Haryana weather news: आज फिर बदलेगा हरियाणा का मौसम, धूल भरी आंधी के साथ होगी बारिश
हरियाणा का मौसम आज फिर से कवरट बदलेगा। पश्चिमी विक्षोभ का असर अभी तक है। आज कई जिलों में धूल भरी आंधी के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। बारिश के कारण हरियाणा के लोगों को गर्मी से काफी हद तक राहत मिल गई है।
हिसार, जेएनएन। पश्चिमी विक्षोभ की आहट का असर अभी तक दिखाई दे रहा है। हरियाणा में शनिवार को भी धूलभरी आंधी के साथ बारिश होने की उम्मीद है। इससे दिन के तापमान में कमी आ सकती है। शनिवार को हिसार में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में पिछले पांच दिनों से हल्की गति से उत्तर पश्चिमी या पश्चिमी हवाएं चलने से दिन व रात्री तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इसके साथ ही मौसम खुश्क रहा है। अगले एक सप्ताह तक लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना को देखते हुए राज्य में मौसम 6 मई तक आमतौर पर परिवर्तनशील रहने, बीच बीच में मध्यम से तेज गति से धूलभरी हवा चलने व आंशिक बादल रहने की संभावना है।
4 से 6 मई के बीच बारिश की संभावना
इसके साथ ही शनिवार को कहीं-कहीं धूलभरी ह्वायों के साथ छिटपुट बूंदाबांदी होने की संभावना है। मगर 4 से 6 मई के बीच राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में हवा व गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने की भी संभावना है जिससे दिन के तापमान तापमान में गिरावट तथा यह सामान्य के आसपास ही बने रहने की संभावना है।
बदलते मौसम में किसान इन बातों का रखें ख्याल
इस सप्ताह मौसम में लगातार बदलाव की संभावना को देखते हुए गेहूं की कटाई व कढाई जल्दी से जल्दी पूरी कर सुरक्षित स्थानों पर रखें। गेंहू की कटी हुई फसल के बंडल अच्छी प्रकार से बांधे ताकि तेज हवा चलने से उड़ न सके। गेहूं के भूसे/तूड़ी को सुरक्षित स्थानों पर रखे या अच्छी प्रकार से ढके ताकि तेज हवा चलने से तूड़ी उड़ न पाएं। गेहूं को बेचने के लिए मंडी में ले जाते समय तिरपाल अपने साथ अवश्य रखें। हल्की बारिश की संभावना को देखते हुए नरमा की बिजाई के लिए तैयार खेत में नमी संचित रखे व मौसम साफ होने पर ही उत्तम किस्मों के बीजों के साथ बीजोपचार कर बिजाई करें।
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्ण कटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्ण कटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बारिश के रूप में बदल जाती है।
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