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Haryana Air Pollution: हरियाणा में प्रदूषण पर नहीं हो रहा काबू, मौसम निभा रहा अहम रोल

कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा में आमतौर पर एक दिसम्बर तक मौसम खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में हल्की गति से पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 01:37 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 01:37 PM (IST)
Haryana Air Pollution: हरियाणा में प्रदूषण पर नहीं हो रहा काबू, मौसम निभा रहा अहम रोल
हरियाणा में बारिश भी नहीं हो रही है और स्‍माग भी नहीं छंट रहा है

जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार में प्रदूषण अभी भी थम नहीं रहा है। रविवार को 368 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया। इस सप्ताह में यह सबसे अधिक है। इतने प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसके साथ ही सुबह व सायं के समय स्माग लाेगों के लिए दिक्कत खड़ी कर रहा है। प्रदूषण के बढ़ने में मौसम भी अहम भूमिका निभा रहा है। वातावरण ठंडा होने के कारण प्रदूषण के भारी कण एक स्थान पर ही रुके हुए हैं। तेजी से हवा चलने पर ही यह स्थिति ठीक होगी। मौजूदा समय में हवाचल रही है मगर काफी धीमी रफ्तार से चल रही है। हिसार में रात्रि तापमान अभी सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम चल रहा है। मौजूदा समय में हिसार में 9.0 डिग्री सेल्सियस रात्रि तापमान दर्ज किया गया। जबकि दिन का तापमान सामान्य के बराबर 26.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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आगे इस प्रकार रहेगा मौसम का हाल

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा में आमतौर पर एक दिसम्बर तक मौसम खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में हल्की गति से पश्चिमी व उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट होने की संभावना है परन्तु इस दौरान दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी रहने की संभावना है। पिछले कुछ दिनों से रात्रि और दिन का तापमान गिर रहा था हाल ही में इसमें बढोत्तरी दर्ज की गई थी।

अब फिर से तापमान गिरने पर मौसम के साथ-साथ प्रदूषण भी अधिक दिन तक रह सकता है। वर्तमान में प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हो रहा है। बल्कि सभी ईरान ईराक से आने वाले पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के रास्ते हिमाचल प्रदेश होते हुए हिमालय की तरफ जा रहे हैं। जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। इसके बाद पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली हवा मैदानी क्षेत्रों को ठंडा कर रही हैं। अक्सर पश्चिमी विक्षोभ के मैदानी क्षेत्रों में आने और अरब सागर से आई नमीयुक्त हवा मिलकर बारिश करती हैं तो तापमान बढ़ भी जाता है। मगर इस बार अरब सागर में मजबूत साइक्लोनिक सर्कुलेशन नहीं बन रहा।

यहां पर पूर्व में हवा चली तो गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुछ स्थानों पर बारिश हुई। मगर इससे आगे यह हवा सक्रिय नहीं हुईं। हालांकि आम दिनों की तुलना में सर्दी के मौसम में हरियाणा तक अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से कम ही हवा पहुंच पाती है क्योंकि हरियाणा काफी ऊपर स्थित है। वहीं प्रदेश तक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव भी नहीं पहुंचा। लिहाजा कोई वेदर सिस्टम न बनना भी तापमान गिरने का एक कारण रहा।


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