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फ्यूचर मेकर कंपनी की शिकायत जनपरिवाद समिति में पहुंची तो हुआ ऐसा

चिट फंड कंपनी फ्यूचर मेकर के एमडी की पहुंच का कमाल कहें या संयोग, हिसार में जिला परिवाद कमेटी की बैठक के लिए कंपनी से जुड़ी श्‍ािकायत रखने पर बैठक ही रद हो गई।

By Edited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 08:50 PM (IST)
फ्यूचर मेकर कंपनी की शिकायत जनपरिवाद समिति में पहुंची तो हुआ ऐसा
फ्यूचर मेकर कंपनी की शिकायत जनपरिवाद समिति में पहुंची तो हुआ ऐसा

हिसार, [चेतन सिंह]। चिट फंड कंपनी फ्यूचर मेकर ने कुछ युवाओं का भविष्य बनाया तो वहीं हजारों लाखों का बिगाड़ भी दिया। मगर इस दौड़ में केवल बेरोजगार ही बर्बाद नहीं हुए हैं बल्कि ऊंची पहुंच वाले लोग भी इस कंपनी के जाल में फंसे हुए थे। इसे कंपनी के एमडी राधेश्‍याम सुथार की पहुंच का कमाल कहें या महज संयोग, फ्यूचर मेकर कंपनी से सबंधित शिकायत जनपरिवाद समिति तक पहुंची तो बैठक ही रद हो गई। भाजपा के शासन में यह पहला अवसर है जब इस समिति की बैठक रद हुई है।

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बताया जाता है कि राधेश्याम सुथार की राजनीति में भी मजबूत पकड़ थी। पी‍डितों का आरोप है इसी कारण जनपरिवाद समिति की बैठक में उसकी कंपनी की शिकायत आने पर बैठक ही रद हो गई थी। यह बैठक 29 अगस्त को होनी थी, मगर एेन वक्त पर मीटिंग ही रद कर दी गई। दरअसल फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड के एमडी राधेश्याम सुथार ने जितना पैसा लोगों से कमाया, उतना ही पैसा नेताओं तक की पहुंच से भी कमाया। विभिन्न पार्टियों के कई नेताओं को राधेश्याम ने अपनी कंपनी में प्रमोटर बनाया हुआ था। ये प्रमोटर अपने कार्यकर्ताओं का पैसा कंपनी में लगवाकर पैसा कमाते थे।  राज्यमंत्री बनवारी लाल किन्हीं कारणों से बैठक में नहीं आ सके।

मंत्री के न आने के बाद इस बैठक को ही रद कर दिया गया, जबकि नियमानुसार उपायुक्त अपने स्तर पर इस बैठक का संचालन कर सकते हैं। ले‍किन बैठक नहीं हुई। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि ऐसा क्या दबाव था कि मंत्री के नहीं आने पर बैठक का संचालन नहीं हुआ। जनपरिवाद समिति की बैठक में अगर प्रशासन समय रहते इस मामले में कार्रवाई कर देता तो कई लोगों के घर उजड़ने से बच जाते। प्रभावित लोगों का आराेप है कि  प्रशासन अपने पास इस शिकायत को दबाए बैठा रहा। 

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इस मामले में शिकायतकर्ता और कोई नहीं, बल्कि फतेहाबाद भाजपा के जिला सचिव अनिल सिहाग ने ये शिकायत दी थी। उन्होंने डाक के माध्यम से डीसी हिसार को शिकायत दी थी, जिसके बाद डीसी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इस एजेंडे को जनपरिवाद समिति की बैठक में रखवा दिया। लेकिन ऐन वक्‍त पर बैठक कैंसिल हो गई।

तेलंगाना पुलिस की कार्रवाई से एक माह पहले थी प्रशासन को भनक

खास बात यह है कि फतेहाबाद से भाजपा नेता अनिल सिहाग ने अगस्त में इस कंपनी के खिलाफ प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्‍य के वित्तमंत्री, फतेहाबाद और हिसार के डीसी और एसपी को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की थी। हिसार डीसी ने मामले में कार्रवाई करते हुए तुरंत इस शिकायत को एजेंडे में शामिल कर दिया और इस शिकायत के आधार पर प्राथमिक जांच भी शुरू करवा दी थी।

इसलिए भाजपा नेता ने की शिकायत

फतेहाबाद जिले के भाजपा सचिव अनिल सिहाग ने बताया कि फ्यूचर मेकर कंपनी में फतेहाबाद के काफी लोगों ने पैसा लगाया हुआ है। वह जिले में सीएम विंडों की शिकायतें देखते हैं। आए दिन उनके पास कंपनी से जुड़े लोगों की कई शिकायतें आती थीं। इन शिकायतों को देखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री तक को इस कंपनी की शिकायत की थी। उनकी ओर से शिकायत करते ही फतेहाबाद की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। उन्‍हाेंने कहा कि इसी शिकायत के आधार पर फतेहाबाद में पुलिस ने कुछ दिन पहले ही केस दर्ज भी किया है।

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भाजपा सरकार आने के बाद जिले में इसके अलावा एक भी मीटिंग नहीं हुई थी कैंसिल

बता दें कि भाजपा सरकार आने के बाद हिसार में अब तक एक भी जनपरिवाद समिति की बैठक कैंसिल नहीं हुई थी। मंत्री के नहीं आने पर उपायुक्त शिकायत सुनते थे। मगर यहां ऐसा पहली बार हुआ, जब मंत्री के न आने पर बैठक का संचालन नहीं हुआ।

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तेलंगाना से सीएमडी राधेश्याम को प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी पुलिस

उधर हिसार पुलिस सीएमडी राधेश्याम सुथार को तेलंगाना से प्रोडक्शन वारंट पर हिसार लेकर लाएगी। इसके लिए जल्द ही पुलिस कोर्ट की अनुमति लेगी। बता दें कि  हिसार एसपी शिवचरण की तरफ से इस मामले में जांच के लिए दो एसआइटी बनाई हुई हैं।

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लोगों को ठगने से पहले मानवाधिकारों का पाठ पढ़ाता था सुंदर

फतेहाबाद।  राधेश्याम सुथार के राइट हेंड व फ्चूयर मेकर कंपनी के एमडी सुंदर सैनी ने  वर्ष 2013 में नेटवर्किंग कंपनी आरसीएम के बाद होने के बाद एक अंतरराष्ट्रीय न्यायिक मानवाधिकार नामक संस्था बनाई थी। वह उस संस्था का प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहा। उसके गांव के लोगों के मुताबिक अपनी संस्था में जोड़ने के लिए वह सदस्यों से 500 से पांच हजार रुपये तक की फीस लेता था।

उधर फ्यूचर मेकर कंपनी के एजेंटों की तरफ से सोशल मीडिया पर दर्जनों वीडियो अपलोड किए गए है। इन वीडियो में तस्वीर किसी की दिखाई नहीं दे रही। सिर्फ आवाज सुनाई देती है। हर वीडियो में यही कहा जा रहा है कि कंपनी के सीएमडी को गलत तरीके से फंसाया गया है।


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