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Haryana Hisar Weather : 23 व 24 अप्रैल को फिर बारिश के आसार, 25 तक परिवर्तनशील रहेगा मौसम

एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 25 अप्रैल तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। किसान सावधानी बरतें

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 01:28 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2020 01:28 PM (IST)
Haryana Hisar Weather : 23 व 24 अप्रैल को फिर बारिश के आसार, 25 तक परिवर्तनशील रहेगा मौसम
Haryana Hisar Weather : 23 व 24 अप्रैल को फिर बारिश के आसार, 25 तक परिवर्तनशील रहेगा मौसम

हिसार, जेएनएन। किसानों को इस बार गेहूं में अच्छी पैदावार हुई है। गेहूं व सरसों की खरीद भी शुरू हो गई तो अब मौसम भी अपने तेवर दिखाने लगा है। ऐसे में फसल कटने से पहले ही गीली न हो जाए, इसकी चिंता भी बढ़ गई है। सोमवार को दिन में कभी धूप से तेज गर्मी तो कभी बादल देखने को मिले तो शाम को हरियाणा के कई जिलों में बारिश और बूंदाबांदी हुई। हिसार में दिन का तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो न्यूनतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस रहा। दिन का तापमान मौसम के बदलाव की वजह से सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा है।

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मगर मंगलवार को मौसम में फिर से बदलाव देखने को मिला और करारी धूप निकली। हालांकि बीच बीच में बादल भी छा रहे हैं। अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिली और यह करीब 32 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं न्‍यूनतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली और यह 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 25 अप्रैल तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। जिसमें बीच-बीच में आंशिक बादल आने व हल्की गति से हवाएं चलने,  23 व 24 अप्रैल को बादलवाई व तेज हवाओं के साथ कहीं-कहीं छिटपुट बूंदाबांदी या हल्की बारिश भी हो सकती है।

हिसार में पिछले छह दिनों में अधिकतम तापमान

14 अप्रैल- 40.5

15 अप्रैल- 40.6

16 अप्रैल- 39.5

17 अप्रैल- 37.2

18 अप्रैल- 36.8

19 अप्रैल- 35.7

20 अप्रैल- 34.5

नोट- तापमान डिग्री सेल्सियस में है।

मौसम आधारित कृषि सलाह

1. सरसों, गेहूं, चने व अन्य फसलों की कटाई, कढाई  करते समय बदलते मौसम का ध्यान रखें।

2. कटाई कर के फसलों के बंडल अवश्य बांधे ताकि हवा चलने से बिखर न सके।

3. कढाई उपरांत तूड़ी/भूसा को अवश्य ढकें, ताकि तेज हवाएं चलने पर उड़ न सके।

4. फसल उत्पादन को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल का प्रबंध अवश्य साथ रखें।

5. नरमा-कपास की बिजाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें।


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