ओपी जिदल मॉडर्न स्कूल में अस्पताल के लिए पहुंचा सामान, ढांचा तैयार करने की तैयारी शुरू
जागरण संवाददाता हिसार। डीआरडीओ की तरफ से ओपी जिदल मॉडर्न स्कूल में 500 बेडों के अस्प
जागरण संवाददाता, हिसार।
डीआरडीओ की तरफ से ओपी जिदल मॉडर्न स्कूल में 500 बेडों के अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। सेना के अधिकारियों की मॉनीटरिग में हो रहे इस कार्य को युद्ध स्तर पर करने की तैयारी है। स्कूल में अस्पताल का ढांचा तैयार किया जा रहा है। तैयारियों का जायजा लेने के लिए वीरवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं कोरोना महामारी को लेकर जिले के नोडल अधिकारी अनुराग रस्तोगी भी पहुंचे। उनके साथ मंडलायुक्त चंद्रशेखर, उपायुक्त डा प्रियंका सोनी और डीआइजी बलवान सिंह राणा उपस्थित रहे। उन्होंने चंडीगढ़ से आए इंजीनियर इन चीफ निहाल सिंह, जिदल स्टेनलेस से एमडी अभ्युदय जिदल सहित अन्य अधिकारियों के साथ अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई और अन्य तकनीकी प्रबंधों को लेकर चर्चा की। अस्थाई अस्पताल के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया है। स्कूल परिसर में आधारभूत ढांचा स्थापित किया जा रहा है। इसके साथ ही मरीजों के उपचार के लिए बैड आ गए हैं।
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मृत्युदर को कम करने की दशा में बनाएं नई रणनीति
स्कूल परिसर के दौरे के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने लघु सचिवालय सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के दौरान जिला की स्वास्थ्य सेवाओं और महामारी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संक्रमितों की मृत्यु दर को कम करने की दिशा में ठोस रणनीति अपनाएं। इसके लिए एक कमेटी का गठन कर गंभीर मरीजों की व्यापक निगरानी की जाए। सिम्पटोमैटिक मरीजों का भी नियमित रूप से फॉलोअप किया जाए। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। इसके लिए उपकरणों मानव संसाधनों और अन्य जरूरतों के बारे में उन्हें जल्द से जल्द अवगत करवाया जाए।
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इन व्यवस्थाओं को भी करने के दिए निर्देश
अस्थाई अस्पताल की स्थापना के प्रबंधों की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि आपातकालीन स्थिति के तहत तेज गति से कार्य किया जाए। प्रबंधों को लेकर बैकअप प्लान भी तैयार किया जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अस्थाई अस्पताल का ढांचा खड़ा करने के अलावा सर्विलांस, पुलिस सुरक्षा, मरीजों के अलावा उनके अटेंडेंट के रहने व खाने की व्यवस्था, बॉयोमेडिकल कचरा प्रबंधन, जल निकासी, कैंटीन, मेडिकल स्टोर, अस्पताल संचालन के लिए चिकित्सक, पैरामेडिकल, अन्य स्टाफ, लैब और एंबुलेंस की व्यवस्था, बिजली आपूर्ति सहित अन्य जरूरी कार्यों की भी व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित कर ली जाए।