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एचएयू व एबिक सेंटर देंगे एग्री स्टार्ट अप को बढ़ावा

कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि एबिक सेंटर युवाओं को कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है। इस सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा नौकरी खोजने की बजाय नौकरी देने वाले बन सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 07:41 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 07:41 AM (IST)
एचएयू व एबिक सेंटर देंगे एग्री स्टार्ट अप को बढ़ावा
एचएयू व एबिक सेंटर देंगे एग्री स्टार्ट अप को बढ़ावा

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय व इसमें स्थित एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबिक) के बीच एमओयू हुआ है। इसके तहत एचएयू व एबिक सेंटर मिलकर एग्री स्टार्ट अप को बढ़ावा देंगे। समझौते पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों व एबिक अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए।

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एमओयू साइन होने के बाद एबिक सेंटर व विश्वविद्यालय एक-दूसरे की उपलब्ध सुविधाएं प्रयोग कर सकेंगे। इसके तहत एबिक के कांफ्रेंस हाल, आइडिया रूम, स्टार्ट अप के लिए केबिन व निर्माणाधीन प्रयोगशालाओं को एचएयू के चयनित विद्यार्थी, फैकल्टी व एग्री स्टार्ट अप प्रयोग कर सकेंगे। इसी प्रकार विश्वविद्यालय की इसी प्रकार की सभी सुविधाओं को एबिक सेंटर अपने स्टार्ट अप व अन्य प्रयोजनों के लिए प्रयोग कर सकेगा।

स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा

समझौते के दौरान संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि एबिक सेंटर युवाओं को कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है। इस सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा नौकरी खोजने की बजाय नौकरी देने वाले बन सकते हैं।

उत्तर भारत का एकमात्र केंद्र है एबिक

विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. आरके झोरड़ ने बताया कि यह सेंटर विश्वविद्यालय में नाबार्ड व राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार की सहायता से गत वर्ष स्थापित किया गया है। यह केंद्र उत्तर भारत का पहला केंद्र है, जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि व संबंधित क्षेत्र में नए-नए स्टार्ट अप को बढ़ावा देना है। यह इनक्यूबेशन सेंटर अब तक 80 से अधिक कृषि स्टार्ट अप की पहचान कर उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में सहायता कर रहा है। आत्मनिर्भर बनने की दिशा में निभाएगा अहम भूमिका

एबिक सेंटर की नोडल अधिकारी डा. सीमा रानी ने बताया कि चयनित एग्री स्टार्ट अप को दो महीने के प्रशिक्षण के दौरान बिजनेस व तकनीकी व उद्यमी विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की सभी प्रयोगशालाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि युवा, किसान व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिग, पैकेजिग व ब्रांडिंग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य युवा व किसानों के कृषि व कृषि से संबंधित उनमें विद्यमान कौशल व उनके नवाचारों को निखारना है। यह रहे मौजूद

एमओयू के साइन करते समय विश्वविद्यालय की ओर से कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. आरके झोरड़ व एबिक की ओर से नोडल अधिकारी डा. सीमा रानी मौजूद थे। इसके अलावा कुलपति के विशेष कार्यकारी अधिकारी डा. एमएस सिद्धपुरिया अनुसंधान निदेशक डा. एसके सहरावत मौजूद रहे।


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