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पंजाब एग्रीकल्चर विवि की तर्ज पर एचएयू वर्चुअल किसान मेला लगाएगा

जागरण संवाददाता हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) इस बार वर्चुअल कि

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 08:53 AM (IST)
पंजाब एग्रीकल्चर विवि की तर्ज पर एचएयू वर्चुअल किसान मेला लगाएगा
पंजाब एग्रीकल्चर विवि की तर्ज पर एचएयू वर्चुअल किसान मेला लगाएगा

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) इस बार वर्चुअल किसान मेला आयोजित करने जा रहा है। मेले का आयोजन पंजाब एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के तर्ज पर कराया जा रहा है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किसान मेले में विश्वविद्यालय से वैज्ञानिकों की एक टीम भी मुआयना करने गई थी। वैज्ञानिकों की टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय ने भी उसी तर्ज पर मेला आयोजित करने के लिए एक बैठक बुलाकर फैसला लिया है। इस वर्चुअल मेले में देश के विभिन्न राज्यों के किसान शामिल होंगे।

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दो दिवसीय वर्चुअल किसान मेले का आयोजन आगामी 13 व 14 अक्टूबर को किया जाएगा। मेले का मुख्य विषय फसल अवशेष प्रबंधन होगा। यह फैसला सोमवार को मेले के आयोजक विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आरएस हुड्डा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष सहित मेले के आयोजन के लिए तकनीकी स्टाफ भी मौजूद था। डा. आरएस हुड्डा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते प्रतिवर्ष की तरह फिजिकली रूप से किसान मेले का आयोजन संभव नहीं है। इसलिए इस किसान मेले का आयोजन किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन माध्यम से वर्चुअल रूप से किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत दिनों पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में भी देश के पहले वर्चुअल किसान मेले का आयोजन किया गया था, जो सफल रहा। उसी तर्ज पर एचएयू में भी किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेला सुबह 10 बजे से सांय 4 बजे तक चलेगा। मेले के दूसरे दिन के सत्र में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम होगा जिसमें किसानों के सवालों के जवाब दिए जाएंगे। फिजीकल मेले का ही दूसरा रूप होगा वर्चुअल किसान मेला

कोरोना महामारी के चलते पहली बार आयोजित किया जा रहा वर्चुअल किसान मेला फिजीकली रूप से आयोजित किए जाने वाले मेले का दूसरा रूप होगा। इसमें उसी प्रकार से किसानों को जानकारियां मुहैया करवाई जाएंगी, जिस प्रकार फिजीकली रूप से होने वाले मेले में दी जाती थी। एचएयू की ओर से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय किसान मेले का आयोजन सितंबर माह में किया जाता रहा है, जिसमें देशभर से लाखों किसान भाग लेते थे। मेले में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नई-नई किस्मों के बीज किसानों को उपलब्ध करवाए जाते थे और आधुनिक कृषि यंत्रों की भी जानकारी दी जाती थी। इस बार यह सब प्रक्रिया ऑनलाइन होगी जिसमें किसान घर बैठे बीज सहित अन्य पदार्थों की ऑनलाइन बुकिग करवा सकेंगे। बाद में किसानों को उनकी बुकिग अनुसार नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्रों या अन्य माध्यमों से सामान मुहैया करवाया जाएगा। टीम गठित, टेक्नीकल एक्सपर्ट को किया टीम में शामिल

किसान मेले को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से टेक्नीकल एक्सपर्ट की टीम का गठन कर जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। साथ ही किसानों की मेले के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या से संबंधित आने वाली ऑनलाइन रिक्वेस्ट का तुरंत रिस्पोंस देने के लिए भी एक वैज्ञानिकों की टीम का पैनल बनाया गया है, जो किसानों की हर समस्या का ऑनलाइन समाधान बताएंगे।


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