बरवाला में मिलीभगत से सरकारी भूमि पर कब्जे रुकने का नाम नहीं ले रहे
बरवाला में लगातार हो रहे अवैध कब्जे शामिल अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय व आपराधिक कार्रवाई अमल में लाने की मांग
-शामिल अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय व आपराधिक कार्रवाई अमल में लाने की मांग
संवाद सहयोगी, बरवाला : बरवाला शहर में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे रुकने का नाम नहीं ले रहे। इस संबंध में अब एक बार शहर के सता पक्ष के ही पूर्व मनोनीत पार्षद आनंद मेहता ने स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के अलावा जिला निगम कमिश्नर हिसार, उप मंडल अधिकारी नागरिक बरवाला, सचिव नगर पालिका बरवाला को लिखित शिकायत की है। आनंद मेहता ने इस लिखित शिकायत में कहा कि बरवाला में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। इसमें बरवाला के सरकारी अस्पताल रोड पर पालिका की कीमती जमीन पर कई महीनों से अवैध कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। एक बार पहले भी जब शिकायत की गई थी तो प्रशासन ने अवैध निर्माण को रुकवा दिया था। परंतु वह केवल दिखावा ही निकला निर्माण कार्य रूका नहीं बल्कि जारी है। पालिका की इसमें सरासर मिलीभगत भी है। यहां पर अब बड़ी बिल्डिग बन गई है। इसलिए इसको तुरंत प्रभाव से सील करवाया जाए। इसके अलावा पुराना पंजाब नेशनल बैंक की भूमि पर जो निर्माण चल रहा है। वह भी नगरपालिका की भूमि है। एक पूर्व प्रधान ने अवैध तरीके से 27 सौ वर्ग गज भूमि की डिग्रियां किन्ही प्राइवेट लोगों के नाम करवा दी थी। इसकी जांच भी हो चुकी है। सचिव नगर पालिका को प्रशासन की ओर से इन डिग्रियों को खारिज करवा इंतकाल रद करवाने के लिए भी लिखा गया। इतना ही नहीं सचिव ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि यह डिग्रियां अवैध हैं और इस जमीन की बाजारी कीमत करोड़ों में है। इससे संबंधित जांच की रिपोर्ट व अन्य कागजात नगर पालिका के पास मौजूद हैं। परंतु इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। इसी प्रकार तालाबों की जमीन पर कब्जा किया गया। जिसकी लिखित शिकायत सचिव नगर पालिका को की गई। परंतु कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। उन्होंने बताया कि बतौर पार्षद उन्होंने नगरपालिका हाउस की मीटिग में कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से पार्कों की जगह की भूमि की डिग्रियां व रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली। ऐसा ही मसला हिदुस्तान पेट्रोल पंप के सामने पालिका की भूमि का है। यहां पर भी रजिस्ट्री करवा रखी है। अवैध निर्माण भी चल रहे हैं। जांच कराने के लिए मीटिग में प्रस्ताव भी पारित हुए। परंतु अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी अपील की इस मामले में शामिल अधिकारियों के विरुद्ध नगर पालिका बरवाला को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाने के लिए विभागीय व आपराधिक कार्रवाई अमल में लाई जाए।