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हिसार आइएमए प्रधान की लैब पर कुंभ मेले में कोविड टेस्ट घोटाले का आरोप, 1 लाख फर्जी टेस्ट की आशंका

फर्जी कोरोना टेस्टिंग करने के मामले में हिसार जिले की नलवा लैब का नाम सामने आया है। आरोप है कि सरकार को मोटा चूना लगाने के लिए दिल्ली के एक लैब के साथ मिलकर नलवा लैब ने कुंभ मेले में फर्जी श्रद्धालुओं की कोरोना जांच की।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 10:39 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 10:39 AM (IST)
हिसार आइएमए प्रधान की लैब पर कुंभ मेले में कोविड टेस्ट घोटाले का आरोप, 1 लाख फर्जी टेस्ट की आशंका
हिसार की लैब में फर्जी तरीके से लोगों के आधार कार्ड व मोबाइल नंबरों पर किए दर्शाए टेस्ट

हांसी/हिसार [मनप्रीत सिंह] कुंभ मेले में फर्जी कोरोना टेस्टिंग करने के मामले में हिसार जिले की नलवा लैब का नाम सामने आया है। आरोप है कि सरकार को मोटा चूना लगाने के लिए दिल्ली के एक लैब के साथ मिलकर नलवा लैब ने कुंभ मेले में फर्जी श्रद्धालुओं की कोरोना जांच की। प्रारंभिक जांच में करीब 1 लाख कोरोना टेस्ट में धांधली की बात सामने आई है। खास बात ये है कि यही नलवा लैब हिसार में कोरोना सैंपलों की जांच भी कर रही है।

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कुंभ मेले श्रद्धालुओं का कोरोना टेस्ट करने के लिए 24 प्राइवेट लैब को रैंडम टेस्टिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद हरिद्वार के जिला अधिकारी सी रविशंकर सभी प्राइवेट लैब के भुगतान पर फिलहाल रोक लगा दी है। कुंभ में कोरोना टेस्ट करने वाली कई लैब को भी जांच के दायरे में लिया गया है। इस मामले में जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, वरिष्ठ कोषाध्यक्ष और जिला विकास अधिकारी शामिल हैं। दैनिक जागरण के हाथ लगे दस्तावेज के मुताबिक दिल्ली की एक बड़ी लैब के साथ मिलकर हिसार की लैब कुंभ मेले में कोरोना टेस्ट कर रही थी।

लैब संचालक ने टाली बात

जब इस बारे में हिसार की नलवा लैब के संचालक एवं आइएमए के प्रधान जेपीएस नलवा से बात की गई तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अभी दिल्ली की लैब से जानकारी लेंगे और उसके बाद ही कुछ आधिकारिक रूप से जवाब दे पाएंगे।

यूं खुली फर्जी टेस्ट की पोल

पंजाब के रहने वाले एक व्यक्ति ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को शिकायत भेजी की उसके मोबाइल फोन पर कोरोना टेस्ट होने का मैसेज आया, जबकि वह कुंभ मेले में गया ही नहीं था। आईसीएमआर ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड सरकार को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मामले की प्रारंभिक जांच कराई तो टेस्ट करने वाली लैब का फर्जी टेस्ट करने का बड़ा खेल उजागर हो गया। हरिद्वार में 1 मकान नंबर पर ही 700 कोरोना टेस्ट दिखाए गए हैं तो 1 मोबाइल नंबर पर 50 लोगों के टेस्ट दिखाए गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कोरोना टेस्ट के लिए नकली फोन नंबरों का इस्तेमाल किया गया। करीब 1 लाख से अधिक कोरोना जांच में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की गई है।

प्राइवेट लैब पर लगते हैं आरोप

हिसार की कुछ प्राइवेट लैब पर फर्जी कोरोना रिपोर्ट तैयार करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में कोरोना पाजिटिव परिवार एक प्राइवेट लैब से उसी दिन कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव बनवाकर विदेश चले गए थे। इस तरह के कई आरोप भी लगे की कुछ प्राइवेट और सरकारी कर्मचारियों ने अवकाश प्राप्ति के लिए पाजिटिव रिपोर्ट तैयार कर रही है।


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