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हिसार के एचएयू और जीजेयू ने एनजीटी के आदेश की उड़ाई धज्जियां, निगम ने थमाए नोटिस, जानिये क्या है मामला

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 के तहत स्वयं ही अपने गीले कचरे का निपटान करना अनिवार्य है। लेकिन एचएयू ने बालसमंद नहर के पास कचरा डाला है। जबकि जीजेयू ने यूनिवर्सिटी की खाली जमीन पर खुले में कचरा डालना शुरू कर रखा है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 09:24 AM (IST)
हिसार के एचएयू और जीजेयू ने एनजीटी के आदेश की उड़ाई धज्जियां, निगम ने थमाए नोटिस, जानिये क्या है मामला
15 दिन में पटरी पर व्यवस्था नहीं लौटी व्यवस्था तो 25-25 हजार का जुर्माना किया जाएगा।

हिसार, जेएनएन। हजारों युवाओं के सामने आदर्श प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी निभाने वाले शिक्षण संस्थान खुद इतने लापरवाह हो चुके है कि प्रशासन को उन पर संज्ञान लेना पड़ा रहा है। ताजा मामला चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) और गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय  (जीजेयू) का है। इन दोनों विश्वविद्यालयों के स्टाफ ने चतुराई दिखाते हुए खुले में कचरा डालकर शहर में नए डंपिंग स्टेशन बना डाले। 

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मुख्य सफाई निरीक्षक देवेंद्र बिश्नोई व उनकी टीम सदस्यों ने इन संस्थानों का निरीक्षण किया तो इनकी लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद दोनों ही विश्वविद्यालय को नगर निगम ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों की धज्जियां उड़ाने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले में नोटिस थमा दिए है। साथ ही उन्हें चेताया है कि 15 दिन में अपने कचरे का प्रबंधन नहीं किया तो दोनों संस्थानों को 25-25 हजार रुपये का जुर्माना किया जाएगा। जरुरत पड़ी तो मामले को एनजीटी में भेजा जाएगा। ऐसे में अब इन संस्थाओं की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। 

यह है मामला

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 के तहत बल्क गारबेज जनरेटर्स यानि (प्रतिदिन 100 किलोमीटर से अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थान) को स्वयं ही अपने गीले कचरे का निपटान करना अनिवार्य है। जीजेयू व एचएयू को अपने अपने कचरे का निस्तारण स्वयं करना है। जिसमें गीले कचरे से खाद तैयार करनी थी और बाकी का सेग्रीगेशन कर निस्तारण करना था। लेकिन दोनों ही यूनिवर्सिटी की जब निगम टीम ने सच जाना तो हैरान रह गए। सीएसआई देवेंद्र बिश्नोई ने बताया कि निरीक्षण में पाया कि एचएयू ने बालसमंद नहर के पास कचरा डाल-डालकर एक नया ही डंपिंग स्टेशन ही बना डाला है। जबकि जीजेयू ने यूनिवर्सिटी की खाली जमीन पर खुले में कचरा डालना शुरु कर रखा है। 

बल्क गारबेज जनरेटर्स की शहर में ये है प्रतिदिन की अनुमानित स्थिति (निगम प्रशासन के अनुसार) 

- हिसार में कुल बल्क गारबेज जनरेटर्स की निगम रिकार्ड के अनुसार संख्या : 64

- पूर्व में निगम के रिकार्ड के अनुसार एचएयू से निकलने वाले कचरे की क्षमता : 950 किलोग्राम

- पूर्व में निगम के रिकार्ड के अनुसार एचएयू से निकलने वाले कचरे की क्षमता :  800 किलोग्राम 

- शहर में सर्वाधिक कचरा उत्पन्न करने वाला संस्थान नई सब्जी मंडी जिसमें से वेस्ट निकलता है : 2 हजार किलोग्राम

- शहर के पांच बड़े बल्क गारबेज जनरेटर्स के नाम : ङ्क्षजदल अस्पताल, नई सब्जी मंडी, सामान्य अस्पताल और जीजेयू

यह है नियम 

सरकार ने कचरे के सही से निपटान कर पर्यावरण बचाव के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 बनाया। इस रूल की पालना नहीं करने पर नगर निगम और सरकार दोनों ही संज्ञान ले सकते है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 में अधिक कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थानों को कचरे से खाद तैयार करना होगा व बचे हुए को नियमानुसार डिस्पोज ऑफ करना होगा। ऐसा न करने वालों संस्थानों पर एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के चैप्टर 3 सेक्शन 15 के तहत 1 लाख तक जुर्माना और पांच साल की कैद की सजा का प्रावधान भी है।

--- एचएयू और जीजेयू का निरीक्षण किया तो इन संस्थानों की ओर से कचरा निस्तारण में लापरवाही मिली है। दोनों संस्थानों को नोटिस भेजकर 15 दिन में व्यवस्था करने का आदेश दिया है। यदि 15 दिन में व्यवस्था दुरुस्त नहीं की तो इनके खिलाफ आगामी कार्रवाई की जाएगी। 

- बेलिना, ज्वाइंट कमिश्नर, नगर निगम हिसार।


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