Hisar Weather forecast: प्रदेश में कम बारिश के साथ दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई, जानिए अब आगे कैसा रहेगा मौसम
हरियाणा में कम बारिश के साथ दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई हो गई है। इस बाद मानसून में प्रदेश में 15 शहरों में सामान्य से कम बारिश हुई है। 26 जून को हरियाणा में मानसून सक्रिय हुआ था।
हिसार, जेएनएन। दक्षिण पश्चिम मानसून ने विदाई ले ली है। प्रदेश में 15 फीसद कम बारिश के साथ मानसून लौटा है, वहीं 15 शहर ऐसे हैं जहां बारिश इस सीजन में कम हुई है। इसमें पंचकूला, रोहतक, भिवानी, महेंद्रगढ़ में सर्वाधिक बारिश में कमी देखी गई है। बारिश के आंकड़े को लेकर प्रदेश की अधिक अच्छी स्थिति नहीं है।
प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून 26 जून को सक्रिय हुआ। मगर जुलाई माह में सामान्य से छह फीसद अधिक बारिश हुई। जिससे किसानों में अच्छी फसल होने की आस जगी, मगर अगस्त और सितंबर में बारिश का बुरा हाल देखने को मिला। इस दौरान राज्य में सामान्य बारिश 443.6 मिलीमीटर की जगह 377.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। मॉनसून की असमान बारिश होने के कारण राज्य के 15 जिलों में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज हुई। जबकि राज्य के बाकी जिलों में सामान्य या अधिक वर्षा आंकी गई है।
इन जिलों में कम हुई बारिश
जिला- कम बारिश हुई (फीसद)
पंचकूला- 65
रोहतक- 57
भिवानी- 43
महेंद्रगढ़- 37
अंबाला- 36
जींद- 29
रेवाडी- 26
पलवल- 25
पानीपत- 23
हिसार- 19
यमुनानगर- 17
सोनीपत- 11
मेवात- 9
झज्जर- 3
फरीदाबाद- 2
चार अक्टूृबर तक मौसम परिवर्तनशील
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की वापिसी की संभावना को देखते हुए तथा जम्मू कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में चार अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील बने रहने की संभावना है। इस दौरान हवाएं उत्तर पश्चिमी चलने तथा बीच बीच में आंशिक बादल आने की भी संभावना है जिससे राज्य में दिन व रात्रि तापमान में हल्की गिरावट संभावित है।
मौसम आधारित कृषि सलाह
- सरसों की बिजाई से लिए भूमि को अच्छी प्रकार से तैयार कर नमी सरंक्षित करें।
- उन्नत किस्मों आरएच 725, आरएच 749, आरएच 30 व अन्य उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीजों का प्रबंध करें ताकि तापमान अनुकूल होने पर चार-पांच दिन बाद बिजाई शुरू की जा सके। तना गलन रोग से बचाव के लिए सरसों की बिजाई से पहले 2 ग्राम कारबेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से बीजोपचार अवश्य करें।
- परिवर्तनशील व खुश्क मौसम की संभावना को देखते हुए पछेती धान की फसल में रोग व कीट आने की संभावना ज्यादा रहती है, इसलिए किसान भाई फसल की निगरानी करते रहे तथा विज्ञानियों की सलाह अनुसार आवश्यकतानुसार स्प्रे आदि करें।
- मौसम परिवर्तनशील व खुश्क रहने की संभावना देखते हुए सब्जियों व फलदार पौधों तथा हरे चारे की फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।