रति उदासीनता को देखते हुए एचएसवीपी मुख्यालय द्वारा नियमों में बदलाव का निर्णय लेते हुए, एक हजार रुपये तक की एक्सेस अमाउंट के मामलों को ठीक करने के लिखित आदेश सभी जोनल एडमिनिस्ट्रेटर व सभी जिलों के इस्टेट आफिसर को जारी कर दिए गयें हैं।

जारी आदेशों के अनुसार यदि किसी प्लाटधारक द्वारा पहले किसी भी मद में एक हजार रूपये तक की एक्सेस अमाउंट जमा करवा रखी है ओर उसे पीपीएम साॅफ्टवेयर द्वारा एनंहासमेंट किश्त के हैड में शामिल किया गया है तो उस राशि को नजरअंदाज कर हुए, ऐसे सभी मामलों को ठीक किया जायेगा। यानि अलाॅटियो द्वारा किसी भी मद में एक हजार रुपये तक की एक्सेस अमाउंट भरी है, जिसके कारण उसके खाते में गलत डिमांड राशि अपडेट हुई है। ऐसे सभी मामलों को ठीक किया जायेगा।

वत्स ने बताया कि एचएसवीपी की आईटी सैल द्वारा प्रदेश के विभिन्न सेकटरों से लगभग 2100 प्लाट चिन्हित किए हैं, जिनकी एक हजार रुपये तक की एक्सेस अमाउंट के कारण गलत राशि अपडेट हुई है। ऐसे सभी मामलों को आगामी कुछ दिनों में मुख्यालय स्तर पर ही ठीक किया जायेगा। लेकिन एक हजार रूपये से ऊपर की एक्सेस अमाउंट के मामलों को ठीक करने का एचएसवीपी द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिसके कारण सेकटरवासियों में भारी रोष है।

ऑल सेक्‍टर रेजिडेनटस वैलफेयर एसोसिएशन की मांग हर गड़बड़ी को ठीक करे एचएसवीपी

ऑल सेकटर रेजिडेनटस वैलफेयर एसोसिएशन ने राशि अपडेट में हुई हर प्लाटधारक की गड़बड़ी को ठीक करने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने कहा कि एचएसवीपी मुख्यालय द्वारा राशि अपडेट में हुई गड़बड़ियों को ठीक करने का एक हजार रुपये तक की एक्सेस अमाउंट का पैमाना लागू करना पूरी तरह से गलत है। इससे उन हजारों प्लाटधारकों को कोई न्याय नहीं मिला, जिनकी एक हजार रुपये से ज्यादा की एक्सेस अमाउंट के कारण लाखों रूपये अधिक की गलत राशि अपडेट हुई है।

इसके अलावा कई मामलों में एचएसवीपी की बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है, जिसमें कई प्लाटधारकों ने एनंहासमेंट नोटिस जारी होने से पहले कन्वेंनश डीड व रजिस्ट्री करवाते समय विभाग द्वारा बतायी गये सारे बकाया डियूज क्लियर कर दिए। जिसके बाद एचएसवीपी द्वारा प्लाटधारकों को अलाॅटमैन्ट/रि-अलाॅटमैंट लैटर जारी हुआ, जिसमें राशि शून्य दिखाई गयी है। लेकिन ऐसे मामलों में भी स्कीम के तहत पूर्व की एक्सेस अमाउंट दिखाकर गलत राशि अपडेट हुई है। इनको मामलों को ठीक करने की कोई व्यस्था नहीं की गयी है।

ऐसा काफी प्लाटधारकों के साथ हुआ है। इसी प्रकार किश्तों में राशि जमा करवा चूके प्लाटधारकों के साथ गलत फार्मूला लागू कर राशि अपडेट की गयी है। कई प्लाटों में क्लेरिकल मिस्टेक से गलत राशि अपडेट हुई है। इस सब के बावजूद एचएसवीपी मुख्यालय द्वारा केवल एक हजार रुपये तक की एक्सेस अमाउंट के मामलों को ठीक करने का निर्णय लागू करना पूरी तरह गलत व आधारहीन है। एचएसवीपी के इस निर्णय से हजारों प्लाटधारकों को न्याय नहीं मिला। वत्स ने मुख्यमंत्री से इस 'सेटलमेट स्कीम' की समय अवधि को बढ़ाकर प्रदेश के हर प्लाटधारक की गड़बड़ियों को ठीक करने के एचएसवीपी को आदेश जारी करने की मांग की।


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