जीजेयू ने बदला पीएचडी का सिलेबस, अब दो रिसर्च एंड पब्लिकेशन पेपर पढऩा जरूरी
रजिस्ट्रेशन कोर्स वर्क के लिए PHD छात्रों के लिए 30 घंटे का कोर्स करवाया जाएगा। जिसमें यह बताया जाएगा कि रिसर्च को कैसे प्रकाशित करें। रिसर्च का विषय प्रयोगात्मक हो कॉपी न किया हो
हिसार [सुभाष चंद्र] विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा दिए गए आदेशों के बाद जीजेयू प्रशासन ने रिसर्च एंड पब्लिकेशन रिसर्च पेपर को जीजेयू में पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों के लिए जरूरी कर दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से देशभर के विश्वविद्यालयों में रिसर्च की क्वालिटी बढ़ाने के लिए रिसर्च एंड पब्लिकेशन एथिक्स रिसर्च पेपर को लागू किए जाने के आदेश जारी किए गए थे।
जिसके बाद जीजेयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय में पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों के लिए उपरोक्त रिसर्च पेपर जरूरी कर दिया है। इस रिसर्च पेपर को लागू करने से विद्यार्थियों को दो क्रेडिट का लाभ भी होगा। इस रिसर्च पेपर में विद्यार्थियों को रिसर्च में साहित्यिक चोरी के मामलों को रोकने के लिए तथा रिसर्च के प्रकाशन की नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा।
यूजीसी ने लिया फैसला
नैतिकता और प्रकाशन के सदाचार पर आधारित दो क्रेडिट यानि के इस पाठ्यक्रम में विश्वविद्यालयों में प्री-रजिस्ट्रेशन कोर्स वर्क के लिए पीएचडी छात्रों के लिए 30 घंटे का कोर्स करवाया जाएगा। जिसमें यह बताया जाएगा कि रिसर्च को कैसे प्रकाशित करें। रिसर्च का विषय प्रयोगात्मक हो वहीं इसके लिए कहीं से डेटा कॉपी न करें।
जीजेयू में पीएचडी के लिए काउंसिलिंग आज
जीजेयू में पीएचडी में दाखिले के लिए 13 जनवरी को पहली काउंसिलिंग का आयोजन किया जाएगा। 8 जनवरी को जीजेयू में पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर मैरिट लिस्ट जारी कर दी गई। प्रवेश परीक्षा में मैरिट के आधार पर विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में पीएचडी में दाखिले का मौका मिलेगा।
नेट और जेआरएफ को सीधे मिलेगा प्रवेश
जीजेयू में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के आधार पर तो 9 कोर्स की 57 सीटों पर दाखिले होंगे। जबकि अन्य सीटों पर जेआरएफ व नेट क्वालीफाई सीधे दाखिला ले सकते हैं। विश्वविद्यालय में पीएचडी में दाखिले के लिए करीब 460 आवेदनकर्ताओं ने आवेदन किए थे। जबकि परीक्षा में 240 आवेदनकर्ता शामिल हुए थे। वहीं जीजेयू की ओर से जेआरएफ और नेट क्वालीफाई करने वाले लोगों के लिए दोबारा से पीएचडी में प्रवेश के लिए आवेदन करने का मौका दिया गया है।
-----विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेशों के बाद जीजेयू में पीएचडी के सिलेबस में बदलाव किया गया है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लागू किए गए रिसर्च एंड पब्लिकेशन एथिक्स रिसर्च पेपर को विश्वविद्यालय में पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को भी पढ़ाया जाएगा। विश्वविद्यालय में पीएचडी के सभी कोर्सेज में इसे लागू किया गया है।
प्रो. उषा अरोड़ा, डीन एकेडमिक अफेयर, जीजेयू।