Haryana Weather News: हरियाणा में अगले तीन दिन बारिश के आसार, रात के साथ दिन में गर्मी होगी कम
कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने एक कम गहरे दबाब के क्षेत्र से हरियाणा 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच हवा व गरज चमक के हरियाणा में कहीं -कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश संभावित है।
जागरण संवाददाता, हिसार। मौसम ने एक बार फिर से करवट ले ली है। अभी तापमान कम होना शुरू ही हुआ था कि रविवार सुबह को कई स्थानों पर बारिश हुई। बारिश से मौसम सुहाना हो गया। इसके साथ ही मौसम में ठंडक बढ़ गई है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आने वाले तीन दिनों में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। बारिश के कारण स्थिति बदल गई है। इस दौरान मौसम बदलने से लोगों को संक्रामक बीमारियां भी हो रही हैं। कई लोगों को सर्दी जुकाम, बुखार के लक्षण मिल रहे हैं। ऐसे समय में चिकित्सक लोगों को अपना विशेष ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने एक कम गहरे दबाब के क्षेत्र से हरियाणा 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच हवा व गरज चमक के हरियाणा में कहीं -कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश संभावित है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी होने की संभावना है। बारिश आई तो वायु प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
अब रात्रि तापमान में हो सकती है बढाेतरी
अब रात्रि तापमान में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। हिसार में अभी तक 14.9 डिग्री सेल्सियस रात्रि तापमान चल रहा था। मगर अब यह तापमान बढ़कर 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बारिश के समय बादलवाई रहती है जिसके कारण रात्रि तापमान में इजाफा होता है। यही स्थिति मौजूदा समय में मौसम में दिखाई दे रही है। वहीं अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जोकि सामान्य से दो डिग्री अधिक है।
फसलों पर बारिश का प्रभाव
धान - अगेती बिजाई करने वाले किसानों को धान में नुकसान हाेता दिख रहा है। वहीं पछेती बिजाई में बारिश काफी फायदेमंद है।
कपास- इस बारिश में टिंडे गल रहे हैं और फूल भी काफी प्रभावित हुए हैं। ऐसे में कपास में भारी नुकसान है।
बाजरा- अभी तक तो अधिक नुकसान नहीं है, मगर आगे लगातार बारिश हुई तो इस फसल में भी नुकसान हो सकता है।
मूंग- इस फसल में अधिक नुकसान हुआ है। फलियों पर पानी पड़ने से यह काली हो जाती है। इसके साथ ही कीटों का प्रभाव भी यह सफल झेल रही है।
ग्वार - इस फसल में अंगमारी बीमारी नमी के कारण आ रही है। इस सफल में भी बारिश का नुकसान है।