Haryana Weather News: हरियाणा में दीवाली पर मौसम रहेगा साफ, दिन का तापमान भी रहेगा सामान्य
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 23 अक्टूबर तक साफ व खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी रहने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, हिसार। दीवाली पर मौसम साफ रहने के आसार है। इसको लेकर मौसम विज्ञानियों ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में आसमान साफ रहने के साथ ही दिन के समय तापमान भी सामान्य जैसा ही रहेगा। अभी से कुछ समय पहले तक दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही थी मगर अब दो दिनों से तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 24 अक्टूबर तक साफ व खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी रहने की संभावना है। वहीं रात्रि तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है। इस दौरान उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से वातावरण में उपस्थित नमी में कमी आने की संभावना है।
रात्रि के तापमान में दिख रही कमी
बुधवार को सामान्य से 1 डिग्री अधिक होकर 34.9 डिग्री सेल्सियस दिन का तापमान दर्ज किया गया। वहीं रात्रि तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम होकर 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। वहीं अंबाला में रात्रि तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी है। भिवानी में सामान्य के बराबर, फरीदाबार में सामान्य से 1 डिग्री सेल्सियस कम रात्रि तापमान दर्ज किया गया।
हवा में घुल रहा जहर
वहीं एयर क्वालिटी इंडेक्स पर गौर करें तो अंबाला में 123 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर, भिवानी में 156, फरीदाबाद में 258, फतेहाबाद में 164, गुरुग्राम में 258, हिसार में 206, जींद में 234, करनाल में 167, कुरुक्षेत्र में 194 एक्यूआई दर्ज किया गया है। प्रदेश के अधिकांश शहर पीएम 10 व पीएम 2.5 प्रदूषण से ग्रसित हैं। पीएम को पर्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण भी कहा जाता है, जो कि वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। हवा में मौजूद कण इतने छोटे होते हैं कि आप नग्न आंखों से भी नहीं देख सकते। कुछ कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें केवल इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप का उपयोग करके पता लगाना पड़ता है।
कण प्रदूषण में पीएम 2.5 और पीएम 10 शामिल हैं जो बहुत खतरनाक होते हैं। पीएम 2.5, 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम ही रहना चाहिए। पीएम 10 और 2.5 धूल, निर्माण की जगह पर धूल, कूड़ा व पुआल जलाने से ज्यादा बढ़ता है। जब इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती हैं। पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण सांस लेते समय आपके फेफड़ों में चले जाते हैं जिससे खांसी और अस्थमा के दौरे पढ़ सकते हैं। उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, स्ट्रोक और भी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बन जाता है, इसके परिणामस्वरूप समय से पहले मृत्यु भी हो सकती है।