नगर निगम व नगर परिषद में हुए घोटालों पर हरियाणा सरकार सख्त, चेयरमैन की पावर घटाई
हरियाणा सरकार कर रही चेयरमैन व चेयरपर्सन की पावर के पंख काटने की तैयारी। प्रदेश में नगर निगम व नगर परिषद में उजागर हुए घोटालों के बाद उठाए कदम। अब महज दो लाख तक के ही चेक पैमेंट पर हस्ताक्षर की होगी पावर।
भिवानी, [अशोक ढिकाव]। अब प्रदेश के नगर निगम व नगर परिषदों में सब कुछ बदलने वाला हैं। पहली बार प्रदेश में चेयरमैन पद के चुनाव सीाधे होने के बाद चेयरमैन व चेयरपर्सन की पावर के पंख काटने की तैयारी चल रही है। प्रदेश की नगर निगम व नगर परिषदों में हुए घोटालों के बाद चेयरमैन व चेयरपर्सन की डीडी पावर कम करने की तैयारी हैं। अब चेक व टेंडरों को पास करने की पावर कम की जाएगी। अब पूरी पावर केवल प्रशासनिक अधिकारियों व डीएमसी के पास ही ही रहेगी।
मतदान डालकर हुआ चेयरपर्सन का चुनाव
नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में पहले पार्षद ही चेयरमैन को चुनते थे। जिसके लिए खुलेआम पार्षदों की खरीद-फरोख्त का खेल होता था। जिसकी एवज में नप में चेयरमैन पद के प्रतिनिधि खुलेआम भ्रष्टाचार व कमिशनखोरी का खेल खेलते थे। जिस कारण कमिशनखोरी के चक्कर में खून खराबें तक होते थे। इसे देखते हुए इस बार पहली बार चेयरमैन पद के लिए सीधे चुनाव करवाए गए। प्रदेश सरकार ने चेयरमैन के चुनाव सीधे करवाने का निर्णय लिया था। जनता द्वारा चेयरपर्सन को अब सीधे मतदान डालकर चुना गया हैं।
एक लाख तक के टेंडर व चेक पास करवा सकेंगे चेयरमैन
अब भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार ने चेयरमैन की पावर भी कम करने का निर्णय लेते हुए उनके हाथ में सीधे पावर ना रख कर प्रशासनिक अधिकारियों, डीएमसी, कार्यकारी अधिकारी के पास ही बड़े चेक पास करने, बड़े टेंडर पास करने की पावर देने का निर्णय लिया है। अब चेयरमैन केवल एक लाख रुपये तक के चेक व टेंडर ही पास करवा पाएंगे। हालांकि अब तक यह नियम पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है, लेकिन इसे लागू करने की पूरी तैयारी शहरी निकाय विभाग कर रहा है।