पश्चिमी विक्षोभ का पहाड़ों की बजाय इस बार मैदानों की ओर प्रभाव, इसलिए हो रही बारिश
हरियाणा में मौसम में 11 मई व 13 मई को बादलवाई और मध्यम से तेज गति से हवाएं चलने व कहीं- कहीं गरज चमक के साथ बूंदाबांदी हल्की बारिश के आसार हैं। 14 मई के बाद मौसम खुश्क रहेगा।
हिसार, जेएनएन। मई के जिन दिनों में लू चलने लगती है, उन दिनों में मौसम बार बार मिजाज बदल रहा है। रविवार सुबह बादल छाए और शाम तक बारिश भी होती रही। प्रदेश के कई जिलों में अंधड़ तो गरज चमक भी देखने को मिली। मौसम के बदलते ही गर्मी भी कम हो गई। मगर सोमवार को फिर से तापमान में बढ़ोतरी हो गई और गर्मी भी बढ़ गई। मगर अब फिर से मौसम करवट लेने वाला है। यह सब पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है।
बार-बार पश्चिमी विक्षोभ का आना एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। मौसम विज्ञानी डा. मदन खिचड़ बताते हैं कि मई माह में मौसम के परिवर्तन की मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ है। मार्च और अप्रैल माह में लगातार पश्चिमी विक्षोभ आने की संख्या में इस बार इजाफा देखा जा रहा है। चक्रवाती हवाओं के दबाव बनने से पश्चिमी विक्षोभ तैयार होता है।
आमतौर पर हर माह चार से पांच पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, इनमें से ज्यादातर पहाड़ों की तरफ बढ़ते हैं और वहां वर्फबारी करते हैं। मगर इस बार यह लगातार मैदानी क्षेत्रों को प्रभावित कर रहे हैं। जिससे गर्जना और तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। इसका प्रभाव अगले दो से तीन दिनों में और देखने को मिलेगा। पूर्व में मार्च-अप्रैल माह में 10 तो मई में अभी दूसरा पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश के ऊपर से गुजरा है।
यही कारण है कि बादलवाई के साथ हल्की बारिश भी हो रही है। वहीं रविवार को बादल छाने और बूंदाबांदी के बाद हिसार में सुबह के अधिकतम तापमान में करीब चार डिग्री की गिरावट देखने को मिली तो वहीं न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। मौसम के परिवर्तन ने आढ़तियों व किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मंडियों में खुले में पड़ा गेहूं कई स्थानों पर भीग गया।
आगे मौसम का यह रहेगा हाल
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण हरियाणा राज्य में मौसम में 11 मई व 13 मई को बादलवाई और मध्यम से तेज गति से हवाएं चलने व कहीं- कहीं गरज चमक के साथ बूंदाबांदी, हल्की बारिश परन्तु 14 मई के बाद मौसम आमतौर पर खुश्क रहेगा। इसको लेकर कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने पहले ही किसानों को एसएमएस के जरिये इस बदलाव को लेकर सचेत कर दिया था।
खेती करने के दौरान किसान इन बातों का रखें ध्यान
- नरमा की बिजाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें।
- कढाई उपरांत तूड़ी/भूसा को अवश्य ढकें ताकि हवाएं चलने पर उड़ न सके।
- कढ़ाई उपरांत अनाज को सुरक्षित स्थान पर अवश्य रखें।
- फसल उत्पादन को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल का प्रबंध साथ अवश्य रखें ।
बीते शनिवार को सबसे अधिक रहा था तापमान
इससे पहले शनिवार को इस सीजन का अभी तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया था। शनिवार को हिसार में दिन का तापमान 42.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था। अब पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में भी कमी आई है।