हरियाणा CM मनाेहरलाल का पंजाब के सीएम को कड़ा जवाब, कहा- आपकी जैसी भाषा नहीं बोल सकता
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को हिसार में आयोजित कार्यक्रम में करारा जवाब दिया। उन्होंने किसान आंदोलन के मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान के बाद उनको मुखातिब होते हुए कहा मैं आपकी जैसी भाषा नहीं बोल सकता।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम की भाषा ओछी है। इस तरह की भाषा किसी भी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देती। मगर इस पर वह ज्यादा नहीं बोलना चाहते। उन्होंने कैप्टन को मुखातिब करते हुए कहा- मैं आपकी जैसी भाषा नहीं बोल सकता।
पानी बाैछार मारना या आंसू गैस छोड़ना बल प्रयोग नहीं होता, यह रोकने की प्रक्रिया है
मनोहरलाल ने कहा कि लोग सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना कर रहे हैं। एक मुख्यमंत्री के साथ दूसरे मुख्यमंत्री की इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है कम से कम मैं वैसा व्यवहार नहीं करूंगा। उन्होंने किसानों को रोकने के लिए पंजाब-हरियाणा बार्डर पर की गई कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि पानी की बौछार मारना या आंसू गैस छोड़ना बल प्रयोग नहीं होगा। यह भीड़ को रोकने के लिए किया गया।
कोरोना के कारण भीड़ को रोकना सरकार का मकसद था, हमने फोर्स का इस्तेमाल नहीं किया
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को इसलिए बार-बार फोन किया गया ताकि कोरोना काल में इतनी भीड़ न जुटे, इसके लिए बात की जा सके। लेकिन, बार कोशिश के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया। जब हमने यह बात सार्वजनिक की तो उन्होंने कहा कि हरियाणा के सीएम झूठ बोल रहे हैं, लेकिन जब हमने रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दिए तो पंजाब के सीएम की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।
कांग्रेस प्रायोजित है किसान आंदोलन
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने साफ शब्दों में कहा कि दिल्ली में जो हरियाणा बॉर्डर पर जो किसान बैठे हैं उनमें अधिकतर पंजाब के हैं। यह सारा आंदोलन पंजाब सरकार व कांग्रेस प्रायोजित है। अब जब सच्चाई सामने आ गई है तो उससे पंजाब के सीएम पीछे भागना चाहते हैं। कोरोना के कारण ही हमने भीड़ को रोकने की कोशिश की। पानी की बौछार मारना और आंसू गैस छोड़ने को हम बल प्रयोग नहीं मानते। यह लोगोें को रोकने के लिए अवरोधक के लिए काम आते हैं।
मनाेहरलाल ने कहा कि कोरोना काल में इतनी भीड़ जुटाना सही नहीं था। दिल्ली जैसे शहर में जहां कोरोना इतना फैल रहा है वहां इतनी भीड़ करना ठीक नहीं है। इसलिए सरकार का प्रयास था कि किसानों की भीड़ को राेका जाए। जब कोरोना काल में भीड़ को लेकर नियम लागू हैं तो सबको उसका पालन करना चाहिए। सरकार का दायित्व है उसे लागू करवाए।
केंद्र का नहीं हरियाणा का फैसला था किसानों को रोकना
बाद में पत्रकारों से बातचीत मेें यह पूछे जाने पर कि पंजाब के किसानों को हरियाणा में राेकने का फैसला केंद्र का था या प्रदेश का, मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि यह फैसला हरियाणा सरकार का था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि कोरोना के काल में पंजाब सरकार ने लोगों को क्यूं प्रोत्साहित किया। अगर कल को इस बीमारी से लोगों में प्रभाव पड़ा तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। इसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।