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कृषि शिक्षण संस्थानों में एचएयू को छठा स्थान

आइसीएआर द्वारा जारी इस रैंकिग के लिए देश के सभी राज्य कृषि विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किया था जिसका परिणाम शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने जारी किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 07:05 AM (IST)
कृषि शिक्षण संस्थानों में एचएयू को छठा स्थान
कृषि शिक्षण संस्थानों में एचएयू को छठा स्थान

जागरण संवाददाता, हिसार : आइसीएआर रैंकिग में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) को देशभर की कृषि शिक्षण संस्थानों में छठा स्थान मिला है। वहीं राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों में एचएयू को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। हालांकि कृषि शिक्षण संस्थानों में विश्वविद्यालय की रैंकिंग कुछ कम हुई है। वहीं पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की रैंकिंग बढ़कर दूसरे पायदान पर पहुंच गई है।

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शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने 2019 के लिए रैंकिग जारी की, जिसमें एचएयू को तीसरा स्थान मिला है। रैंकिग की घोषणा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक के समापन अवसर पर की।

रैंकिग में शामिल होने के लिए यह है प्रक्रिया

आइसीएआर द्वारा जारी इस रैंकिग के लिए देश के सभी राज्य कृषि विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किया था, जिसका परिणाम शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने जारी किया।

इस आधार पर तय होती है रैंकिग

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा जारी रैंकिग के लिए विभिन्न मापदंड तय किए जाते हैं। इसके लिए 64 राज्य कृषि विश्वविद्यालय, 3 केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय व 4 डीम्ड विवि व आइसीएआर के संस्थान शामिल हुए। इस रैंकिग को प्रदान करने के लिए शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार शिक्षा के अलावा अवार्ड के अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए थे। इनमें शिक्षण, अनुसंधान व विस्तार शिक्षा के लिए तीस-तीस, जबकि अवार्ड के लिए दस अंक तय किए गए थे।

इस बार अनुसंधान क्षेत्र का रहा अहम रोल

विश्वविद्यालय के रैंकिग के नोडल अधिकारी प्रोफेसर रवि गुप्ता ने बताया कि आइसीएआर द्वारा तय मानकों में इस बार विश्वविद्यालय को अनुसंधान के क्षेत्र में सबसे अधिक अंक हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि इस रैंकिग में अनुसंधान की गत तीन वर्षो की उपलब्धियों को शामिल किया गया था। इसमें विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित करना, पेटेंट हासिल करना और नई-नई तकनीकों को विकसित करना शामिल था। इसके अलावा शिक्षण और विस्तार शिक्षा की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों को शामिल किया गया। गत वर्ष विस्तार शिक्षा में कृषि विज्ञान केंद्र यमुनानगर को 'सर्वश्रेष्ठ जोनल कृषि विज्ञान केंद्र अवार्ड' से नवाजा गया था। इसी प्रकार विश्वविद्यालय को मिले विभिन्न अवार्ड के भी अंक जुड़े हैं।

इनकी रही खास भूमिका

रैंकिग के लिए आवेदन करवाने में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह के मार्गदर्शन में गठित कमेटी में मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डा. एम.एस. सिद्धपुरिया, विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आर.एस. हुड्डा, विस्तार शिक्षा के संयुक्त निदेशक डा. कृष्ण यादव, डा. सीमा परमार व आइसीएआर के नोडल अधिकारी डा. जितेंद्र भाटिया के अतिरिक्त विश्वविद्यालय के सभी निदेशकों एवं अधिष्ठाताओं का विशेष सहयोग रहा।


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