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टिकरी बार्डर खाली कराने के लिए हाई पावर कमेटी की किसानों से बैठक, नहीं बनी कोई ठोस सहमति

टिकरी बार्डर खाली कराने के लिए हाई पावर कमेटी किसान संगठनों से बातचीत कर रही है। पहले दौर की बैठक हो चुकी है। अब दूसरे दौर की बैठक चल रही है। हाई पावर कमेटी में छह अफसर शामिल हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 01:47 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 05:28 PM (IST)
टिकरी बार्डर खाली कराने के लिए हाई पावर कमेटी की किसानों से बैठक, नहीं बनी कोई ठोस सहमति
बहादुरगढ़ में किसानों से बातचीत करती हाईपावर कमेटी। जागरण

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। कृषि कानूनों के खिलाफ 11 माह से जारी किसान आंदोलन के कारण बंद पड़े दिल्ली के बार्डरों को खुलवाने के लिए मंगलवार को बहादुरगढ़ में हरियाणा सरकार की हाई पावर कमेटी और किसान आंदोनलनकारियों के बीच बहुप्रतिक्षित बैठक हुई। हालांकि संयुक्त मोर्चा के शीर्ष नेताओं में से कोई नहीं पहुंचा। इसमें उद्योगपति और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्यलूए) के प्रतिनिधि शामिल हुए। चार घंटे के मंथन के बीच दो बार बातचीत हुई और पूरी कमेटी ने टीकरी बार्डर का पहुंचकर स्थिति का जायजा भी लिया। अभी साफतौर पर कोई सहमति नहीं बन सकी।

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बैठक के दौरान किसानों ने बार्डर खोलने की गेंद दिल्ली पुलिस के पाले में डाल दी। साथ ही इस मामले पर एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) को रिपोर्ट देने की बात कही। इधर, हाई पावर कमेटी ने बैठक काे सौहार्दपूर्ण बताया और बार्डर खोलने की स्थिति में किसानाें द्वारा काेई असुविधा खड़ी न करने और सहयोग का आश्वासन मिलने की बात कही है। कमेटी अब इस मामले में दिल्ली पुलिस से बातचीत करेगी।

वहीं, इस बैठक को उद्यमियों ने सकारात्मक पहल करार दिया। बहादुरगढ़ के गौरिया पर्यटन केंद्र में सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई इस बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल, गृह सचिव बलकार सिंह, रोहतक मंडल के आयुक्त पंकज यादव, रोहतक रेंज के एडीजीपी संदीप खिरवार, झज्जर के डीसी श्याम लाल पूनिया, झज्जर के एसपी वसीम अकरम, सोनीपत के एसपी राहुल शर्मा, एसडीएम भूपेंद्र सिंह शामिल हुए।

वहीं, टीकरी बार्डर कमेटी से छह किसान और उद्यमी एसोसिएशन के छह सदस्य मौजूद रहे। पहले दौर की बातचीत में सरकार की कमेटी ने रास्ते बंद होने का मसला रखा। उद्यमियों ने इससे हो रहे नुकसान की रिपोर्ट दी।किसानों का तर्क यही था कि रास्ते उन्होंने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस ने रोक रखे हैं। इसके बाद पूरी कमेटी टीकरी बार्डर का दौरा करने के लिए पहुंची। कहां पर रास्ता बंद हैं, कहां से खोलने की जगह हो सकती है। इन सभी बिंदुओं पर निरीक्षण किया। बाद में यहां से लौटकर दूसरे दौर की बातचीत हुई। आखिर में हाई पावर कमेटी के प्रमुख अधिकारियों ने ही किसानों के साथ कुछ देर के लिए बंद कमरे में मंथन किया।

रास्ते खुलवाने के लिए कर रहे हैं पूरी कोशिश : अरोड़ा

बैठक के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि किसानों के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई। इनके साथ ही माैके का मुआयना किया गया। संयुक्त किसान माेर्चा के शीर्ष नेता तो इस बैठक में नहीं थे, लेकिन टीकरी बार्डर कमेटी से जो सदस्य आए थे, उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया है। दोनों तरफ से एक-एक लेन खोलने की संभावना तलाशी गई। उसके लिए दिल्ली पुलिस से बातचीत की जाएगी। राज्य सरकार की पुरजोर कोशिश है कि रास्ते खुल जाए, ताकि आमजन की परेशानी दूर हो और उद्योग-व्यापार के लिए कठिनाई न रहे। इस बैठक में जो बातें हुई हैं, उन पर आगे कदम बढ़ाया जाएगा।

रास्ते हमने नहीं, दिल्ली पुलिस ने बंद कर रखे हैं : आंदोलनकारी

बैठक में बातचीत के लिए आए टीकरी बार्डर कमेटी के सदस्य अमरीक सिंह ने कहा कि रास्ते हमने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस ने बंद कर रखे हैं। हमें तो जंतर-मंतर पर जाना था। दिल्ली पुलिस ने बार्डर पर रास्ता रोका तो मजबूरन हमें यहां पर रुकना पड़ा। इस बैठक में जो बातें हुई हैं, उससे एसकेएम को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में आकर उन्हें पता लगा कि इसमें मुख्य एजेंडा रास्ता खुलवाने को लेकर था।

बैठक की कार्यवाही कोर्ट में पैरवी के लिए आएगी काम : उद्यमी एसोसिएशन

बहादुरगढ़ उद्यमी एसोसिएशन से सुभाष जग्गा व नरेंद्र छिकारा ने कहा कि इस बैठक में जो कार्यवाही हुई, वह हमारे लिए कोर्ट में काम आएगी। दिल्ली हाई कोर्ट में जो याचिका डाल रखी हैं, उस पर 15 नवंबर को सुनवाई होनी है। उसमें हमने भी यही बात रखी हुई है कि रास्तों को दिल्ली पुलिस ने बंद कर रखा है। इस बैठक को हम सकारात्मक पहल के रूप में देखते हैं। यदि दिल्ली के रास्ते खुल जाएं तो व्यापार और उद्योग पटरी पर आ जाए।


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