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Haryana Weather News: इस साल हरियाणा में मानसून समय से पहले आया, अब जाने में भी लगा रहा देरी

मानसून इस बार समय से पहले 15 जून तक हरियाणा में दस्तक दे गया था। तब से लेकर अभी तक अगस्त माह को छोड़ दें तो पिछले सभी महीनों में मानसून ने अच्छी बारिश की है। सितंबर में ताे बारिश ने रिकार्ड ही तोड़ दिए।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 12:32 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 12:32 PM (IST)
Haryana Weather News: इस साल हरियाणा में मानसून समय से पहले आया, अब जाने में भी लगा रहा देरी
हरियाणा में मानसून में अत्‍याधिक बारिश से इस बार हर कोई परेशान है

जागरण संवाददाता, हिसार। दक्षिण पश्चिम मानसून ने इस बार अलग ही प्रदर्शन किया है। मानसून इस बार समय से पहले 15 जून तक हरियाणा में दस्तक दे गया था। तब से लेकर अभी तक अगस्त माह को छोड़ दें तो पिछले सभी महीनों में मानसून ने अच्छी बारिश की है। सितंबर में ताे बारिश ने रिकार्ड ही तोड़ दिए। हरियाणा में इस मानसून सीजन में अभी तक सामान्य से 30 फीसद अधिक बारिश हो चुकी है। अहम बात यह है कि इस बार मानसून समय से पहले ही आ गया था तो इसके जल्दी जाने की उम्मीद थी मगर मानसून सितंबर के बाद ही जाएगा। अक्सर 20 सितंबर के आसपास मानसून चला जाता है। इस बार मानसून के अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में जाने के विज्ञानी कयास लगा रहे हैं।

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अब बारिश हुई तो किसानों का होगा भारी नुकसान

हरियाणा में अभी और बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञानियों ने अभी से ही ऐसे हालात दर्शा दिए हैं। मौसम विज्ञानियों की मानें तो 30 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील है। इस दौरान बादल व कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। अगर मानसून के कारण अब बारिश हुई तो किसानों को और भी नुकसान होने के आसार है। इससे पहले ही मानसून की बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कपास, मूंग, ग्वार, धान तक में किसानों को नुकसान हुआ है।

ग्वार में सबसे अधिक हाे रहा नुकसान

पिछले कुछ दिनों में हिसार जिल में अधिक बारिश आने से मौसम में अधिक नमी बढऩे के कारण ग्वार फसल में फंगस रोग दुबारा उभर कर आ रहा है। यह बीमारी बढऩे से किसानों की चिन्ता होना वजिब है। इस तरह का मौसम कई सालों बाद बना है। ग्वार की फसल में बारिश का अलग ही प्रभाव दिख रहा है। कई स्थानों पर फंगस रोग से ग्वार ग्रसित हो गई है। इसके साथ ही किसान अगर इस पर दवा स्प्रै भी कर रहे हैं तो यह फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। क्योंकि दवा खरीदने से पहले किसानों ने जानकारी ही नहीं ली कि कौन सी दवा लेनी है। नमी बहुत ज्यादा बढ़ जाने के कारण ग्वार के पत्ते काले पडऩे शुरू हो गये है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि जिन किसानों ने फंगस की रोकथाम के लिए कोई भी या एक स्प्रे किया उनको इस बीमारी की रोकथाम के लिए तुरंत स्प्रे करने की सलाह दी गई है।


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