फाइनल ईयर की परीक्षा हो या नहीं, बताएंगे विद्यार्थी, उच्चतर शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा फीडबैक
प्रदेश के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के करीब 70 हजार विद्यार्थियों में बनी असमंजस की स्थिति। सरकार ने पहले बिना परीक्षा फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की घोषणा की थी।
हिसार, जेएनएन। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों की परीक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी होने पर कॉलेज व विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी असमंजस की स्थिति में हैं। इस असंजस की स्थिति से निपटने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों से परीक्षा बारे फीडबैक लिया जाएगा। वहीं पड़ोसी राज्यों की सरकार से भी विचार-विमर्श किया जा सकता है, ताकि विद्यार्थियों को आगामी समय में दूसरे राज्य में पढ़ाई करने में समस्या ना आए।
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस बारे में तुरंत प्रभाव से फैसला लेते हुए विभिन्न विभागों के चेयरमैन और विद्यार्थियों से परीक्षाओं बारे फीडबैक लेने का फैसला किया गया है। चेयरमैन व विद्यार्थियों से मिले फीडबैक की रिपोर्ट उच्चतर शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी। जिसके बाद उच्चतर शिक्षा विभाग इस बारे में अपनी नीति स्पष्ट कर पाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने काफी मंथन के बाद फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा प्रमोट करने का फैसला किया था। इसमें रीअपीयर के विद्यार्थियों को भी प्रमोट करने के लिए आदेश जारी हुए थे। यूजीसी ने गाइडलाइन में गुणवत्ता कम न होने देने के चलते फाइनल ईयर की परीक्षाओं संबंधित गाइडलाइन जारी करने की बात कही।
पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं हुई तो परीक्षा कैसे संभव : एनएसयूआइ
जिले के एनएसयूआइ से प्रदेश उपाध्यक्ष नवदीप दलाल और जीजेयू से इनसो चेयरमैन हङ्क्षरद्र बैनीवाल का कहना है कि जब विद्यार्थियों की पढ़ाई ही सुचारू रूप से नहीं हुई तो परीक्षा कैसे संभव है। सरकार को इस बात पर मंथन करना चाहिए।
==जहां तक राज्य सरकार का सवाल है उन्होंने जो फैसला लिया होगा वह यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार ही किया गया होगा। विद्यार्थियों को एक बार यह कह दिया गया है कि परीक्षा नहीं होगी तो विद्यार्थी निश्चिंत हो चुके हैं। अब अगर परीक्षा ली जाएगी छात्रों के लिए भी बहुत मुश्किल स्थिति होगी, सरकार को विद्यार्थियों के हित में सोचना चाहिए।
- डा. सत्य सुरेंद्र सिंगला, इंपीरियल कॉलेज
--यूजीसी की गाइडलाइन के बाद छात्रों में असमंजस की स्थिति बन गई है। परीक्षाएं होने न होने के बारे में विभागाध्यक्षों व विद्यार्थियों से फीडबैक लिया जाएगा। इसकी रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजी जाएगी।
- प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार।
==प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों से इस बारे में फीडबैक लिया जाएगा, क्योंकि परीक्षा आखिरकार विश्वविद्यालयों को ही करवानी है। अगर विश्वविद्यालय ही परीक्षा करवाने में असहमति जाहिर करते हैं तो परीक्षा संभव नहीं हो पाएंगी। इस बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा।
- अरूण जोशी, संयुक्त निदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा।