ये गांव पैदा कर रहा ओलंपियन, छह से 45 साल के व्यक्ति के हाथों में नजर आती हॉकी स्टिक
संतनगर गांव के तीन खिलाड़ी ओलंपिक में भी देश की ओर से खेल चुके हैं। 20 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यहां करीब 500 हॉकी खिलाड़ी हैं। हॉकी का जुनून
सिरसा [महेंद्र सिंह मेहरा] हॉकी का जिक्र हो और सिरसा के गांव संतनगर की बात न चले ऐसा हो नहीं सकता। ऐसा होना भी स्वभाविक है। हॉकी का जुनून यहां के लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। यह वजह है कि अब संतनगर किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इस गांव के हॉकी खिलाडिय़ों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। तीन खिलाड़ी तो खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ यानी ओलंपिक में भी देश की ओर से खेल चुके हैं। 20 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यहां करीब 500 हॉकी खिलाड़ी हैं।
सुबह हो या शाम गांव संतनगर में खिलाड़ी हॉकी स्टिक लेकर मैदान में नजर आते हैं। इनमें तीसरी कक्षा के छात्र से लेकर 45 साल तक के पूर्व खिलाड़ी आपको मिल जाएंगे। भारतीय टीम के कप्तान रहे सरदारा सिंह भी इसी गांव के रहने वाले हैं।
और बढ़ता गया कारवां
गांव की आबोहवा में हॉकी बसी है। गांव के युवाओं को नशे से दूर रखने और उनका रुझान खेलों की तरफ करने के लिए नामधारी समुदाय के सतगुरु स्व. जगजीत सिंह ने 1975 में खेलों को बढ़ावा देने का कार्य शुरू किया। गांव के खिलाडिय़ों ने सबसे ज्यादा रुचि हॉकी में दिखाई। प्रतिभाएं निखरकर सामने आईं। यहां के दीदार सिंह सीनियर 1992 में हुए ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा था। इसके बाद हरपाल सिंह ने 2004 में व भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके सरदार सिंह 2012 व 2016 में ओलंपिक में खेल चुके हैं। सरदार सिंह ने बीते वर्ष हॉकी को अलविदा कह दिया था।
हाकी कोच हरविंद्र सिंह।
इन्होंने लहराया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम
गांव के 20 से अधिक खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेले चुके हैं। इनमें सरदार सिंह, हरपाल सिंह, दीदार सिंह सीनियर, अजमेर, दीदार सिंह जूनियर, इसपाल, हरविंद्र सिंह जूनियर, गुरुमेल सिंह, नानक सिंह, संता सिंह, अवतार सिंह, काबल सिंह, सविंद्र सिंह, हरविंद्र सिंह सीनियर आदि शामिल हैं।
गांव में है हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान
गांव में 2015 में करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाया गया था। यहां खेल विभाग की तरफ से हॉकी कोच हरविंद्र सिंह को तैनात किया गया है। सुबह शाम करीब 150 खिलाड़ी यहां अभ्यास करते हैं।
---हॉकी में संतनगर गांव के खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। गांव के तीन खिलाड़ी ओलंपिक खेल चुके हैं। हॉकी के प्रति खिलाडिय़ों में जुनून देखने को मिलता है। इससे लगता है कि आने वाले समय में भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करेंगे।
हरविंद्र सिंह, हॉकी कोच, खेल विभाग।