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गर्भावस्था से पहले और बाद में हार्मोन बदलाव से प्रसूता को हो सकता है अवसाद

दैनिक जागरण के हैलो जागरण कार्यक्रम में जिले में कई लोगों ने मनोचिकित्सक से पूछा बीमारियों का हल।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 03:23 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 03:23 PM (IST)
गर्भावस्था से पहले और बाद में हार्मोन बदलाव से प्रसूता को हो सकता है अवसाद
गर्भावस्था से पहले और बाद में हार्मोन बदलाव से प्रसूता को हो सकता है अवसाद

जेएनएन, हिसार : बिगड़ते लाइफ स्टाइल, खानपान और तकनीकी पर अधिक निर्भरता के चलते हम मानसिक बीमारियों से घिरे हुए हैं। इसके उपाय और पहचान के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण ने हेलो जागरण कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें मनोचिकित्सक डा. शुभम मेहता ने लोगों को मानसिक बीमारियों के बारे में बताया व उनसे बचने का तरीका भी सुझाया। मौजूदा समय में चल रहे ट्रेंड पर डा. मेहता बताते हैं कि गर्भावस्था से पहले और बाद में हार्मोन में बदलाव के कारण ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें प्रसूता को घबराहट, जीमचलने जैसी शिकायत होती हैं। अक्सर घर में लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते और आगे चलकर यह डिप्रेशन यानि अवसाद में बदल जाता है। इस पर लोगों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इसको पहचानने का एक ही तरीका है अगर 15 दिन तक घबराहट, सिर दर्द जैसी समस्या बनी रहे तो मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए। इसके साथ ही बदलती जीवन शैली लोगों की नींद गायब कर रही है। इसके लिए लोगों को समझना जरूरी है कि किस समय उन्हें सोना है और कितने समय तक जागना है। नहीं तो आगे चलकर नींद न आना एक बड़ी समस्या भी बन सकता है। इसके साथ ही खुद को मल्टीटास्किंग बनाने के चक्कर में हम कई मानसिक बीमारियों से घिरते जा रहे हैं। एक समय में एक ही काम करें ताकि किसी दूसरी मानसिक समस्या से न गुजरना पड़े।

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इन दो उदाहराणों से समझिए कि मानसिक बीमारी में क्या हो जाती है स्थिति

केस 1

14 से 18 वर्ष के बच्चों में पबजी से हो रहा माइग्रेन

डा. शुभम मेहता बताते हैं कि मोबाइल पर अधिक निर्भरता के कारण बच्चों में मानसिक बीमारियां भी बढ़ रही हैं। हाल ही में आया पबजी गेम खेलने वाले ऐसे कई बच्चे उनके क्लीनिक में उपचार कराने आए। इन बच्चों की उम्र 14 से 18 वर्ष है। रात-रात भर पबजी खेलना, दिन में भी पबजी खेल की बातें करने के कारण इन बच्चों को माइग्रेन तक की समस्या हो गई। क्योंकि स्लीपिंग साइकिल बिगड़ जाने से माइग्रेन की अक्सर समस्या हो जाती है। इससे छोटे-छोटे बच्चों को सिर में दर्द बना रहता है और अभिभावक सोचते हैं कि नजर कमजोर होने से सिर में दर्द हो रहा होगा।

केस 2

हर जगह गंदगी दिखती थी, साफ करने में खर्च हो जाता पूरा दिन

हाल की एक बाकया मनोचिकित्सक डा. मेहता बताते हैं कि एक महिला उनके पास उपचार कराने आई। उसे हर समय ऐसा लगता था कि आसपास सब गंदा पड़ा है। इस कारण वह धुले हुए कपड़ों को बार-बार धोती, बच्चों को कई बार नहला देती, टंकी, बर्तन बार-बार साफ करती। मतलब दिनभर सफाई का काम करती रहती। पहले तो परिजनों ने गंभीरता से नहीं लिया, फिर लिया तो इस मामले में काफी मेहनत करनी पड़ी। कई दिन तक दवाएं चलीं। ऐसे में कुछ भी अलग दिखने पर मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

लोगों के सवालों के ये मिले जवाब

प्रश्न- हिसार से एक व्यक्ति ने पूछा उन्हें 10 वर्ष से शराब पीने की आदत है, नहीं पीता तो नींद नहीं आती।

उत्तर- डा. मेहता ने बताया कि कई वर्ष तक शराब पीने की वजह से आपके दिमाग को शराब की आदत पड़ गई है। दिमाग में रसायनों का संतुलन बनना आवश्यक है। ऐसे में दवाओं का प्रयोग कर इस आदत को छुड़ाया जा सकता है।

प्रश्न- मॉडल टाउन से 74 वर्षीय जेके जैन ने पूछा कि उनके हाथ अक्सर कांपते हैं, कई बार हाथ से बर्तन छूट जाता है।

उत्तर- 70 वर्ष की उम्र पार करने के बाद अक्सर शरीर कांपता है। अगर घबराहट भी होती है तो पारङ्क्षकसन बीमारी भी हो सकती है। पहले खुद को देखें कि कहीं घबराहट जैसी शिकायत तो नहीं है। अगर यह नहीं है तो दिमाग को शांत रखें, सुबह रोजाना टहलने जाएं।

प्रश्न- उकलाना से रवि कुमार ने पूछा कि उनकी एंजाइटी की दवाएं चल रही हैं मगर दवाएं बंद करते ही दिक्कत होने लगती है।

उत्तर- एंजाइटी की दवाएं एक निश्चित अवधि तक चलती हैं। बीच-बीच में एंजाइटी की दवाओं को छोडऩा नहीं चाहिए। इस कोर्स को पूरा करिये तभी पूरी तरह से राहत मिलेगी।

प्रश्न- बिठमड़ा से एक छात्र ने पूछा कि 10वीं में पढ़ाई में मन लगता था मगर अब 12वीं में आलस रहता है, घर से बाहर जाने की इच्छा भी नहीं होती।

उत्तर- आप पहले तो फिजिकल एक्टिबिटीज अधिक से अधिक करें। घर से बाहर निकलें, मित्रों के साथ पुस्तकालय में जाएं। खाने पीने में तलीय पदार्थों का परहेज करें। इसके साथ ही मोबाइल से जितना दूर रह सकते हैं रहें। रोजाना आधा या एक घंटा बैठकर पढऩे की आदत डालें सब ठीक हो जाएगा।

प्रश्न- श्रीनगर कालोनी से एक व्यक्ति से पूछा कि उन्हें व उनकी पत्नी को अक्सर काफी गुस्सा आता है, उनके झगड़े अब बढ़ रहे हैं।

उत्तर- क्रोध का उपचार लोगों के पास खुद है। जब क्रोध आए तो एक लोग शांत हो जाएं। छोटी-छोटी बातों पर कोई प्रतिक्रिया न देना सीखें। पुरानी बातें याद करेंगे तो उसका असर आज पर भी पड़ेगा।

प्रश्न- एक महिला ने पूछा कि उनके पति शराब पीते हैं, कैसे छुड़ाई जाए।

उत्तर- शराब छुड़ाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि जो व्यक्ति शराब का सेवन करता है, उसे अपने मन से दृढ़निश्चय करना होगा। इसके बाद ही कोई दवा काम कर सकेगी। रोगी को बिना बताए शराब छुड़ाने जैसा कोई उपाय नहीं होता।

प्रश्न- हिसार निवासी 75 वर्षीय संतोष कुमार ने पूछा कि अक्सर तनाव रहता है, नींद नहीं आती।

उत्तर- तनाव की वजह जानना जरूरी है। अगर आप घर की किसी चिंता के कारण तनाव ले रहे हैं तो पहले उस ङ्क्षचता को दिमाग से हटाना होगा। भोजन में तलीय चीजों को न खाएं। रात्रि को हल्का खाकर सोएं तभी नींद अच्छी आएगी।

प्रश्न- वास बड़ाना से मास्टर जयभगवान ने पूछा कि आठ से 10 वर्ष से नींद कम आती है।

उत्तर- सीजोफेमिया की आपको शिकायत हो सकती है, इसके लिए मनोचिकित्सक का परामर्श जरूरी है। इसमें जीवनभर दवाएं चलती हैं। मगर एक बार आपको पहले किसी चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

प्रश्न- बरवाला से रामकिशन ने पूछा कि मानसिक परेशानी रहने के कारण नींद कम आती है, दवाएं भी ले रहा हूं।

उत्तर- नींद न आने का मुख्य कारण होता है कि आपकी स्लीपिंग साइकिल बिगड़ रही है। सबसे पहले तो रोजाना शारीरिक व्यायाम करें, मोबाइल व टीवी का अक्सर रात में प्रयोग न करें, हुक्का बीडी या अन्य धूम्रपान को बंद करना पड़ेगा। फिर भी नींद नहीं आ रही है तो दवा आपको शूट नहीं कर रही है। अक्सर अधिक समय तक एक जैसी दवाएं लेने से हमारे शरीर को उनकी आदत पड़ जाती है।

प्रश्न- हिसार से कृष्ण कुमार बैंकिंग सेक्टर में काम करते हैं। अक्सर फोन आते रहते हैं, जिस कारण से आराम नहीं कर पाते।

उत्तर- आपको यह समझना होगा कि कौन सा समय आपके आराम है और काम का। अगर खाना खाएं तो उस समय कॉल न अटेंड करें। रात्रि को सोते समय भी इस बात का ध्यान रखें। रात्रि को आंख खुले तो मोबाइल न देखें।


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