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हड़प्पाकालीन सभ्यता की खोज के लिए राखीगढ़ी गांव में घरों पर चली जेसीबी, भारी पुलिस बल तैनात

हड़प्पाकालीन संस्कृति की खोज के लिए राखीगढ़ी गांव में टीलों पर बने अवैध कब्जों को गिराने का काम आखिरकार बुधवार को शुरु कर ही दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 11:34 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 12:11 PM (IST)
हड़प्पाकालीन सभ्यता की खोज के लिए राखीगढ़ी गांव में घरों पर चली जेसीबी, भारी पुलिस बल तैनात
हड़प्पाकालीन सभ्यता की खोज के लिए राखीगढ़ी गांव में घरों पर चली जेसीबी, भारी पुलिस बल तैनात

जेएनएन, हिसार :

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हड़प्पाकालीन संस्कृति की खोज के लिए राखीगढ़ी गांव में टीलों पर बने अवैध कब्जों को गिराने का काम आखिरकार बुधवार को शुरु कर ही दिया गया। मकानों को गिराने को लेकर ग्रामीणों द्वारा विरोध भी किसी काम नहीं आया। भारी पुलिस बल तैनात कर मकानों को गिराने का काम किया गया और शुरुआत में करीब 12 घरों को तोड़ा गया। इस दौरान कुछ महिलाओं ने हल्का विरोध भी किया मगर ये सब किसी काम नहीं आया। अब 201 घरों को गिराने के प्रोजेक्ट में आने वाली मुश्किल लगभग दूर ही हो चुकी है। वहीं कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई का कहना है कि जो रहे नहीं उनके के लिए बसे हुए लोगों के घर उजाड़ने का फैसला सही नहीं है। प्रशासन और सरकार को मकानों को नहीं गिराना चाहिए। अगर गिराना भी है तो लोगों को दूसरे मकान बनाकर क्यों नहीं दिए गए। इस तरह के बयान से अब साफ नजर आ रहा है विपक्षी नेता इस मुद्दे पर तीखी बयानबाजी करने वाले हैं।

गौरतलब है कि राखीगढ़ी में बने मकानों को गिराने के लिए हाईकोर्ट की ओर से नोटिस दिए गए थे। हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि इन आदेशों को प्रशासन को पूरा करना है। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण इस फैसले के खिलाफ लामबंद्ध हो गए थे। ग्रामीण अपने घर बचाने को किसी भी हद तक जाने को तैयार थे। पुरातत्व विभाग ने 4 जनवरी तक घरों को खाली कराने का नोटिस थमाया था। 6 जनवरी को इन अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया जाना था मगर ग्रामीणों के उग्र तेवर को देखते हुए प्रशासन ने अपना फैसला पूरी तरह बदल दिया। प्रशासन आगे क्या कार्रवाई करेगा इसके बारे में सबने चुप्पी साध ली। अब एक दम से मकानों को गिराने का कदम फिर से उठाया गया है।

ज्ञात हो कि हड़प्पाकालीन संस्कृति को लेकर राखी गढ़ी विश्व के मानचित्र पर अंकित है। इस सभ्यता को और निखारने के लिए टीलों की खुदाई की जानी है। हड़प्पाकालीन संस्कृति की गाव राखी गढ़ी में सबसे बड़ी साइट है। ये करीब 700 एकड़ में फैली हुई है। अधिकतर जमीन पर ग्रामीण खेती करते हैं और गाव के आसपास मकान बनाए हुए हैं। राखीगढ़ी में 24 लाख से बनना है म्यूजियम

हड़प्पाकालीन सभ्यता की धरोहर संजोय रखने के लिए करोड़ों रुपयों की लागत से म्यूजियम बनाने का काम शुरू हो चुका है, जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ से ही किया था। म्यूजियम बनने के बाद राखी गढ़ी प्रदेश में एक ओर पर्यटक स्थल के रूप में आस्तित्व में आ गया है। आज भी राखी गढ़ी में सैकड़ों विदेशी पर्यटक अपनी जिज्ञासा शात करने के लिए पहुंचते हैं। सरकार के प्रयासों से इस गाव में म्यूजियम बनाने के लिए करीब 24 करोड़ रुपये जारी किए गए और म्यूजियम बनाने का शिलान्यास मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने चंडीगढ़ से ही रिमोर्ट से किया था। म्यूजियम बनाने के लिए ग्राम पंचायत ने सवा पाच एकड़ भूमि सरकार को पट्टे पर दी गई है। म्यूजियम के भवन निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिसका टेंडर प्रेम सिंह काट्रेक्टर नाम की फर्म को दिया गया है। ऐसा रहेगा म्यूजियम का स्वरूव

म्यूजियम में चार ब्लॉक बनाए जाएंगे। पहले ब्लॉक में म्यूजियम, दूसरे ब्लॉक में बाहर से आने वाले छात्रों के लिए होस्टल और तीसरे ब्लॉक में बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए रेस्ट हाऊस बनाया जाएगा। वहीं चौथे ब्लॉक में खाने पीने के लिए एक कैंटीन का निर्माण किया जाएगा। चारों ब्लॉकों के चारों तरफ चहारदीवारी बनाई जाएगी।


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