निगम प्रॉपर्टी टैक्स बिल बांटने के लिए जीआइएस कंपनी की लेगा मदद
शहर में प्रॉपर्टी टैक्स के बकायेदारों की लंबी लिस्ट है। हर स
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर में प्रॉपर्टी टैक्स के बकायेदारों की लंबी लिस्ट है। हर साल छूट मिलने के बाद भी 70 फीसद शहरवासी प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरते हैं। जिसकी वजह से निगम का आर्थिक हालत पर बुरा असर पड़ रहा है। पहली बार है जब नवंबर माह तक आठ करोड़ रुपये जमा हुए है। अभी भी 14 करोड़ रुपये का टारगेट बचा हुआ है। बड़े बकायदारों को जहां नोटिस भेज कर पैसा इक्ट्ठा किया जा रहा है। वहीं शहरवासियों से प्रॉपर्टी टैक्स भरवाने के लिए निगम अधिकारियों ने बिल बांटने की योजना बनाई है।
इसको लेकर जीआइएस कंपनी की मदद निगम प्रशासन लेगा, क्योंकि जीआइएस का ढाई लाख रुपये के करीब पैसा निगम में बकाया है। ऐसे में डेटा अपडेट करवाने के साथ अब बिल बांटने का काम भी इसी एजेंसी की मदद से किया जाएगा। ताकि जनता को प्रॉपर्टी टैक्स के बिल मिले और वह बिल भरे। इस तरह से निगम अधिकारियों बकाया 14 करोड़ रुपये का 50 फीसद के आस पास जमा करवा पाएंगे। नई कंपनी ने डेटा इक्ट्ठा करना किया शुरू
निगम के डेटा अपडेट से लेकर सर्वें कर बिल बांटने तक की जिम्मेदारी जयपुर की याशी कंपनी को सरकार ने दिया है। कंपनी ने नगर निगम अधिकारियों से प्रॉपर्टी संबंधी डेटा मांगा है। वहीं वह पूर्व कंपनी जीआइएस से प्रॉपर्टी संबंधी डिटेल ले रही है। जिससे प्रॉपर्टी के डेटा का एक रिकॉर्ड तैयार कर उसे अपडेट कर सके। जिससे बाद सर्वे के काम को शुरू किया जा सके। सर्वे का काम पूरा करने के बाद मार्च 2019 के बाद बिल बांटने का काम याशी कंपनी की ओर से किया जाएगा। सरकार ने चार साल के लिए कंपनी को टेंडर दिया है। चार सालों के अंदर नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स भरने की प्रक्रिया को इस तरह का बनाया दिया जाएगा कि लोगों को निगम में चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 49 बड़े बकायेदारों को भेजे नोटिस
हाउस टैक्स ब्रांच की ओर से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वाले 49 नए बकायदारों की लिस्ट तैयार की गई है। जिन्हें नोटिस भेजे गए है। सभी के प्रॉपर्टी टैक्स की गणना की जाए तो एक से दो करोड़ रुपये के बीच होगा। बता दें कि पिछले तीन माह में 50 के आसपास प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वाले बकायदारों को नोटिस थमाकार निगम ने लाखों रुपये जमा करवाया है। वहीं दो दुकानदारों को तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर डा. जयवीर ¨सह यादव ने सील किया था। जिसके बाद 30 लाख रुपये के आस पास प्रॉपर्टी टैक्स जमा हुआ था। जीआइएस के साथ मिलकर बिल बांटने को लेकर योजना बनाई जा रही है। जिससे जनता आसानी से अपना प्रॉपर्टी बिल भर सके। वहीं 49 बड़े बकाएदारों को नोटिस दिए गए है। नोटिस भेजने से बड़े स्तर पर रिकवरी हो रही है। याशी कंपनी जीआइएस और निगम से डेटा क्लेक्ट कर रही है। मार्च में याशी अपने स्तर पर बिल बांटने का काम करेगी।
- पृथ्वी ¨सह, टैक्स सुपरिटेंडेंट, नगर निगम