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जीजेयू अगले सत्र से शुरू करेगा एयरोस्पेस इंजीनियरिग से जुड़े कोर्स

हिसार में स्थापित होने वाले एयरपोर्ट से यातायात की उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होंगी। साथ ही शोध और शिक्षण की दिशा में भी बहुत अधिक फायदा मिलेगा। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(जीजेयू) हिसार एयरोस्पेस इंजीनियरिग और इससे संबंधित कोर्स शुरू करने की योजना बना रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:41 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:41 AM (IST)
जीजेयू अगले सत्र से शुरू करेगा एयरोस्पेस इंजीनियरिग से जुड़े कोर्स
जीजेयू अगले सत्र से शुरू करेगा एयरोस्पेस इंजीनियरिग से जुड़े कोर्स

जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार में स्थापित होने वाले एयरपोर्ट से यातायात की उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होंगी। साथ ही शोध और शिक्षण की दिशा में भी बहुत अधिक फायदा मिलेगा। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(जीजेयू) हिसार एयरोस्पेस इंजीनियरिग और इससे संबंधित कोर्स शुरू करने की योजना बना रहा है।

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विश्वविद्यालय ऐरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए के संयुक्त तत्वावधान में एक अंतरराष्ट्रीय ड्यूअल डिग्री बीटेक प्रोग्राम (एयरोस्पेस इंजीनियरिग) शुरू करने की योजना बना रहा है। इस प्रोग्राम में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिग और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिग का स्पेशलाइजेशन होगा। प्रोग्राम के तहत जीजेयू में अंडरग्रेजुएट एयरोस्पेस इंजीनियरिग प्रोग्राम में दाखिल विद्यार्थी सफलतापूर्वक दो साल पूरे करने के बाद एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए में संबंधित क्षेत्रों में दाखिले के लिए आवेदन करेगा। अगले दो साल में जीजेयू और ऐरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी विद्यार्थी को संयुक्त रूप से स्नातक की उपाधि प्रदान करेंगे।

जीजेयू के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि हवाई अड्डा विश्वविद्यालय के बिल्कुल साथ लगता है। इसके निर्माण के बाद विश्वविद्यालय का स्तर और ऊंचा होगा। विवि के नजदीक हवाई यात्रा की सुविधा होने के कारण शोध तथा शैक्षणिक उद्देश्य से आने वाले विशेषज्ञों को अधिक सुविधा होगी।

मिसाइल तकनीक में नौकरी के अवसर बढ़ेंगे

इंटरनेशनल रिलेशंस के डीन प्रो. विनोद छोकर ने बताया कि हवाई अड्डा रोजगार प्रदान करेगा और व्यापार व आर्थिक गतिविधियों को और अधिक मजबूती देगा। इससे हिसार का सामाजिक तथा राजनीतिक स्तर देशभर में और ऊंचा होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिग से संबंधित ड्यूअल डिग्री कोर्स अगले सत्र से शुरू किए जाएंगे। यह कोर्स एविएशन, एयरक्राफ्ट, रॉकेट तथा मिसाइल तकनीक में नौकरियों के लिए सुनहरे अवसर प्रदान करेगा।


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