240 किलोमीटर दूर जानी थी बारात, दूल्हे ने बारात रोक किया मतदान, कहा- देश का सवाल है
विनोद कुमार ने कतार में लग वोट डाला। उन्होंने कहा कि देश को मजबूत बनाने के लिए मतदान करना जरुरी है और विवाह बंधन में बंधने से पहले उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग सबसे जरुरी समझा।
हिसार, जेएनएन। छोटे से काम या दिक्कत के कारण लोग वोट नहीं डालते हैं। मगर कुछ लोग वोट डालना अपना कर्तव्य समझते हैं। हिसार लोकसभा में लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोला। ऐसा उदाहरण एक हांसी शहर के एक युवक ने प्रस्तुत किया। जूती व्यापारी विनोद कुमार का रविवार को विवाह था और बारात पंजाब के लुधियाना जाने के लिए तैयार खड़ी थी।
लेकिन विनोद ने मतदान की जिम्मेदारी का निर्वाह करने की ठान ली व बारात को बीच में रोक कर अपने परिवार को लेकर रोककर मतदान बूथ पर पहुंच गए। विनोद कुमार ने कतार में लग कर वोट डाला। उन्होंने कहा कि देश को मजबूत बनाने के लिए मतदान करना जरुरी है और विवाह बंधन में बंधने से पहले उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग करना जरुरी समझा।
विनोद कुमार के पिता जगदीश कुमार ने कहा कि उनके बेटे की बारात हांसी से 240 कि.मी दूर लुधियाना जानी थी व सभी बाराती जल्दीबाजी कर रहे थे लेकिन विनोद ने पहले वोट देना जरुरी समझा व सभी बारातियों को इंतजार करने के लिए कहा। विनोद कुमार ने हांसी के पिंक बूथ पर मतदान किया।
शादी से 6 घंटे पहले हल्दी की रस्म के बाद मतदान करने पहुंची दुल्हन
लोकतंत्र के महापर्व का उत्साह खूब दिखा। जाट धर्मशाला के बूथ नंबर 89 पर लाजपत नगर की रिकंल कटारिया ने शादी के जोड़े में सजने से पहले मतदान कर लोकतंत्र की स्थापना में अपनी भूमिका निभाई। ग्रेजुएट रिकंल के शादी का पंडित ने 8.30 बजे का महुर्त बताया।
शादी के दिन बाबुल का घर छोडऩे से पहले रिकंल ने शादी से छह घंटे पहले करीब 2.30 बजे हल्दी की रस्म निभाकर मतदान करने पोलिंग बूथ पर पहुंची। वह भी अपने पूरे परिवार के साथ आई। मतदान केंद्र पर मौजूद लोगों ने बेटी पर गर्व जाहिर किया। उसकी तारीफ की।
रिकंल ने कहा यह देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरुरी है कि हर मतदाता वोट करे। मैं वोट देकर ही शादी के मंडप में बैठना चाहती थी मेरे लिए वोटिंग का यह पल यादगार बना गया है। रिकंल के साथ मौजूद रिकंल के भाई संजय ने कहा कि पहले हमने मतदान किया है अब परिवार कन्यादान की रस्म आद करेगा।
वहीं इसी तरह के कई वाकये प्रदेश भर में देखने को मिले। जिसमें से डबवाली में ही तीन केस ऐसे थे जिसमें दूल्हा दुल्हन के जोड़े में युवक-युवती वोट डालने पहुंचे। इससे साफ जाहिर है कि भले ही कुछ लोग वोट डालने में कोताही बरतते हों मगर कुछ के लिए वोटिंग किसी उत्सव से कम नहीं है।
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