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Haryana weather : चैत्र में लगी सावन की झड़ी, कल भी बारिश के आसार, किसानों के बुझे चेहरे

मौसम ने फिर से अपना मिजाज बदला और हिसार समेत कई जिलों में तेज बारिश शुरू हो गई। जिन दिनों में कभी कभार बूंदाबांदी होती है बीते कुछ दिनों से रुक रुक कर झड़ी लग जाती है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 03:58 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 03:58 PM (IST)
Haryana weather : चैत्र में लगी सावन की झड़ी, कल भी बारिश के आसार, किसानों के बुझे चेहरे
Haryana weather : चैत्र में लगी सावन की झड़ी, कल भी बारिश के आसार, किसानों के बुझे चेहरे

हिसार, जेएनएन। मौसम ने फिर से अपना मिजाज बदला और हिसार समेत कई जिलों में तेज बारिश शुरू हो गई। जिन दिनों में कभी कभार बूंदाबांदी होती है, बीते कुछ दिनों से रुक रुक कर झड़ी लग जाती है। गुरुवार रात को हल्‍की बूंदाबांदी हुई तो शुक्रवार की सुबह काली घटाएं छा गई। बारिश आई और रुक गई, मगर दोपहर बाद फिर से बादल गरजने लगे और तेज बारिश शुरू हो गई। चैत्र माह की शुरूआत हो चुकी है और सावन जैसी झड़ी लगी हुई है। मगर बारिश बेमौसमी है, यही वजह है कि राहत मिलने की बजाय किसानों के लिए यह आफत बनती जा रही है।

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अगले कुछ घंटो में हिसार जोन के सभी जिलों में बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार कल भी इसी तरह का मौसम बना रह सकता है। ओलावृष्टि के आसार तो कम ही हैं मगर बारिश हो सकती है। ऐसे में अब यह चिंता का विषय बना हुआ है। खेतों में सरसों की फसल काटी जा रही है तो कोई फसल निकलवाने की तैयारी कर रहा था, मगर बारिश ने सब बिगाड़ दिया।

शुक्रवार को हिसार में अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिली और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तो वहीं न्‍यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ऐसे में बढ़ती गर्मी जरूर कम हुई है मगर फसलों के लिए बारिश बेहद नुकसानदायी है। लॉकडाउन में अनाज की कम पैदावार और भी ज्‍यादा चिंता का विषय बन सकती है। गेहूं की फसल भी ज्‍यादा बारिश होने से जमीन पर गिर सकती है। ऐसे में अगले कुछ दिन किसानों की नजर मौसम पर बनी रहेगी।

सिरसा के गावों में तो इतनी बारिश हुई कि गलियों में पानी भर गया। वहीं झज्‍जर, रोहतक, फतेहाबाद और अन्‍य जिलों में रुक रुक कर बारिश होती रही। हिसार में शुरूआत में हल्‍की ओलावृष्टि कुछ मिनटों के लिए हुई मगर बाद में बारिश शुरू हो गई। बारिश होने से मौसम खुशनुमा हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार बार बार बारिश होने का कारण पश्चिमी विक्षोभ है। पहाड़ी इलाकों में बनने वाले हवा के दबाव के कारण बार बार मैदानी इलाकों की ओर बारिश का वेग बनता है। बीत दो महीनों में दस से ज्‍यादा पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं।


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