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हिसार में होम क्वारंटाइन कोरोना मरीजों के पास ठीक होने का नहीं प्रूफ, जॉब ज्वाइनिंग में दिक्कत

नई डिस्चार्ज पॉलिसी में हल्के लक्षण वाले मरीजों का कोरोना टेस्‍ट दोबारा नहीं होता है। निगेटिव रिपोर्ट न मिलने से दोबारा जॉब ज्वाइन करने में परेशानी आ रही है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 01:47 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 01:47 PM (IST)
हिसार में होम क्वारंटाइन कोरोना मरीजों के पास ठीक होने का नहीं प्रूफ, जॉब ज्वाइनिंग में दिक्कत
हिसार में होम क्वारंटाइन कोरोना मरीजों के पास ठीक होने का नहीं प्रूफ, जॉब ज्वाइनिंग में दिक्कत

हिसार [सुभाष चंद्र] कोरोना मरीजों के लिए जिले में नई डिस्चार्ज पॉलिसी लागू हो चुकी है, लेकिन इस पॉलिसी में हल्के व मध्यम लक्षण वाले कोरोना मरीजों को 10 दिन में कोई लक्षण न होने पर दोबारा टेस्ट किए बिना डिस्चार्ज कर दिया जाता है। लेकिन जो कोविड केयर सेंटर में थे उन मरीजों को तो डिस्चार्ज स्लिप दे दी जाती है, लेकिन होम क्वारंटाइन में रहे लोगों को स्वस्थ होने पर भी निगेटिव रिपोर्ट नहीं मिल पाती। लोगों के लिए समस्या भी यहीं से शुरु हो जाती है। कोरोना से मुक्त हुए लोग कोरोना से मुक्त तो हो जाते हैं, मगर इन मरीजों के पास अपनी निगेटिव रिपोर्ट नहीं होती।

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ऐसे में जिस कंपनी में यह लोग जॉब कर रहे होते हैं। वह कंपनियां इनसे इनकी निगेटिव रिपोर्ट मांगती है। लेकिन पॉलिसी के तहत दोबारा सैंपल नहीं किया जाता, तो निगेटिव रिपोर्ट भी नहीं होती, ऐसे में इन्हें निगेटिव घोषित करवाने के लिए इनके परिजनों को अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे दो मामले सामने आए हैं। जिसमें कोरोना मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन उसके पास उसकी निगेटिव रिपोर्ट नहीं है। ऐसे में वह दोबारा जाॅब ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं।

केस - 1 : सेक्टर 16-17 निवासी कोरोना पॉजिटिव रहे 26 वर्षीय युवक को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट न मिलने के कारण नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। मुरादाबाद की एक कंपनी में फाइनेंस विभाग में काम करने वाला युवक मुरादाबाद से लौटा था। 18 जुलाई को युवक ने महम के सरकारी अस्पताल में कोरोना का टेस्ट करवाया, जिसमें वह पॉजिटिव मिला। पॉजिटिव पाए जाने पर युवक को 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन के लिए कहा गया तथा हिसार सिविल अस्पताल में संपर्क करने के लिए कहा गया। मरीज के परिजनों ने सिविल अस्पताल में संपर्क किया तो डाक्टरों ने उन्हें कहा कि होम क्वारंटाइन हो जाओ। युवक को एक अगस्त तक क्वारंटाइन किया गया था तथा इससे तीन दिन पहले युवक के घर पर सैंपलिंग करवाने के लिए कहा गया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपलिंग नहीं की गई। कंपनी की ओर से रिपोर्ट मिलने पर ही ज्वाइन करने की बात कही गई है।

केस -2 : हांसी निवासी एक 28 वर्षीय युवक कोरेाना पॉजिटिव मिला था, यह युवक गुरुग्राम में एक कंपनी में जॉब करता है, कोरोना पॉजिटिव मिलने पर युवक को होम क्वारंटाइन किया गया था, लेकिन दोबारा टेस्ट न होने के कारण युवक को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं मिली।

कंटेनमेंट जोन भी 10 दिन बाद बनाया -

वहीं प्रशासन की ओर से भी इस मामले में कोताही बरती गई। युवक 18 जुलाई को पॉजिटिव आया था, लेकिन प्रशासन की ओर से सेक्टर 16-17 में कोरोना पॉजिटिव के घर को 28 जुलाई को कंटेनमेंट जोन बनाया गया। वहीं इस घर में प्रथम तल पर मकान मालिक व ग्राउंड फ्लोर पर किरायेदार रहते है, लेकिन पॉजिटिव मिले युवक के परिजन तो कंटेनमेंट जोन का पालन कर रहे है, लेकिन किरायेदारों से मिलने उनके संगे संबंधी भी आ रहे और उनके घर से बाहर जाने की भी सूचना है।

---नई डिस्चार्ज पॉलिसी के तहत 10 दिन किसी मरीज में जुकाम, बुखार संबंधित लक्षण ना हो तो उन्हें स्वस्थ मान कर डिस्चार्ज कर दिया जाता है। उपरोक्त मामलों में इन लोगों की मदद की जाएगी।

डा. जया गोयल, डिप्टी सीएमओ, हिसार।


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