हरियाणा में सुबह तोड़ी गई सब्जियां शाम को खा सकेंगे सऊदी अरब के लोग
हिसार एयरपोर्ट को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट-इंपोर्ट हब बनाने की तैयारी की जा रही है। एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया जापान और एचएयू के सहयोग से डेवलप करने की संभावना तलाशी जा रही है।
हिसार, जेएनएन। हिसार एयरपोर्ट को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट-इंपोर्ट हब बनाने पर भी विचार हो रहा है। एयरपोर्ट को किस-किस रूप में इस्तेमाल के लिए विकसित किया जाए, इसलिए लिए सभी क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और जापान का एक डेलीगेशन चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी से मिला और इस संबंध में बातचीत की। भारत सरकार की देश में इनवेस्ट बढ़ाने की एजेंसी इनवेस्ट इंडिया के नेतृत्व में जापान इस कार्य में सुपोर्ट सिस्टम देने के रूप में संभावनाएं तलाश रहा है।
कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि हरियाणा के किसानों को सब्जियां, फूल, डेयरी प्रोडक्ट बेचने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कम बिक्री के कारण उनका खराब होना और औने-पौने दामों में बेचा जाना आम हो गया है। इन चीजों को अधिक समय पर स्टोर भी नहीं किया जा सकता।
दिल्ली पर प्रेशर अधिक है। ऐसे में हिसार एयरपोर्ट को एक ऐसे बेस के रूप में तैयार करने की कोशिश है, जिससे कि किसानों की सब्जियां (या अन्य खाद्य पदार्थ) सुबह तोड़ी जाएं और शाम को यही ताजा सब्जियां सऊदी अरब के लोगों की प्लेट में हों। इससे न केवल सब्जियों की मांग बढ़ेगी, बल्कि किसानों को भी अधिक मुनाफा होगा। कुलपति के साथ हुई बैठक में इनवेस्ट इंडिया, एयरपोर्ट अथॉरिटी और जापान से आए सदस्य शामिल रहे।
किसान के खेतों से ऊंचे दामों में उठेंगी सब्जियां व अन्य उत्पाद
हिसार एयरपोर्ट को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट-इंपोर्ट हब बनाने के बाद एग्रीकल्चर सेक्टर का तेजी से डेवलप होना लाजिमी है। यहां तक विचार हो रहा है कि एग्रीकल्चर हब बनने के बाद हरियाणा से ताजा खाद्य पदार्थों का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। उदाहरण के तौर पर अगले 5 सालों में किसान खेत में सब्जियां उगाएगा और कंपनी स्वयं उसके खेत में आकर ऊंचे दामों में सब्जियां खरीदेगी। इन सब्जियों को विदेशों के अलावा देश के अलग-अगल हिस्सों में एक्सपोर्ट किया जा सकेगा। इससे कांट्रेक्च्यूअल फार्मिंग को भी बढ़ावा मिलेगा।
एयरपोर्ट को एग्रीकल्चर हब बनाने का यह है कारण
कुलपति प्रो. केपी ङ्क्षसह के अनुसार मुंबई को छोड़कर देश में अधिकांश एयरपोर्ट पूरी तरह से पैसेंजर एयरपोर्ट है। ऐसे में देश में खासकर उत्तर भारत में एक कमर्शियल एयरपोर्ट की दरकार है। वो भी ऐसी जगह जहां एग्रीकल्चर क्षेत्र व्यापक हो। हरियाणा इसके लिए सबसे उपयुक्त है। हरियाणा के साथ-साथ पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और यूपी तक को भी हिसार एयरपोर्ट का फायदा मिल सकेगा।
मुख्य रूप से इन उत्पादों का हो सकेगा निर्यात
- सब्जियां
- फल
- फूल
- प्लांट
- मेडिसन प्लांट
- डेयरी प्रोडक्ट
- फ्रेस फिश
- सीड
- टिश्यू कल्चर
- ग्राफ्टिंग प्लांट आदि
ये होंगे फायदे
- एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा।
- हिसार उत्तर भारत का कॉमर्शियल हब बन जाएगा।
- खाड़ी देशों में निर्यात होगा, किसानों की आय कई गुणा बढ़ जाएगी।
- किसानों के सभी तरह के उत्पाद हाथों-हाथ बिकेंगे।
- कांट्रेक्च्यूल फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा।
- हिसार इंडस्ट्रीयल, कॉमर्शियल, हॉस्पिटेलिटी हब बनेगा।
एचएयू ने इन सुविधाओं की सिफारिश की
- यहां बहुत बेहतर वेयर हाउस की जरूरत होगी।
- हाई टेक कोल्ड चेन विकसित करनी होगी।
- एग्रीकल्चरल ई-मार्ट को बढ़ावा देने की जरूरत।
- इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए प्रोफेशनल कंपनियां आएं।
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