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गुरनाम सिंह चढ़ूनी एक अगस्त को करेंगे शक्ति प्रदर्शन, रोहद टोल से सिंघु बॉर्डर तक निकालेंगे यात्रा

गुरनाम सिंह चढ़ूनी 1 अगस्त को शक्ति प्रदर्शन करेंगे। रोहद टोल से सिंघु बार्डर के लिए सड़क यात्रा निकालेंगे। इंटरनेट मीडिया पर चढूनी ने वीडियो संदेश डालकर अपने साथियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस काफिले में भाग लेने का आह्वान किया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 05:58 PM (IST)
गुरनाम सिंह चढ़ूनी एक अगस्त को करेंगे शक्ति प्रदर्शन, रोहद टोल से सिंघु बॉर्डर तक निकालेंगे यात्रा
चढ़ूनी के शक्ति प्रदर्शन के लिए बहादुरगढ़ में वाहनों पर माइक लगा प्रचार किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। मिशन पंजाब का नारा बुलंद करने पर एक सप्ताह के लिए पिछले दिनों निलंबित किए भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम चढूनी एक अगस्त को अपनी ताकत दिखाएंगे। वह रोहद टोल से लेकर सिंघु बार्डर तक किसानों के जत्थे के साथ सड़क यात्रा निकालेंगे। आंदोलन को मजबूत करने का हवाला देकर गुरनाम चढूनी ने यूनियन से जुड़े लोगों, आंदोलनकारियों व किसानों से आह्वान किया है कि वह एक अगस्त को अपने ट्रैक्टरों, कारों, मोटरसाइकिलों व अन्य वाहनों के साथ रोहद टोल पर पहुंचे और उनका साथ दें।

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गुरनाम चढूनी का यह काफिला रोहद टोल से रवाना होकर केएमपी के पास से आसौदा, जसौर खेड़ी, कुंडल, सोहटी, छतेहरा व नाहरा-नाहरी से होता हुआ सिंघु बार्डर जाएगा। इंटरनेट मीडिया पर गुरनाम चढूनी ने वीडियो संदेश डालकर उन्हाेंने अपने साथियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस काफिले में भाग लेने का आह्वान किया है। गुरनाम चढूनी के आह्वान पर बहादुरगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में किसानों व आंदोलनकारियों को जुटाने के लिए उनके संगठन से जुड़े लोग प्रचार कर रहे हैं। वाहनों पर माइक लगाकर भी प्रचार किया जा रहा है।

एक सप्ताह के लिए निलंबित हो चुके चढ़ूनी

गौरतलब है कि गत 14 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढूनी को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया था। वे इससे पहले भी कई तरह के विवादों में रहे हैं। गुरनाम चढूनी इन सबके बावजूद आंदोलन को मजबूती देने के नाम पर अपना शक्ति प्रदर्शन करते रहे हैं। रोहद टोल से सिंघु बार्डर तक एक अगस्त को निकाली जाने वाली यात्रा को भी इसी का हिस्सा माना जा रहा है। अपने निलंबन के दौरान गुरनाम चढूनी ने कह भी दिया था कि आंदोलन में उनके संगठन से जुड़े लोगों की भागीदारी ज्यादा है। ऐसे में वह एक बार फिर से दिखाना चाह रहे हैं कि आंदोलन में उनकी क्या भूमिका है। 

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