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करोड़ों के एस्ट्रोटर्फ पर हॉकी स्टिक नहीं, चल रहा चूहे-बिल्ली का खेल

पानी कनेक्शन काट दिए जाने के चलते करोड़ों की लागत से बने एस्ट्रोटर्फ मैदान पर खेलना हुआ बंद

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 12:52 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 05:57 PM (IST)
करोड़ों के एस्ट्रोटर्फ पर हॉकी स्टिक नहीं, चल रहा चूहे-बिल्ली का खेल
करोड़ों के एस्ट्रोटर्फ पर हॉकी स्टिक नहीं, चल रहा चूहे-बिल्ली का खेल

जेएनएन, हिसार

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करोड़ों की लागत और सालों के इंतजार के बाद हिसार में बनाया गया हॉकी एस्ट्रोटर्फ इन दिनों खिलाड़ियों के किसी काम का नहीं है। अब इस मैदान पर हॉकी खिलाड़ियों की स्टिक नहीं चलती बल्कि चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है। मंगलवार की शाम इसी तरह का नजारा हॉकी एस्ट्रोटर्फ मदान पर देखने को मिला। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिसार, प्रदेश का नाम रोशन करने वाली हॉकी खिलाड़ी खेल न सकने के अभाव में चूहे बिल्ली का खेल खेलती नजर आई। दरअसल जन स्वास्थ्य विभाग की लेटलतीफी के चलते पहले जहां एस्ट्रोटर्फ मैदान पर पानी का कनेक्शन नहीं हो पा रहा था।

वहीं अब जन स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर एस्ट्रोटर्फ मैदान का पानी कनेक्शन काट दिया है। कनेक्शन काटे जाने की वजह जन स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट के सामने सीवरेज लाइन डालने को बताया है। पानी के छिड़काव के बिना एस्ट्रोटर्फ मैदान पर खेल नहीं सकते क्योंकि बिना पानी के छिड़काव के कृत्रिम घास खराब हो जाती है। इससे पहले भी जब नहरी पानी की सप्लाई नहीं होती थी तो भूमिगत पानी के छिड़काव के बाद खिलाड़ियों को खिलाया जाने लगा था। मगर भूमिगत पानी में टीडीएस और लवण ज्यादा होता है जिसके कारण कृत्रिम घास खराब हो जाती है। उस दौरान भी पानी के छिड़काव को बंद करना पड़ा था और खिलाड़ी खेलने से वंचित हो गए थे। अब कोर्ट के सामने दो पार्किंग धसने के चलते सीवरेज पाइप डालने का काम किया जा रहा है। ऐसे में देखना होगा कि एस्ट्रोटर्फ पर पानी के छिड़काव के लिए क्या रास्ता निकाला जाता है।

विवादों के साथ एस्ट्रोटर्फ का चोली-दामन का साथ

करीब 14 साल पहले एस्ट्रोटर्फ बनाने की मांग उठने के बाद मैदान के साथ विवाद जुड़ने शुरु हो गए थे। दो साल पहले एस्ट्रोटर्फ तो बनकर तैयार हो गया, मगर इसमें हाइ मास्ट लाइट, बिजली कनेक्शन, पवेलियन और पानी कनेक्शन के पर्याप्त मात्रा में नही लगे होने के चलते खेलना शुरु नहीं हो सका। इन सभी तरह की प्रोसेस के लिए फाइल एक टेबल से दूसरी टेबल पर घूमती रही। यही कारण रहा कि करोड़ों की लागत से बने एस्ट्रोटर्फ के बावजूद हॉकी खिलाड़ियों को साई के कच्चे हॉकी मैदान पर प्रेक्टिस करनी पड़ी। ओलंपिक में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। सविता पूनिया और पूनम मलिक जैसी होनहार खिलाड़ी इंडियन टीम में होने के बाद भी टीम को पदक से अछूता रहना पड़ा। हॉकी खिलाड़ियों ने कहा अगर एस्ट्रोटर्फ पर समय से खेलना शुरु कर दिया होता तो कॉमनवेल्थ और ओलंपिक में हॉकी स्पर्धा में भारत जैसे देश का ही दबदबा होता।


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