ऑनर किलिंग : बहन की हत्या करने वाला भाई दोषी करार, जानें क्या है पूरा मामला
जांच के दौरान पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद गांव जुगलान के श्मशानघाट में पहुंचकर चिता से राख और हड्डियां कब्जे में ली थी,पुलिस ने फर्श से मृतका के उल्टी के अंश भी कब्जे में लिए थे
हिसार, जेएनएन। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. पंकज की अदालत ने ऑनर किलिंग मामले में जुगलान गांव के अशोक कुमार को दोषी करार दिया है। अदालत उसे 5 दिसंबर को सजा सुनाएगी। उसने अंतरजातीय विवाह करने वाली अपनी बहन 21 साल की किरण की हत्या कर शव जला दिया था। सदर थाना पुलिस ने इस संबंध में 14 फरवरी 2017 को हत्या और शव खुर्द-बुर्द करने का केस दर्ज किया था।
अदालत में चले अभियोग के अनुसार सीसवाल के रोहताश ने पुलिस को बयान देकर कहा था कि उसने 8 अगस्त 2015 को जुगलान की किरण के साथ लव मैरिज की थी। किरण विजय नगर के सनातन धर्म चेरिटेबल ट्रस्ट दफ्तर में शादी कर घर चली गई थी। उसने शादी को गुप्त रखा था। शादी का रोहताश के एक दोस्त, परिजनों और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के सिवाय किसी और को नहीं पता था। उसके बाद किरण मायके में रहने लगी थी और रोहताश गुरुग्राम में प्राइवेट ड्राइवर की नौकरी करने लगा था।
रोहताश ने कहा था कि उसे किसी ने बताया कि परिजनों ने जहर पिलाकर किरण की हत्या कर शव जला दिया है। सदर थाना पुलिस ने तब अशोक व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता पक्ष के अधिवक्ता जितेंद्र कुश ने बताया कि अदालत ने आरोपित अशोक को दोषी करार देते हुए सजा सुनाने के बारे में फैसला 5 दिसंबर तक सुरक्षित रख लिया है।
पुलिस ने श्मशान घाट से राख और हड्डियां कब्जे में ली थीं
सदर थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज करने के बाद गांव जुगलान के श्मशानघाट में पहुंचकर चिता से राख और हड्डियां कब्जे में ली थीं। पुलिस ने फर्श से उल्टी के अंश भी कब्जे में लिए थे। हालांकि कमरा पानी से धोया जा चुका था। उसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया था। हत्या 8 फरवरी को कर अगले दिन शव जला दिया गया था। इस मामले में केस एक हफ्ते बाद 14 फरवरी 2017 को दर्ज हुआ था।
कोर्ट में मुकरा जीवनभर साथ रहने का वादा करने वाला
पुलिस ने इस संबंध में गांव सीसवाल के रोहताश सैनी की शिकायत पर केस दर्ज किया था। पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता रोहताश, सनातन धर्म चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान संजय चौहान समेत 15 गवाह बनाए थे। इनमें चार प्राइवेट और 11 सरकारी गवाह थे। जीवनभर साथ निभाने का वादा कर शादी करने वाला रोहताश कोर्ट में अपने बयान से मुकर गया। चौहान ने कोर्ट में गवाही मजबूत तरीके से दी। कोर्ट ने तमाम गवाहों और सबूतों को ध्यान में रखकर आरोपित अशोक कुमार को दोषी माना।
दोनों में 2012 से था अफेयर
रोहताश ने बताया था कि वह साल 2012 में आदमपुर के पास किशनगढ़ के एक शिक्षण संस्थान में चालक नियुक्त था। किरण वहां पढ़ती थी। तब दोनों की मुलाकात हुई थी। फिर उनमें धीरे-धीरे बातें होने लगीं और वहीं से दोनों के बीच प्रेम संबंध शुरू हो गया। उसके बाद उन्होंने शादी का फैसला किया था। उसके बाद साल 2015 में किरण कोचिंग लेने जयपुर चली गई थी। वह साल 2016 में लौटी थी।
मां और एसआइ पिता जांच में मिले निर्दोष
रोहताश ने किरण के पिता सुरेश और मां प्रोमिला पर भी वारदात में शामिल होने का अंदेशा जताया था। पुलिस ने किरण के भाई अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद पुलिस ने अदालत से अनुमति लेकर सुरेश और प्रोमिला का पोलीग्राफी टेस्ट 22 नवंबर 2017 को मधुबन की फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में करवाया था। सुरेश कुमार रोहतक में एसआइ के पद पर तैनात बताए गए हैं। पुलिस ने एफएसएल की रिपोर्ट आने पर दंपती को आरोपित नहीं बनाया था। वे निर्दोष मिले थे।