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Haryana Weather Update: हरियाणा में उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से गिरेगा तापमान, बढ़ेगी ठंड

हरियाणा में आने वाले दो से चार दिनों में उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलने से रात के तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही अल सुबह व रात्रि के समय धुंध भी बढ़ेगी। 15 व 16 दिसंबर को हल्‍के बादल संभावित हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 08:01 AM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 08:01 AM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से गिरेगा तापमान, बढ़ेगी ठंड
धुंध व ठंड के बढ़ने से हरियाणा में फसलों को फायदा मिलेगा

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में मौसम लगातार बदल रहा है। दिन के वक्‍त जहां धूप से गर्मी रहती है वहीं सुबह ठंड तो रात को हल्‍की उमस बनी थी। अब फिर से मौसम ने करवट बदली और हल्‍की बूंदाबांदी से ठंड बढ़ेगी। शुक्रवार को हुई हल्की बारिश के बाद हिसार की हवा में परिवर्तन होने की संभावना बनी है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ की मानें तो आने वाले दो से चार दिनों में उत्तर पश्चिमी हवाओं के चलने से रात के तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही अल सुबह व रात्रि के समय धुंध भी बढ़ेगी। रविवार सुबह ग्रामीण क्षेत्रों में धुंध छा गई और पहले की तुलना में ठंड भी ज्‍यादा महसूस हुई।

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शनिवार को दिन का तापमान सामान्य से एक डिग्री कम रहकर 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस रहा। डा. खिचड़ ने बताया कि राज्य में 16 दिसंबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है, मगर 15 व 16 दिसंबर को कहीं-कहीं हल्के बादल भी संभावित हैं।

मौसम को देखते हुए किसान इन बातों पर दें ध्यान

- गेहूं की पछेती बिजाई अब तक पूरी न की हो तो जल्द पूरी करें। इसके लिए उन्नत किस्मों डब्ल्यूएच 1124 व डब्ल्यूएच 1021 के प्रमाणित बीज की मात्रा 50 किलो प्रति एकड़ प्रयोग करें।

- बिजाई से पहले बीज जनित व भूमिजनित बीमारियों से बचाव के लिए टेबुकोनाजोल 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज या कार्बोक्सिन 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से बीजोपचार अवश्य करें।

- अगेती गेहूं की फसल जो 21 दिन की हो गई हो, यदि पानी उपलब्ध हो तो ङ्क्षसचाई अवश्य करें।

- अगेती सरसों की फसल में निराई गुड़ाई कर खरपतवार निकालें व नमी संचित करें। यदि पानी उपलब्ध हो तो आवश्यकतानुसार ङ्क्षसचाई करें।

- चने की फसल में निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे।

- मौसम खुश्क रहने की संभावना देखते हुए लगी हुई सब्जियों व फलदार पौधों तथा हरे चारे वाली फसलों में आवश्यकतानुसार ङ्क्षसचाई करें।


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