देश के आठ राज्यों में एनीमिया रोग की समस्या दूर करेगा एचएयू का बाजरा Hisar news
एचएयू द्वारा तैयार बाजरे की दो किस्में देश के आठ राज्यों में एनीमिया की समस्या दूर करेंगी। इसके लिए एचएयू ने आंध्र प्रदेश की एक बीज कंपनी लक्ष्मी वेंकटेश्वर बीज के साथ अनुबंध किया
हिसार, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार बाजरे की दो किस्में देश के आठ राज्यों में एनीमिया की समस्या दूर करेंगी। इसके लिए एचएयू ने आंध्र प्रदेश की एक बीज कंपनी लक्ष्मी वेंकटेश्वर बीज के साथ अनुबंध किया है। इसमें बीज कंपनी को बाजरा के संकरों एचएचबी 299 और एचएचबी 311 का बीज तैयार करके उसकी मार्केटिंग करने के लिए चार वर्ष के लिए गैर एकाधिकार (नॉन एक्सक्लूसिव) लाइसेंस दिया है। इन किस्मों में आयरन की मात्रा 30-40 फीसद से ज्यादा है। इसके साथ ही यह किस्में डाउनी मिल्ड्यू रोग के प्रतिरोधक हैं। बाजरे की इन किस्मों में आयरन की अधिक मात्रा के कारण इसे खाने से एनीमिया रोग से बचाव होता है। यह किस्में बायोफोर्टिफाइड (उच्च लोहा और जस्ता) है जिसमें उच्च अनाज और सूखे चारे की उपज की क्षमता दोनों अधिक हैं।
एचएयू के वैज्ञानिकों ने डेवलप किया है यह बीज
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह की उपस्थिति में इस अनुबंध पर हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक (कार्यकारी), डा. आरके झोरड़ व बीज कंपनी से पी. शंकरप्पा ने हस्ताक्षर किए। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा प्रयासरत रहता है कि अधिक उपज वाली व बढिय़ा किस्मों को विकसित कर किसानों तक पहुंचा सकें। इस अनुबंध में विश्वविद्यालय की ओर से इस बीज कंपनी को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किए गए बाजरा के संकरों एचएचबी 299 और एचएचबी 311 का बीज उत्पादन व उसकी मार्केटिंग करने का लाइसेंस प्रदान किया गया है।
विश्वविद्यालय को मिलेगी चार लाख रुपये की लाइसेंस फीस
इसके तहत कंपनी विश्वविद्यालय को चार लाख रुपये लाइसेंस फीस देगी। बाजरा के संकरों एचएचबी 299 और एचएचबी 311 को राष्ट्रीय स्तर पर खेती के लिए पहचान के लिए राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब और दिल्ली (जोन ए) तथा खरीफ सीजन के लिए महाराष्ट्र और तमिलनाडु (जोन बी) प्रस्तावित किया गया है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. बीआर कम्बोज, अनुसंधान निदेशक, डा. एसके सेहरावत, एचओएस, डा. एसके पहूजा, प्रभारी आईपीआर सेल, डा. विनोद सांगवान उपस्थित रहे।