बोर्ड लगे यात्रा मंगलमय होने के, ट्रेन में जान हथेली पर लेकर सफर करने को मजबूर यात्री
धुरी से सिरसा वाया हिसार होकर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में खुली रहती है अंतिम बोगी, पता होने के बावजूद रेलवे प्रशासन अनजान, यहां सप्ताह में दो से तीन बार आती है यह ट्रेन
जेएनएन, हिसार । आपने ट्रेन में चेतावनी बोर्ड लगे देखे होंगे। जिन पर लिखा होता है कि गेट पर खड़े होकर यात्रा न करें। आपकी यात्रा मंगलमय हो। लेकिन जब रेलवे प्रशासन खुद ही लापरवाही करे तो सवाल उठना भी लाजमी है। हम बात कर रहे हैं धुरी से सिरसा वाया हिसार होकर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन की। इस ट्रेन में सप्ताह में दो से तीन बार अंतिम बोगी ऐसी नजर आती है, जो पीछे से खुली रहती है। हद तो इस बात की है कि इस बोगी पर कोई गेट तक नहीं लगा हुआ। साथ ही शौचालय बने हुए हैं। ऐसे में यात्री अपनी मौत को साथ लेकर सफर करने को मजबूर हैं। यहां तक कि कई बार खुली बोगी के पास यात्री खड़े होकर भी सफर करते हैं। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
दरअसल, धुरी-सिरसा वाया हिसार पैसेंजर ट्रेन रोजाना धुरी से चलकर सुबह 9 बजे हिसार पहुंचती है। यहां से साढ़े 9 बजे सिरसा के लिए रवाना होती है। वापसी में यह ट्रेन दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट पर हिसार पहुंचती है, यहां कुछ देर रुकने के बाद लुधियाना के लिए रवाना होती है। लेकिन इस ट्रेन की अंतिम बोगी कई बार खुली देखने को मिलती है। ऐसा नहीं है कि इस बारे में रेलवे अधिकारी अनजान है। पता होने के बावजूद अधिकारी जान-बूझकर अनजान बने हुए है।
ट्रेन की अंतिम बोगी के पीछे क्रॉस का मतलब
ट्रेन की अंतिम बोगी के पीछे क्रॉस का निशान लगा होता है। इसका मतलब है कि यह बोगी का अंतिम डिब्बा है। लेकिन इस ट्रेन की अंतिम बोगी खुली होने के कारण कुछ पता नहीं चल पाता। यात्री अपनी मौत को साथ लेकर सफर करते हैं। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ। सप्ताह में दो से तीन बार खुली बोगी देखी जा सकती है।
दशहरा पर अमृतसर में हुआ था दर्दनाक हादसा
वहीं, अमृतसर में दशहरा पर्व पर जौडा फाटक के पास रेल हादसा हुआ था। लेकिन धुरी-सिरसा वाया हिसार ट्रेन में तो मौत को साथ लेकर यात्री सफर करने को मजबूर हैं। इस ओर रेलवे प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शायद अब रेलवे कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
संबधित अधिकारियों से की जाएगी बात
रेलवे के सीनियर डीसीएम अभय शर्मा ने कहा यदि ऐसा है तो गलत है। इस बारे में संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत की जाएगी और इस समस्या का समाधान करवाया जाएगा।