लॉकडाउन में लगाए पौधों से महक रही गुंजन की बगिया
पवन सिरोवा हिसार सरकार ने कोरोना से जंग जीतने के लिए लॉकडाउन लगाया हुआ है। इस का
पवन सिरोवा, हिसार : सरकार ने कोरोना से जंग जीतने के लिए लॉकडाउन लगाया हुआ है। इस कारण लोग घरों में ही जीवन यापन कर रहे है। इस दौरान कुछ लोग ऐसे भी है जो लॉकडाउन में अपने समय के सदुपयोग से अपने घर को सुंदर बना रहे है। इसी क्रम में हिसार के एमसी कॉलोनी निवासी गुंजन गोयल ने लॉकडाउन के दौरान समय का सदुपयोग कर अपनी मेहनत व लगन से अपने घर को हरा-भरा बनाया है। उन्होंने लॉकडाउन में एक दो नहीं बल्कि अपने घर में करीब 150 पौधे लगाए और वे हरे-भरे हो गए है जो घर की सुंदरता को बढ़ा रहे है। गुंजन की बनाई बगिया की खुशबू से अब घर महक उठा है।
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गुंजन की जुबानी : कैसे लॉकडाउन से जीवन में आया नया परिवर्तन
साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान घर पर ही रहना पड़ रहा था। सारा दिन घर के कामों ही व्यस्त रहती। इसी बीच अखबार और इंटरनेट पर जब लोगों द्वारा घर में पौधारोपण के संबंध में आने वाले लेख पढ़े कि कैसे उन्होंने अपने घर में पौधा रोपण कर घर को हरा-भरा बनाया तो मुझे लगा कि यह तो मैं भी कर सकती हूं। मैंने शुरुआत रसोई से की। रसोई में रखी मिर्च, धनिया, इलायची से बागवानी की शुरुआत की। यू-ट्यूब पर देखा की बागवानी कैसे की जाती है। इसके बाद मैंने कुछ पौधे भी घर पर लगाए। हर रोज सुबह छह बजे उठकर सबसे पहले पौधे देखती कि उनमें परिवर्तन क्या आया है। पौधे बड़े होने लगे तो मन को खुशी मिलने लगी। इसके बाद मेरे पति और बेटे ने भी पौधारोपण और पौधों की देखरेख में मेरा सहयोग किया। हमारी हरियाली में रुचि बढ़ने लगी और एक साल के दौरान हमारे घर में हमने करीब 150 पौधे लगाकर अपनी ही एक अलग बगिया बना ली।
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वेस्ट से बनाए गमले, खुद तैयार कर रही खाद
सीबीएसई बोर्ड के कई स्कूलों में प्रधानाचार्या के पद पर कार्य कर चुकी गुंजन गोयल ने अधिकांश पौधे के गमले अपने घर के वेस्ट से ही तैयार किए। प्लास्टिक की खाली बोतल, नारियल के कवर और घर के एक टीवी के कवर तक में पौधारोपण कर पौधे उगा रखे है। इनकी देखरेख के लिए अब नियमित एक से दो घंटे का समय दे रही है। किचन वेस्ट से ही पौधों के लिए खाद भी तैयार कर रही है। गुंजन ने कहा कि लॉकडाउन में पौधों के कारण मन को खुशी मिली है।
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दैनिक जागरण का अभियान दूसरों को दे रहा प्रेरणा-गुंजन गोयल
दैनिक जागरण का अनमोल है ऑक्सीजन अभियान दूसरों के लिए प्रेरणादायी है। जिस प्रकार मैंने लेख पढ़कर बागवानी की तरफ रुख किया उसी प्रकार अभियान के तहत छपने वाले लेख दूसरों को मॉटिवेट करते है। इन्हें पढ़कर लगता है जब ये लोग घर में पौधारोपण कर सकते है तो यह काम तो हम भी कर सकते है। इसी प्रकार प्रेरणा से एक नई सकारात्मक कार्य की शुरुआत होती है। मेरा सभी से आग्रह है कि अपने घरों में पौधे लगाकर इतनी आक्सीजन तो तैयार करे जितनी हमें स्वयं को जीने के लिए चाहिए। कोविड-19 में पैदा हुए हालात ने हमें पौधारोपण की सीख भी दी है।