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Haryana Monsoon News: हरियाणा में हिसार समेत कई जिलों में हल्‍की तेज बारिश, जानें आगे रहेगा क्‍या

मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से दो दिनों में मानसून टर्फ दक्षिण की और नीचे की तरफ आने की संभावना से हरियाणा में मौसम में बदलाव हुआ है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 02:42 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 02:42 PM (IST)
Haryana Monsoon News: हरियाणा में हिसार समेत कई जिलों में हल्‍की तेज बारिश, जानें आगे रहेगा क्‍या
हरियाणा के कई जिलों में तेज तो कई जिलों में हल्‍की बारिश हुई है, भिवानी में पानी भर गया

जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में पिछले लंबे समय से हिसार में मौसम खुश्क बना हुआ था जिसके कारण लोगों को गर्मी का अहसास हो रहा था और गर्मी बढ़ने का कारण मौसम विज्ञानी मॉनसून ब्रेक बता रहे थे। मंगलवार को मौसम बदल गया है। हरियाणा के कई शहरों में बारिश हो रही है। तो हिसार में दोपहर को मौसम बदला और आंधी के साथ बादल छा गए। काले बादलों के कारण धूप नहीं होने से लोगो को कुछ राहत जरूर मिली है। मगर उमस भी बढ़ी। अब 5 सितंबर तक इस तरह का मौसम बने रहने के आसार हैं और कुछ जगहों पर तेज बारिश भी हो सकती है। मंगलवार को भिवानी, रोहतक, बहादुरगढ और झज्‍जर में तेज बारिश हुई तो वहीं एनसीआर के भी कई जिलों में जमकर बादल बरसे। दिल्‍ली में भी तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिली। वहीं हिसार में हल्‍की बूंदाबांदी ही दोपहर तक हुई।

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बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से हो रही बारिश

मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से दो दिनों में मानसून टर्फ दक्षिण की और नीचे की तरफ आने की संभावना से हरियाणा में मौसम में बदलाव हुआ है। इसके बाद पांच सितम्बर तक बीच-बीच में राज्य के उत्तर व दक्षिण क्षेत्र के जिलों में ज्यादातर स्थानों पर हवाओं व गरजचमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश परन्तु पाश्चिमी क्षेत्र के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में गिरावट होने की संभावना है। इस दौरान उत्तरी व दक्षिण पूर्व हरियाणा के कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की भी संभावना है।

फसलों के लिए रामबाण है ये बारिश

बता दें कि इस समय फसलों को विकसित होन के लिए सिंचाई की बहुत ज्‍यादा जरुरत थी। खासतौर पर बिरानी इलाकों में। मगर जिन जगहों पर बारिश पहले ज्‍यादा हुई थी और वहां नमी ज्‍यादा थी, वहां बारिश से नुकसान भी हो सकता है।


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