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Haryana Weather Update: हरियाणा में तीन जुलाई के बाद मानसून के अनुकूल बनेंगी परिस्थितियां, अभी सताएगी गर्मी

भारत मौसम विभाग के मौसम विज्ञानियों की मानें तो हरियाणा में मानसून को लेकर अभी स्थितियां बन नहीं रही हैं। उत्तर प्रदेश की तरफ मानसून है और हरियाणा की तरफ आने में अभी समय लगेगा। आमतौर पर 25 जून के आसपास मानसून के हरियाणा में आने की संभावना होता है

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 11:32 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 11:32 AM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में तीन जुलाई के बाद मानसून के अनुकूल बनेंगी परिस्थितियां, अभी सताएगी गर्मी
हरियाणा में आगामी चार से पांच दिनों तक इसी तरह से गर्मी सताएगी

जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में मौसम खुश्क बना हुआ है, जिस कारण से दिन के समय गर्मी का अहसास भी हो रहा है। आने वाले दिनों में भी यही स्थिति है। इधर मानसून जुलाई की तरफ जाता दिख रहा है। ऐसे में तीन जुलाई के बाद हरियाणा में मानसून के अनुकूल परिस्थितियां बनती दिखाई दे रही हैं। ऐसे में लोगों को अभी कुछ और दिन बारिश का इंतजार करना होगा। मानसून अभी पछुआ हवाओं के कारण हरियाणा की तरफ बढ़ नहीं पा रहा है।

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आगामी दिनों में होने वाली बारिश ही किसानों को कुछ राहत दे सकती है। लोगों को भी गर्मी से राहत दिलाएगी। मगर कम से कम तीन जुलाई तक ऐसे हालात बनते नहीं दिख रहे हैं। बारिश हुई तो खेती के लिए भी लाभकारी रहेगी। क्योंकि जिन किसानों ने धान की बुबाइ की है उनके लिए तो यह बारिश काफी अच्छी है। बाकी भी फसलों में इसके फायदे रहेंगे।

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क्या कहता है भारत मौसम विभाग

भारत मौसम विभाग के मौसम विज्ञानियों की मानें तो हरियाणा में मानसून को लेकर अभी स्थितियां बन नहीं रही हैं। उत्तर प्रदेश की तरफ मानसून है और हरियाणा की तरफ आने में अभी समय लगेगा। आमतौर पर 25 जून के आसपास मानसून के हरियाणा में आने की संभावना होता है मगर अब लगता है कि मानसून के लिए अभी और भी इंतजार करना होगा। मानसून की बारिश पर भी फसलें भी निर्भर करेंगे। क्योंकि इस समय किसानों ने धान की बुबाई की है अगर बारिश हुई तो सिंचााई की आवश्यकता किसानों को नहीं पड़ेगी। इसको लेकर किसानों को लगातार बताया जा रहा है।

इस मौसम में किसान इन बातों का रखें ध्यान

- कपास व सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे।

- वातावरण में नमी की अधिकता व लगातार बादलवाई रहने के कारण नरमा/कपास व सब्जियों में कीटों व रोगों का प्रकोप हो सकता है इन फसलों की लगातार निगरानी करते रहे व यदि कहीं प्रकोप दिखाई दे तो विश्विद्यालय की सिफारिश दवाइयों की स्प्रे करे।

- ग्वार, बाजरा व अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तेयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध करे व उचित नमी उपलब्ध हो तो बिजाई शुरू करे। बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करे।

- धान लगाने के लिए अच्छी तरह से खेत तेयार करें । पानी उपलब्ध होने पर धान लगाना शुरू करे।

- यदि नर्सरी में पीलापन आये तो 0.5 फीसद जिंकसल्फेट, 0.5 फीसद फेरससल्फेट व 2.5 फीसद यूरिया का घोल बनाकर छिडकाव करें। यह छिड़काव आवश्यकतानुसार 4-5 दिनों के अन्तराल पर दोहराएं।

- धान में बकानी रोग से बचाव के लिए बचाव के लिए पनीरी को उखाड़ने से 7 दिन पहले 250 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति आधा कनाल नर्सरी क्षेत्र में रेत में मिलाकर पनीरी में एक सार बिखेर दें। पनीरी को खड़े पानी में ही उखाड़ें।


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