HBSE 12th Result 2020: रिजल्ट पिछले वर्ष से दो फीसद बेहतर, ओवरऑल रैंकिंग में 5वें से 15वें पायदान पर हिसार
HBSE 12th Result 2020 हिसार अबकी बार 80.28 फीसद रिजल्ट के साथ प्रदेश में 15वें स्थान पर रहा है। हालांकि पिछले वर्ष से रिजल्ट 2.03 फीसद बेहतर रहा है। मगर प्रदेश में पिछड़ गया।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा विद्यालय बोर्ड की ओर से मंगलवार को 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। हिसार अबकी बार 80.28 फीसद रिजल्ट के साथ प्रदेश में 15वें स्थान पर रहा है। हालांकि पिछले वर्ष से रिजल्ट 2.03 फीसद बेहतर रहा है। लेकिन इसके बावजूद प्रदेशभर में ओवरऑल रैंकिंग में हिसार 5वें से 15वें नंबर पर पहुंच गया है। इसका कारण दूसरे जिलो के बेहतर रिजल्ट के चलते हुआ है। पिछले वर्ष 78.25 फीसद रिजल्ट के साथ हिसार 5वें नंबर पर था। पिछले आठ सालों के परिणाम से तुलना करें तो इस बार का परिणाम अधिक रहा है। 2014 में जिले का रिजल्ट 50.92 फीसद था, वहीं इसके बाद परिणाम में गिरावट देखने को मिली, पिछले वर्ष भी हिसार ने अच्छा रिजल्ट दिया। जिले से इस बार 18014 विद्यार्थियों ने 12वीं की परीक्षा दी। इनमें 14462 विद्यार्थी पास रहे, जबकि 2820 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट और 732 फेल हुए।
ग्रामीण विद्यार्थियों ने रिजल्ट में शहरी विद्यार्थियों को दी टक्कर
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पास विद्यार्थियों की तुलना करें तो लड़कियों ने दोनों जगह बाजी मारी है। शहरी व ग्रामीण दोनों जगह ही लड़कियों ने लड़कों को रिजल्ट में पछाड़ा है। ग्रामीण विद्यार्थियों ने शहरी क्षेत्र के स्कूलों के विद्यार्थियों के समान रिजल्ट दिया है।
हिसार - कुल - लड़के - लड़कियां - शहरी - ग्रामीण
अपीयर्ड - 17752 - 9187 - 8565 - 10872 - 6880
क्वालीफाइड - 14241 - 6889 - 7352 - 8670 -5571
कंपार्टमेंट - 2788 - 1704 - 1084 - 1774 - 1014
नॉन क्वालीफाइड - 723 - 594 - 129 - 428 - 295
पास - 80.22 - 74.99 - 85.84 - 80.97 - 79.75
स्कूल टाइप - गवर्नमेंट स्कूल
लड़कों ने परीक्षा दी - 4713
पास - 3613
पास फीसद - 76.66
लड़कियों ने परीक्षा दी - 4774
पास - 3978
पास फीसद - 83.33
कुल - 9448
पास - 7591
कुल पास फीसद - 80.16
स्कूल टाइप - प्राइवेट
लड़कों ने परीक्षा दी - 5584
पास - 4136
पास फीसद - 74.07
लड़कियों ने परीक्षा दी - 4197
पास - 3721
पास फीसद - 88.66
कुल - 9781
पास - 7857
कुल पास फीसद - 80.33
जिले के पिछले आठ सालों के नतीजे
2020 - 80.28 फीसद
2019 - 78.27 फीसद
2018 - 66.88 फीसद
2017 - 67.49 फीसद
2016 - 61.57 फीसद
2015 - 51.83 फीसद
2014 - 70.92 फीसद
2013 - 53.73 फीसद
जानिए...तीन सालों से जिले में टॉप रहे विद्यार्थी
वर्ष - स्कूल - नाम - संकाय - नंबर
2020 - गवर्नमेंट स्कूल, चमारखेड़ा - मोनिका - आटर्स - 500/497
2020 - पीजीएसडी स्कूल - अंशू - कॉमर्स - 500/496
2019 - पीजीएसडी - पलक - कॉमर्स - 500/499
2018 - गवर्नमेंट स्कूल - हिना - साइंस - 500/494
2018 - होली चाइल्ड स्कूल - नवीन - 500/494
वेबसाइट नहीं चली, टॉप 3 स्टूडेंट भी नहीं देख पाए अपना रिजल्ट
कई विद्यार्थियों ने रिजल्ट चेक करने के लिए वेबसाइट को ओपन करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा विद्यालय बोर्ड की वेबसाइट 10वीं कक्षा के रिजल्ट ही तरह ही हैंग रही। टॉप 3 में रहे विद्यार्थी भी अपना रिजल्ट नहीं देख पाए। उनके अभिभावक रिजल्ट के लिए देर शाम तक परेशान होते रहे।
जानिए...जिले तीनों संकाय में टॉप-3 में आए विद्यार्थियों के बारे में
आटर्स- टॉप 3 विद्यार्थी
हिसार में दयानंद-ऋषि कालोनी में रहने वाली और एफसी स्कूल में 12वीं में आटर्स की छात्रा आशा ने 500 में से 494 अंक हासिल कर आटर्स संकाय में जिले में दूसरा स्थान हासिल किया। पिता अजीत ङ्क्षसह खेती करते हंै। परिवार गांव खरक पूनिया में रहता है। माता सुमन भी खेती में हाथ बंटातीं हंै। आशा ने टाइम टेबल सेट करके पढ़ाई की। प्रतिदिन होमवर्क कंपलीट करती थी। तनाव दूर करने के लिए व रिलेक्स होने के लिए टीवी देखती व चाय पीती। रट्टा मारने की बजाय सिलेबस को पढ़ती थी। लेखन पर भी ध्यान दिया। प्रेजेंटेशन पर भी फोकस किया। ज्योति आइएएस अधिकारी बनाना चाहती है।
सुमन बनना चाहती है आइएएस
नारनौंद के उपासना सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा सुमन ने 12वीं में आर्टस संकाय में 500 में से 493 अंक हासिल कर जिले में तीसरा स्थान हासिल किया। पिता प्रदीप कुमार लकड़ी का काम करते हंै। माता मीना देवी गृहिणी हैं। सुमन ने बताया कि वह स्कूल से घर आते ही पढऩे बैठ जाती थी। देर रात तक पढ़ाई करती थी। परिवार वालों का भी बहुत सहयोग मिला। सुमन ने बताया कि आइएएस बनने के लिए आट््र्स संकाय लिया था।
पेपरों में सिर्फ चार घंटे सोए अंकित
बारहवीं आर्टस में टॉप थ्री में शामिल रहे अंकित ने पेपरों में जी तोड़ मेहनत की। अंकित चार घंटे ही सोते थे बाकि समय वह पढ़ाई में लगाते थे। अंकित के पिता राजकुमार और माता बिमला देवी ने हर कदम पर अंकित का मार्गदर्शन किया। अंकित ने बताया कि उनके शिक्षकों ने हमेशा एक ही सीख दी है कि पढ़ाई को रट्टे से नहीं समझकर करो। शिक्षक स्कूल में प्रैक्टिकल के जरिये समझाते थे तो जल्दी समझ में आता था। गुरु जी ने एक वाट््सएप ग्रुप बनाया हुआ था। उस पर नोट्स डालते थे, वह पढ़ते थे। इसके अलावा अपनी तरफ से भी चीजों को समझने की कोशिश करते थे।
साइंस स्ट्रीम में जिले में टॉप 3 में रहे विद्यार्थी
ज्योति मेडिकल लाइन में बनाना चाहती है कॅरियर
बरवाला के वार्ड नंबर 2 निवासी और गवर्नमेंट सीनियर सेंकेंडरी स्कूल की छात्रा ज्योति ने 12वीं में साइंस संकाय में 500 में से 488 अंक हासिल कर जिले में तीसरा स्थान हासिल किया है। माता पूनम देवी आंगनवाड़ी वर्कर हंै। 5 से 6 घंटे रोजाना पढ़ती थी। फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायो की टयूशन पढ़ी। एक्सरसाइज, बैडङ्क्षमटन, डांङ्क्षसग करके तनाव मिटाया। वाट््सएप व फेसबुक को भी जानकारी के लिए प्रयोग किया। नीट की तैयारी कर रही है। मेडिकल लाइन में कॅरियर बनाना चाहती है।
गांव में ऑनलाइन पढ़ाई में आती है परेशानी
मंडी आदमपुर के गांव सदलपुर निवासी सुमित ने 12वीं कक्षा में साइंस में 500 में से 488 अंक हासिल कर जिले तीसरा स्थान बनाया है। सुमित के पिता रामकुमार खेती के साथ प्राइवेट स्कूल में क्लर्क का काम करते है। माता सुरपा देवी गृहिणी हैं। सुमित ने शेडयूल बनाकर पढ़ाई की। घर आते ही होमवर्क पूरा कर उसे रिवाइज किया। सुमित ने जेईईई एडवांस का एग्जाम देकर इंजीनियङ्क्षरग में कंप्यूटर सांइस के क्षेत्र में करियर बनाना चाहता है। सुमित ने बताया गांव में ऑनलाइन पढ़ाई करने में परेशानी आती है क्योंकि कई बार इंटरनेट का सिग्नल नहीं मिलता। परीक्षा के दिनों में सोशल मीडिया का प्रयोग सिर्फ जानकारी के लिए किया।
डीसी बनना चाहती है संजना
नॉन मेडिकल में 98.2फीसद अंक लेने वाली संजना का लक्ष्य डीसी बनने का है। 12वीं की पढ़ाई भले ही उन्होंने नॉन मेडिकल की हो मगर वह अब आट््र्स विषय लेकर सिविल सर्विसेज की पढ़ाई करेंगी। संजना ने बताया कि वह मैथ विषय से डरती थी। ट््यूशन भी लगाई, मगर मैथ में ही उसके 100 में से 100 नंबर आए हैं। संजना के पिता विमल कुमार गुरुग्राम में बिजनेसमैन हैं। मां उषा देवी गृहिणी हैं। संजना ने बताया कि वह पेपरों में आठ से नौ घंटे पढ़ती थी। पेपर में सिर्फ पढ़ाई के अलावा कुछ नहीं सोचा। हर समय मन करता था कि मुझे पढऩा है यही कारण है कि 98.2 फीसद नंबर आए।
बिना ट्यूशन पढ़ाई की, सीए बनने का सपना
कॉमर्स में 98.8 फीसद नंबर लेने वाली वंदना का सपना सीए बनने का है। वंदना के पिता सुरेश कुमार गांव डाबड़ा में पोस्टमास्टर हैं और मां संजु देवी गृहिणी हैं। वंदना ने बताया कि वह रोजाना स्कूल से आकर अपना होमवर्क उसी दिन कंप्लीट कर लेती थी। इसके कारण पेपरों में उसे कोई दिक्कत नहीं हुई। पेपर के दिनों में पांच घंटे पढ़ाई की। ट्यूशन नहीं गई अगर कुछ दिक्कत हुई तो स्कूल के टीचर्स से ही पढ़ा। वंदना ने बताया कि उसे कल्चर एक्टिविटी में भाग लेना काफी अच्छा लगता है। इससे वह तनाव भी कम करती थी।
आइएएस बनना चाहती है करिशमा
कॉमर्स की छात्रा करिश्मा का सपना आइएएस बनने का है। कॉमर्स में करिश्मा के 98.8 फीसद नंबर हैं। करिश्मा के पिता गजेंद्र कुमार एडवोकेट हैं। करिश्मा ने बताया कि वह स्कूल जाने के अलावा आठ घंटे रोजाना पढ़ाई करती थी। पेपरों के दिनों में वह स्पेल वाइज पढ़ती थी। तीन घंटे पढ़ाई फिर ब्रेक लेकर दोबारा पढऩे बैठ जाती थी। रोजाना आठ से दस घंटे ऐसे ही पढ़ाई की। करिश्मा ने बताया कि आइएएस बनने के लिए वह आगे कॉमर्स ऑनर्स लेंगी और साथ में कंपटीशन के इग्जाम की तैयारी करेंगी।