सबलेट दुकानों पर सरकार कसेगी शिकंजा, नई पॉलिसी हो रही तैयार
पवन सिरोवा हिसार नगर निगम के क्षेत्र में सरकारी दुकानों को सबलेट करने वालों की अब ख
पवन सिरोवा, हिसार : नगर निगम के क्षेत्र में सरकारी दुकानों को सबलेट करने वालों की अब खैर नहीं है। नगर निगम व नगर सुधार मंडल की दुकानों को आगे सबलेट कर यानी किराये पर देकर चांदी कूटने वालों पर अब गाज गिर सकती है। प्रदेश सरकार नगर निगम व नगर सुधार मंडल की दुकानों की सबलेटिग को लेकर नई प्लानिग कर रही है। मौजूदा समय में जो लोग इन दिनों में अपना कारोबार कर रहे हैं, सरकार उन्हें ही स्थाई करने की प्लानिग कर रही है। इस नई पॉलिसी के बनाने से पहले शहरी स्थानीय निकाय विभाग (यूएलबी) ने प्रदेश के सभी निगम से पॉलिसी निर्माण में उनके स्तर पर सुझाव मांगे थे। इसको लेकर फरीदाबाद में आइएएस सोनल गोयल कमिश्नर फरीदाबाद नगर निगम की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई है। ऐसे में अब नई पॉलिसी में सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। उसमें सरकार द्वारा दुकानों में जो मौजूदा किराएदार बैठे हैं, उन्हें स्थाई किए जाने की संभावना है। बैठक में यूएलबी की चीफ विजिलेंस ऑफिसर वर्षा खनगवाल भी मौजूद थी।
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निगम दुकानों का जुटाएगा डाटा, पुरानी लिस्ट हो रही सूचीबद्ध
सरकार दुकानों की सबलेटिग को लेकर नई पॉलिसी बना रही है। यूएलबी के आदेश आते ही कमिश्नर ने सबलेटिग की नई पॉलिसी निर्माण के संबंध में दिशा निर्देश दिए। उसी कड़ी में कर्मचारियों ने किराये पर दी हुई दुकानों को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया है। इन दुकानों की अब निगम जानकारी जुटाएगा कि किराएदार दुकानों का प्रयोग स्वयं कर रहे हैं या उन्हें आगे सबलेट किया हुआ है। इसके अलावा लंबे समय से किराया नहीं देने वाले किरायेदारों की सूची भी तैयार की जाएगी। सबलेट से अभिप्राय है कि उप-किरायेदार यानी (निगम से दुकान किराये पर जिसने ली उसने आगे किसी ओर को किराये पर दे रखी है।)
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निगम की वर्तमान में किराये पर 504 दुकाने हैं
शहर में अलग-अलग स्थानों पर कुल 504 दुकानें बनी हुई हैं। जिसमें नगर निगम की 415 और नगर सुधार मंडल की 89 दुकानें हैं। इनमें पुरानी सब्जीमंडी की दुकानें भी शामिल हैं। इनमें चार दुकानों की भूमि 99 साल की लीज पर दी हुई है। ये दुकानें सूचीबद्ध हुई हैं। जिनका बाद में सर्वे होगा। ये दुकानें राजगुरु मार्केट एरिया से लेकर अग्रसेन मार्केट, पटेल नगर एरिया, ठंडी सड़क एरिया, पड़ाव चौक क्षेत्र सहित शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हैं। इनकी कीमत करोड़ों में है।
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सब्जीमंडी की दुकानों का साल 2015 से नहीं लिया किराया
शहर की पुरानी सब्जीमंडी में निगम की 119 दुकानें हैं। इन दुकानों का पहले निगम किराया लेता था। लेकिन बाद में ये डिनोटिफाइड होने के कारण 15 जून 2015 के बाद से नगर निगम ने इन दुकानों का किराया नहीं लिया है। ऐसे में इन दुकानों पर भी निगम अब आगामी कदम उठाने पर विचार विमर्श कर रहा है।
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आय बढ़ाने को निगम ने बैठक में ये दिया सुझाव
दुकानों को सबलेट करने को लेकर निगम की ओर से बैठक में सुझाव भी दिया गया। जिसमें कहा गया कि दुकान को ट्रांसफर फिर कम से कम एक लाख रुपये और भूमि या खोखा ट्रांसफर फीस न्यूनतम 50 हजार हो। इसके अलावा ट्रांसफर के समय वर्तमान किराये में 25 फीसद की वृद्धि तत्पश्चात हर 5 साल बाद 25 फीसद की वृद्धि हो।
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सबलेटिग पर निगम की मिलीभगत से चल रहा खेल
निगम में बाकायदा सरकारी दुकानों की देखरेख के लिए स्टाफ लगाया हुआ है। जिसकी ड्यूटी इन दुकानों की देखरेख करना है। बावजूद इसके शहर में सरकारी दुकानों को एक नहीं बल्कि कई लोगों को आगे किराये पर देने का बड़ा खेल चल रहा है। उसका उदाहरण जगजीवन नगर की दुकानों व दमकल केंद्र के पास की सरकारी दुकानों में देखा जा सकता है। निगम की मिलीभगत से दुकानों के हिस्से तक किए जा चुके हैं। इसके अलावा दुकानें जिन नियम व शर्तों पर दीं, उनकी खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। सूत्रों की मानें तो दुकानों का रिकार्ड व नियम-शर्तों के तहत रिकार्ड जांचा जाए तो भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा होने की संभावना है।
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वर्जन :-
सरकारी दुकानों की सबलेटिग को नई पॉलिसी बनाई जा रही है। निगम स्टाफ ने मीटिग में क्या सुझाव दिया व उनमें क्या फैसला हुआ, इस बारे में स्टाफ से पूरी जानकारी ली जाएगी।
- गौतम सरदाना, मेयर, नगर निगम हिसार।