शेल्टर होम में रहे प्रवासियों को कोरोना का डर, प्रशासन ने राहत देने को निकाली तरकीब
शेल्टर होम में रह रहे प्रवासियों के मन में कोरेाना वायरस के संक्रमण का डर सता रहा है। ऐसे में प्रशासन ने इस डर को निकालने के लिए मेडिकल काउिसिलिंग शुरू कर दी है।
हिसार, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन को लेकर प्रवासियों में अचानक से डर का माहौल है। प्रशासन ने हाइवे पर बने लॉज और स्कूलों में प्रवासियों के रहने खाने का प्रबंध तो कर दिया मगर कोरोना का डर उनके मन में है। ऐसे में प्रशासन ने राहत शिविरों में एक नई व्यवस्था शुरू की है। जिसमें सुबह की शुरुआत योग के साथ ही होती है। इसके बाद मेडिकल काउंसलिग के जरिये प्रवासियों को मानसिक शांति की ओर लेकर जाया जा रहा है। काउंसलर सुबह-सुबह राहत शिविरों में पहुंचते हैं यहां श्रमिकों, ग्रामीणों व अन्य प्रकार के प्रवासियों को काउंसिंलिंग के जरिये कोरोना वायरस से लडऩे की हिम्मत रहे हैं। यह मदद ऐसे वक्त की जा रही है जब लोगों में कोरोना वायरस को लेकर डर व्याप्त था।
योग के जरिये शरीर भी कर रहे स्वस्थ
प्रशासन ने राहत शिविरों में योग की व्यवस्था भी कराई है। इसके तहत सुबह जिले के 13 राहत शिविरों में योग को प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। यहां एक्सपर्ट लोगों को योग एवं प्राणायाम के जरिये अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सुझाव देते हैं। खास बात है कि पूरी एक्सरसाइज के दौरान सबसे अधिक जिस बात पर महत्व दिया जाता है वह सोशल डिस्टेंसिंग ही है। योग करते समय भी लोग अलग-अलग ही बैठते हैं और दिन में इसी नियम का पालन करते हैं।
तनाव को लेकर हर रोज प्रदेशभर से 10 से 12 कॉल लेते हैं मनो विज्ञानी
गुरु गंभेश्वर तकनीकि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय में मनो विज्ञान विभाग में प्रोफेसर व डायरेक्टर साइक्लॉजिकल गायडेंस एवं काउसंङ्क्षलग सैल डॉ संदीप राणा बताते हैं कि उनके पास हर रोज 10 से 12 लोगों की कॉल प्रदेशभर से आती है। जिसमें अक्सर लोगों को तनाव की समस्या देखने को मिल रही है। तनाव यानि लोगों को डर है कि कहीं यह बीमारी उन्हें न हो जाए। इस समस्या के लिये डॉ राणा बताते हैं कि लोगों को हम कुछ आसान से टिप्स देते हैं जिनका अनुसरण कर कोई भी इस समस्या से निदान पास सकता है। लोग अक्सर पूछते हैं कि स्ट्रेस कैसे दूर करें।
इस प्रकार से आप कोरोना के स्ट्रेस को कर सकते हैं दूर
- सबसे पहले तो आप मौजूदा परिस्थिति को मानसिक तौर स्वीकारें। अपने आप को इस परिस्थिति के लिये तैयार कर लें।
- सुबह से अपनी एक दिनचर्या निश्चित करें कि हमें क्या करना है। किसी काम में कितना वक्त देना है।
- दिनभर जोभी एक्टिविटी करें पूरे ध्यान से करें। ऐसा करने से हम ओवरथिंकिंग से बचे रहेंगे।
- हम यह सोचें कि हमारे पास क्या-क्या अच्छा है या हमने क्या क्या अच्छा किया।
- हमें पॉजिटिव अफर्मेशन देने की आवश्यकता है, यानि खुद को बताएं कि मैं स्वस्थ हूं, इस बीमारी से लड़ सकता हूं।
- सुबह व सायं ध्यान, प्रार्थना व शारीरिक एक्सरसाइज जरूर करें।
- हम अपने विश्वास में परिवर्तन लाएं, खुद को समझाएं कि यह समस्या अस्थाई है हम कुछ सतर्कता के साथ इस दौर को पार सकते हैं।
- फोन पर अपने चिरपरिचितों से बात करते रहें ताकि आपको अकेलापन न महसूस हो।
- कोरोना से जुड़े समाचार हर समय न देखें।
- अपने परिवार व बच्चों के साथ क्वालिटी समय व्यतीत करें। खेल-खेल के बहाने उनसे जुडऩे का प्रयास करें।