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नैक से ए-ग्रेड एक्रिडेटिड और 53 कॉलेज जिसके अधीन, वित्तीय संकट से जूझ रहा यह विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय के पास अगस्त माह में दिया जाने वाला जुलाई माह का पर्याप्त वेतन भी नहीं है। विश्वविद्यालय के पास एक करोड़ से भी कम रुपये हैं, जबकि टी¨चग और नॉन टी¨चग स्टाफ को करीब 6 करोड़ रुपये का वेतन दिया जाना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 06:32 PM (IST)
नैक से ए-ग्रेड एक्रिडेटिड और 53 कॉलेज जिसके अधीन, वित्तीय संकट से जूझ रहा यह विश्वविद्यालय
नैक से ए-ग्रेड एक्रिडेटिड और 53 कॉलेज जिसके अधीन, वित्तीय संकट से जूझ रहा यह विश्वविद्यालय

जेएनएन, हिसार : नया सत्र शुरू होने से पहले ही गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में वित्तीय संकट पैदा हो गया है। विश्वविद्यालय के पास अगस्त माह में दिया जाने वाला जुलाई माह का पर्याप्त वेतन भी नहीं है। विश्वविद्यालय के पास एक करोड़ से भी कम रुपये हैं, जबकि टी¨चग और नॉन टी¨चग स्टाफ को करीब 6 करोड़ रुपये का वेतन दिया जाना है। ऐसे में अधिकारियों ने कुलपति और रजिस्ट्रार को मामले से अवगत करवा दिया है। वित्तीय संकट का कारण विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में अनुबंध आधार पर लगाए कर्मचारियों और कालेजों का विश्वविद्यालय से संबद्ध होना माना जा रहा है। वहीं अगर प्रोफेसरों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिलता है तो विश्वविद्यालय की माली हालात और अधिक बिगड़ जाएगी। मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंगलवार को बैठक भी की। रजिस्ट्रार डा. अनिल कुमार पुंडीर के अनुसार जीजेयू के अधीन 53 कालेज आने के बाद विवि में वर्क लोड काफी बढ़ गया है। हम नई पोस्ट सेंक्शन करवा रहे हैं। वहीं सरकार की ओर से जो ग्रांट आनी थी, वह लेट हो गई है। बिना जरूरत भी लगाए थे कर्मचारी

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विश्वविद्यालय में पिछले पांच सालों में सैकड़ों की संख्या में अनुबंध के आधार पर कर्मचारी लगाए गए। कभी राजनैतिक दबाव में तो कभी जरूरत के अनुसार। यह तो अच्छी बात है कि बेराजगारों को रोजगार मिला, लेकिन जरूरत के अनुसार नहीं। कई ऐसी जगहों पर भी अनुबंध आधार पर कर्मचारियों की भर्ती की गई है, जहां जरूरत ही नहीं थी।

विश्वविद्यालय के ही कुछ पक्के कर्मचारी कहते हैं कि अनुबंध आधार पर आए कर्मचारियों के कारण रेगुलर कर्मचारी स्वाभाविक रूप से उतना काम नहीं कर रहे, जितना उन्हें करना चाहिए।

937 सेंक्शन पोस्ट के बाद 858 लगे अनुबंध आधार पर

विश्वविद्यालय में कुल 937 सेंक्शन पोस्ट हैं। जिनमें से कुछ पद रिक्त भी हैं। वहीं समय-समय पर विश्वविद्यालय द्वारा अनुबंध आधार पर भर्तियां की गईं। फिलहाल स्थिति यह है कि अनुबंध आधार पर 120 तो केवल टीचर ही लगाए गए हैं। वहीं यूनिवर्सिटी व‌र्क्स डिपार्टमेंट में 197 भर्तियां की गई हैं। बजट की स्थिति -

विवि को इस बार कुल 45 करोड़ का बजट सरकार की ओर से सेंक्शन हुआ था, जो चार किश्तों में मिलना है। पहली किस्त में 20 फीसद, दूसरी और तीसरी में 25-25 और चौथी किश्त में बाकि बचा 30 फीसद बजट मिलना है। पहली इंस्टालमेंट आ चुकी है।

वहीं जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा विभाग से करीब 10 करोड़ की इन्कम होती है। दूसरी और विवि के पूरे स्टाफ को हर महीने करीब 6 करोड़ सैलरी के रूप में देने होते हैं। अनुबंध आधार पर लगे लोगों को सालाना करीब 21 करोड़ रुपये सैलरी के रूप में देने पड़ते हैं।

अनुबंधित आधार पर लगे कर्मियों का डाटा

फैकल्टी - 120

विभागों में स्टाफ - 265

एससी ऑफिस - 197

सफाई शाखा - 93

सिक्योरिटी - 163

अधिकारी - 20

कुल - 848 ये हैं सेंक्शन पोस्ट :::

टीचर (अंडर यूनिवर्सिटी प्लान) - 186

टीचर (सेल्फ फाइनेंस) - 93

नॉन टी¨चग (अंडर यूनिवर्सिटी प्लान) - 571

नॉन टी¨चग (सेल्फ फाइनेंस) - 87

कुल - 937 - सरकार से मिलने वाली हमारी ग्रांट करीब एक माह लेट हो गई थी। मैं अभी चंडीगढ़ में इससे संबंधित बात करके आ रहा हूं। 2-4 दिन में ग्रांट आ जाएगी और कर्मचारियों को सैलरी की कोई दिक्कत नहीं आएगी। वहीं जहां तक अनुबंध आधार पर कर्मचारी लगाने की बात है तो इस बार विवि के अधीन 53 कालेज और आने के बाद वर्कलोड बढ़ गया है। विश्वविद्यालय में चार नए कोर्स शुरू होने से 12 कक्षाओं सहित लैब का बोझ बढ़ गया है। इसलिए कर्मचारियों की जरूरत है। हम सेंक्शन पोस्ट की रि-स्ट्रक्च¨रग कर रहे हैं। जिससे रेगुलर कर्मचारियों की भर्ती होगी।

- डा. अनिल कुमार पुंडीर, रजिस्ट्रार, जीजेयू हिसार।


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