हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल इंडिया का सपना किया साकार
हरियाणा भू-रिकॉर्ड सूचना प्रणाली (वेब हैलरिस) के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड को पूरी तरह से डिजिटलाइज किया जा रहा है। इस प्रणाली को सभी तहसीलों में लागू किया जा चुका है। हरियाणा अब आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तन्मयता से काम कर रही है
हिसार, अनुराग अग्रवाल। करीब छह साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया का जो सपना देखा था, हरियाणा ने उसे अपने राज्य में पूरे जी-जान से साकार किया है। हरियाणा को छोड़कर देश में शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा, जहां करीब साढ़े पांच सौ तरह की जन सेवाएं और योजनाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। इससे न केवल लोगों की सरकारी विभागों के चक्कर काटने की परेशानी खत्म हो रही है, बल्कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता के साथ समय की बचत भी अब होने लगी है।
प्रदेश सरकार हालांकि हरियाणा में सरकारी सेवाओं को डिजिटल करने के लिए पांच साल से सक्रिय नजर आ रही थी, लेकिन पिछले दो वर्षो में जितने काम हुए, उन सभी की बदौलत आज हरियाणा सुशासन की राह पर तेजी से दौड़ रहा है। हरियाणा ने ऐसे कई सॉफ्टवेयर विकसित किए, जिन्हें देखने, समझने और अपने राज्य में लागू करने के लिए दूसरे प्रदेशों की अथॉरिटी हरियाणा का दौरा कर रही है। सूचना एवं जनसंपर्क तथा भाषा विभाग में 30 दिनों के भीतर विज्ञापन के बिलों के भुगतान संबंधी सॉफ्टवेयर को वित्त विभाग ने खासा सराहा है।
हरियाणा को डिजिटल बनाने की राह प्रदेश के सभी 22 जिलों में सुशासन सहयोगी नियुक्त करने की प्राथमिक प्रक्रिया से शुरू हुई थी। यह सुशासन सहयोगी सरकार के नाक, कान, आंख और हाथ हैं, जिन्होंने सरकार को रिपोर्ट दी कि भ्रष्टाचार, बाबूशाही, कामचोरी और लेट-लतीफी खत्म करने के लिए जन सेवाओं को पोर्टल पर लाना बेहद जरूरी है। शुरू में इन सुशासन सहयोगियों की नियुक्तियों पर विपक्ष ने जबरदस्त सवाल उठाए, लेकिन आज हरियाणा सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण में राज्यों का सिरमौर बन चुका है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न प्रयोगों से उत्साहित होकर वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मनाया था, लेकिन अब सरकार वर्ष 2021 को सुशासन परिणाम वर्ष के रूप में मनाने जा रही है। यानी यह साल ऑनलाइन योजनाओं और परियोजनाओं की समीक्षा कर उनमें सुधार लाने का होगा।
हरियाणा के लिए यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है कि अंत्योदय सरल पोर्टल के लिए उसे डिजिटल इंडिया अवार्ड से नवाजा गया है। हरियाणा सरकार अब अपने सारे विभागों को ई-ऑफिस से जोड़ रही है। यानी सब काम ऑनलाइन ही होंगे। सरकारी दफ्तरों में न तो फाइलें होंगी और न ही उन्हें गायब कर पब्लिक से लूटपाट करने की कोई गुंजाइश रहेगी। खामियों को छिपाने के लिए दस्तावेजों को गायब कर देने का सिस्टम भी पूरी तरह से अब बंद हो जाएगा। प्रदेश के 38 विभाग और चार निगमों को अभी तक ई-ऑफिस से जोड़ा जा चुका है। प्रदेश में हर परिवार को एक यूनिक आइडी देते हुए उनके परिवार पहचान पत्र बनाने की योजना शुरू की गई है। इस परिवार पहचान पत्र के आधार पर ही लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ हासिल होगा। हरियाणा में शिक्षकों की ऑनलाइन तबादला नीति तथा फाइल ट्रैकिंग सिस्टम के शानदार परिणाम सामने आए हैं।
डिजिटलीकरण के युग में ‘अंत्योदय सरल पोर्टल’ हरियाणा में काफी सफल रहा है। राज्य भर में नागरिक सेवाओं के लिए इस वन-स्टाप डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत के बाद से योजनाओं एवं सेवाओं के लिए 3.4 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से मासिक आधार पर 5.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं। इसके अलावा नागरिकों को प्रति माह 20 लाख से अधिक एसएमएस भेजे जा रहे हैं जो उन्हें उनके आवेदनों की स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं-अपडेट करते हैं। हरियाणा के लोग ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 40 विभागों, बोर्डो एवं निगमों की 549 सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं के लिए कामन सíवस सेंटर (सीएससी) पर अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित 117 अंत्योदय सरल केंद्रों पर आवेदन कर सकते हैं। हरियाणा सरकार की अंत्योदय सरल पोर्टल सेवा को 5 अंकों में से 4.3 अंक की रेटिंग मिली है। नागरिकों को अब सूचना मांगने, सेवा के लिए आवेदन करने या किसी भी देरी के बारे में शिकायत करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है।
31 मार्च के बाद से परिवार पहचान पत्र पोर्टल के माध्यम से प्रदेश में सबसे कम पारिवारिक आय वाले ऐसे एक लाख गरीब परिवारों का चयन किया जाएगा और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने ऐसे परिवारों के सदस्यों का कौशल विकास करने, जिनके पास रोजगार नहीं हैं, उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया करवाने और वित्तीय सहायता प्रदान करने पर जोर देने की कार्ययोजना तैयार की है। इसके अलावा जिले की किसी भी तहसील में संपत्ति दस्तावेजों के पंजीकरण की सुविधा भी एक अप्रैल से चालू हो जाएगी। जमीन की रजिस्ट्री से संबंधित कार्यो में विसंगतियों को रोकने के लिए ई-पंजीकरण पोर्टल लांच किया गया है।
[स्टेट ब्यूरो चीफ, हरियाणा]