गोरक्षा के लिए 15 वर्ष से छोड़ रखा था अन्न, महात्मा सुभाष मुनि ने ली आखिरी सांस
हरियाणा राज्य गौशाला संघ के संरक्षक और राष्ट्रीय गौरक्षा सत्याग्रह समिति के संयोजक महात्मा सुभाष मुनि का लगभग 70 वर्ष की आयु में रविवार की सुबह निधन हो गया।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा राज्य गौशाला संघ के संरक्षक और राष्ट्रीय गौरक्षा सत्याग्रह समिति के संयोजक महात्मा सुभाष मुनि का लगभग 70 वर्ष की आयु में रविवार की सुबह निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार ऋषि नगर स्थित श्मशान घाट में किया गया। गौशाला संघ के प्रदेशाध्यक्ष शमशेर आर्य ने महात्मा सुभाष मुनि के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बताया कि महात्मा सुभाष मुनि ने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए देशभर में गोहत्या पर रोक लगाने तथा गोरक्षा के लिए आंदोलनरत रहे। 15 सालों से उन्होंने अन्न छोड़ा हुआ था। मूल रूप से पंजाब में जन्मे महात्मा जी ने हरियाणा के हिसार को अपनी कर्मभूमि बनाया और पिछले एक दशक से गांव टोकस के एक मंदिर में रह रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर गोरक्षा आंदोलनो में बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा देश भर की पैदल यात्राएं भी की।
गौ हत्या देख कांप गई थी रूह, छोड़ दिया था अन्न
सन 2003 में केरल प्रांत में सरेआम सड़कों पर गौ हत्या का दृश्य देखकर उनकी रूह कांप गई तथा पूरे देश में पूर्ण रूप से गौ हत्या बंद न होने तक अन्न त्याग का कठिन संकल्प लिया। और मरते दम तक उन्होंने अपने संकल्प के अनुसार अन्न ग्रहण नहीं किया । केवल फल व सब्जियों पर अपना जीवन व्यतीत किया। 15 वर्षों में जंतर मंतर रोड दिल्ली सहित लगभग 80 स्थानों पर दिए धरने पूर्ण रूप से गोरक्षा को सर्मिपत महात्मा सुभाष मुनि ने हरयाणा राज्य गौशाला संघ के संरक्षक पद को सुशोभित करने के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरक्षा सत्याग्रह समिति का गठन भी किया।
लगातार किए धरने प्रदर्शन
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित 100 जिला मुख्यालयों पर धरने देने का संकल्प लिया तथा लगभग 80 स्थानों पर अब तक धरने -प्रदर्शन -सत्याग्रह के द्वारा सरकार को ज्ञापन देकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रयास करते रहे। अंतिम धरना भिवानी के जिला मुख्यालय पर हुआ। हरियाणा राज्य गौशाला संघ द्वारा हिसार में 151 दिन तक चले धरना प्रदर्शन का नेतृत्व किया तथा संत गोपाल दास के गोचर भूमि बचाओ आंदोलन में भी मुख्य भूमिका निभाई। इसके अलावा राम जन्मभूमि आंदोलन तथा राम मंदिर निर्माण आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।