जीवन प्रबंधन : मनमुटाव, करियर और चिंता पर विजय पाने की राह दिखाता है गीता का ज्ञान
प्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने गीता जयंती कार्यक्रम का किया शुभारंभ। 40 स्टॉलों पर विभागों की योजनाएं धार्मिक ग्रंथ घरेलू पौधों की जानकारी लेने पहुंचे लोग।
जेएनएन, हिसार: पुराने राजकीय मैदान में शुक्रवार को गीता जयंती महोत्सव का डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने शुभारंभ किया। इसमें जहां एक ओर कई प्रकार के सांस्कृतिक नृत्यों के माध्यम से हरियाणवीं संस्कृति को प्रदर्शित किया गया तो दूसरी ओर स्टॉलों पर लोगों को विभिन्न विभागों की योजनाओं के बारे में बताया। घर को प्रदूषण से मुक्त कैसे रखना है, कौन से ग्रंथ पढने चाहिए, कचरे का क्या करें जैसे उपाय लोगों के लिए स्टॉल पर प्रदर्शित किए गए। मगर सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र गीता का ज्ञान रहा। कार्यक्रम में आए गीता महाग्रंथ के विशेषज्ञों जिनमें गवर्नमेंट कॉलेज से डा. राजबीर, ब्रह्म कुमारी से बहन अनीता, गोबिंद शास्त्री व मुरलीधर पांडे ने गीता के श्लोकों के माध्यम से जीवन प्रबंधन का तरीका लोगों को सिखाया। इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों व प्रोफेशनल कलाकारों की टीमों ने भगवान श्रीकृष्ण व गीता ज्ञान पर आधारित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिन्होंने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में उपायुक्त अशोक कुमार मीणा, एसपी शिवचरण सहित पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा।
विशेषज्ञों की जुबानी समझिए गीता का ज्ञान आपके जीवन में क्या रखता है महत्व
आपसी मनमुटाव का कारण
श्लोक- धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सव:। मामका: पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय।
सीख- श्रीमद्भागवत गीता के पहले अध्याय का यह पहला श्लोक है, यह चेतावनी और प्रेरणा की सीख देता है। पक्षपातपूर्ण सोच, भेद बुद्धि ही वैमनस्यता या कहें मनमुटाव का मुख्य कारण है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण कुरुक्षेत्र के लक्षण हैं।
करियर की राह चुनते समय उलझन
श्लोक- एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभि: । कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं पूर्वै: पूर्वतरं कृतम्।
सीख- यह चौथे अध्याय का 15वां श्लोक है, जो कहता है कि आप अपने क्षेत्र का अतीत देखें, जिन्होंने अच्छे संकल्प व कत्र्वय निष्ठा के साथ अच्छे आदर्श प्रस्तुत कर उच्च स्तर पर नाम कमाया। इसी रास्ते पर आप अपने आप को लेकर जाएं।
चुनौतियों के सामने आपका टिक न पाना
श्लोक: कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि।
सीख- यह गीता के दूसरे अध्याय का 47वां श्लोक है। जो कहता है कि आप चुनौतियों के सामने कोशिश करने पर भी कमजोर रहते हैं क्योंकि सबसे पहले आप सोचते हैं, इस काम में मुझे क्या मिलेगा। यह सोच आपको कमजोर बनाती है। जबकि आपको सोचना चाहिए कि मैं क्या दे सकता हूं, यह सोचकर जीवन में आने वाली बाधाओं को छोड़ कर आगे बढ़ें।
चिंता कैसे मिटाएं, सफलता कैसे पाएं
श्लोक- तस्मात्सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर युध्य च । मय्यर्पितमनोबुद्धिर्मामेवैष्यस्यसंशयम् ।
सीख- जीवन है तो संघर्ष साथ ही जीवनभर रहेंगे। ऐसे में संघर्षों में भगवान का स्मरण कर आप ऊर्जा, शक्ति, शांति, बल मजबूत बना सकते हैं। भगवान को जीवन रथ का सारथी मानकर कर्म करें तब चिंता भी मिटेगी और सफलता मिलेगी।
गीता जयंती समारोह में बच्चों ने की जमकर मस्ती
गीता जयंती समारोह के पहले दिन बच्चों ने जमकर मस्ती की। समारोह में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले व ऊंट की सवारी सहित मनोरंजन के व्यापक प्रबंध किए गए। बच्चों के मनोरंजन के लिए शनिवार व रविवार को भी यह प्रबंध निशुल्क उपलब्ध रहे। प्रशासन द्वारा बच्चों के लिए ऊंट की सवारी, बिग बाउंसी, होर्स राइडर, ट्रंपोलीन, वाल पूल, राउंड झूला चकरी सहित अन्य प्रकार के झूलों व मनोरंजक कार्यक्रमों का प्रबंध किया गया है। बड़ी संख्या में बच्चों ने झूलों व ऊंट की सवारी का लुत्फ उठाया। बच्चे ऊंट की सवारी व झूलों का लुत्फ शनिवार व रविवार को भी निश्शुल्क उठा सकेंगे।
लाइसेंस या वोट बनवाना हो तो गीता महोत्सव में आइए
आपको लर्निंग लाइसेंस बनवाना हो या नया वोट, मेडिकल चेकअप करवाना हो या पेंशन बनवाई हो तो पुराना राजकीय महाविद्यालय मैदान में आयोजित गीता जयंती समारोह में पहुंचिए। जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई विभिन्न विभागों की स्टाल पर अनेक सरकारी सेवाएं आमजन को मौके पर ही उपलब्ध करवाई जा रही हैं। गीता जयंती समारोह शनिवार व रविवार को भी आयोजित किया जाएगा। गीता महोत्सव के नोडल अधिकारी व अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि गीता महोत्सव में सभी विभागों द्वारा स्टाल लगाकर अपनी सेवाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। आमजन सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
कार्यक्रम में गणमान्यों ने ऐसे लोगों को किया प्रेरित
गीता का ज्ञान आज 5157 वर्ष बाद भी पूरी तरह से प्रासंगिक है। भगवान श्रीकृष्ण ने हरियाणा की पावन धरा से पूरे विश्व को अमूल्य गीता ज्ञान दिया जो हजारों वर्षों से मानव समुदाय को नई राह दिखा रहा है। गीता हमें जीवन जीना सीखाती है और जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान गीता ग्रंथ में मिलता है।
-रणबीर गंगवा, डिप्टी स्पीकर
गीता किसी धर्म या संप्रदाय से नहीं अपितु समस्त मानव समुदाय से संबंधित है और हमें कर्म का संदेश देती है। गीता ग्रंथ के माध्यम से हमें पता चलता है कि मानव को कर्म पर ध्यान देना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। गीता जयंती समारोह का अधिक से अधिक लोगों को लाभ उठाना चाहिए।
-अशोक कुमार मीणा, उपायुक्त।