Move to Jagran APP

वर्ल्‍ड हेरिटेज की सूची में शामिल होगा हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता से जुड़ा राखी गढ़ी

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग सर्वे भी करवा रहा है। इस साइट की मैपिंग की जा रही है। इस कार्य को विभाग पूरी तरह से गुप्त रखे हुए है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 09:51 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 09:51 AM (IST)
वर्ल्‍ड हेरिटेज की सूची में शामिल होगा हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता से जुड़ा राखी गढ़ी
वर्ल्‍ड हेरिटेज की सूची में शामिल होगा हड़प्‍पाकालीन सभ्‍यता से जुड़ा राखी गढ़ी

नारनौंद (हिसार) जेएनएन। हड़प्पाकालीन सभ्यता को लेकर राखी गढ़ी विश्व के मानचित्र पर अंकित है और राखी गढ़ी को जल्द ही वर्ल्‍ड हेरिटेज बनाया जाएगा। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग सर्वे भी करवा रहा है। इस साइट की मैपिंग की जा रही है। इस कार्य को विभाग पूरी तरह से गुप्त रखे हुए है। वहीं साइट की जगह पर जिन ग्रामीणों ने कब्जा करके मकान बनाए हुए हैं, उनको भी शिफ्ट करने की योजना पर काम तेजी से किया जा रहा है।

loksabha election banner

करीब 6 हजार वर्ष पुरानी सभ्यता को संजोए राखी गढ़ी पूरे देश में एक नया इतिहास लिखने की तैयारी में है। ये गांव पूरे देश में अपनी अलग ही पहचान बनाने वाला है। राखी गढ़ी को वर्ल्‍ड हेरिटेज में शामिल करने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के कर्मचारियों ने इस गांव में डेरा डालकर हर प्रकार का डाटा तैयार करने में जुटे हुए हैं। सरकार ने वर्ल्‍ड हेरिटेज की सूची में राखी गढ़ी का नाम डाल दिया है और जल्द ही इसको वर्ल्‍ड हेरिटेज बना दिया जाएगा।

शीघ्र ही विभाग के डायरेक्टर जनरल व केंद्रीय मंत्री भी राखी गढ़ी के टीलों का दौरा करेंगे। विभाग के कर्मचारी वो डाटा भी इकट्ठा कर रहे हैं, जिनमें ग्रामीणों ने इस साइट की जगह पर अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है। वहीं साइट के चारों तरफ लगाई गई ग्रिल व दीवार को दोबारा बनाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।

गांव आने वाली सभी सड़कें होंगी दुरुस्त

इस ऐतिहासिक गांव के सुंदरीकरण के लिए भी जल्द ही काम शुरू होने वाला है। इसके लिए गांव को आने वाली सभी सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा और गांव की गलियों व तालाबों की भी काया पलट की जाएगी। साथ ही पीने के पानी की योजना पर भी काम किया जाएगा।

550 हेक्टेयर में फैली है सभ्यता

हड़प्पाकालीन सभ्यता की इस साइट सबसे बड़ी साइट मानी जाती है और ये करीब साढ़े पांच सौ हैक्टेयर में फैली हुई है। इस पर 9 टीलें हैं, जिनमें से टीला नंबर एक, दो, चार, छह और सात पर खुदाई हो चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.