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जनरल की सीटों पर कम अंक वाले आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के दाखिले, सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी बाहर

जागरण संवाददाता, हिसार : उच्चतर शिक्षा विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में बड़ी खामी सामने आई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 10:21 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 10:21 AM (IST)
जनरल की सीटों पर कम अंक वाले आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के दाखिले, सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी बाहर
जनरल की सीटों पर कम अंक वाले आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के दाखिले, सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी बाहर

जागरण संवाददाता, हिसार : उच्चतर शिक्षा विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में बड़ी खामी सामने आई है। विभाग आरक्षण और ऑनलाइन सिस्टम के फेर में ऐसा फंसा कि सामान्य श्रेणी के योग्य विद्यार्थियों की सीटों पर भी उनसे कम अंकों वाले आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के दाखिले कर दिए। ऐसे में सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी मेरिट लिस्ट से ही बाहर हो गए और कई विषयों में आधी से अधिक सीटें आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों से भर गईं। जबकि उनसे अधिक मेरिट वाले जनरल के विद्यार्थी अभी कतार में थे। वीरवार को बड़ी संख्या में सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी मेरिट में उनका नाम नहीं आने और उनसे कम अंकों वाले विद्यार्थियों का नाम होने की शिकायत लेकर पहुंचे, लेकिन कालेज प्राचार्यों ने उच्चतर शिक्षा विभाग की गलती बताते हुए हाथ खड़े कर दिए। बता दें कि पहली मेरिट लिस्ट में भी इस तरह के कई मामले सामने आए थे। मामले को लेकर गुरुवार को इनसो ने डीएन और जाट कालेज में प्रदर्शन किया और मेरिट की प्रतियां जला दी गईं। इनसो ने चेतावनी दी कि अगर सामान्य श्रेणी के योग्य विद्यार्थियों का दाखिला नहीं हुआ तो इनसो किसी भी कालेज में कक्षाएं नहीं लगने देगी।

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यूं समझिए मामला -

किसी कालेज में बीकॉम में 60 सीटें हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग ने दाखिले के लिए सीटों से दोगुने यानी 120 सीटों के लिए प्रोविजनल लिस्ट जारी की। यह लिस्ट आरक्षण के अनुसार ही थी, जो सामान्य श्रेणी के लिए न्यूनतम 85 फीसद और आरक्षित श्रेणी के लिए 72 फीसद रही। इन 120 विद्यार्थियों को कालेज में जाकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाने के बाद ही दाखिला मिलना था। विद्यार्थियों ने डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवा ली। (मानें कि आरक्षण के अनुसार 60 में से 30 सीटें सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों की जबकि 30 आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों की थी।) जिन विद्यार्थियों ने डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाई, उसके अनुसार उच्चतर शिक्षा विभाग ने मेरिट जारी कर दी। लेकिन सामान्य श्रेणी की सीटों के लिए मेरिट केवल सामान्य श्रेणी के अनुसार मेरिट में आए विद्यार्थियों (30 सीटों) की जारी होनी थी। चाहे इस मेरिट में सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी हों या जनरल के। विभाग ने डाक्यूमेंट वेरिफाइ करने वाले विद्यार्थियों की ओवरऑल मेरिट लिस्ट जारी कर दी। जिससे 78 फीसद वाले आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थी इस मेरिट में आ गए। जबकि 84 फीसद वाले जिन विद्यार्थियों का नाम दूसरी मेरिट में आना था, उनका नाम मेरिट में नहीं आया। विभाग को सामान्य श्रेणी की 30 सीटों के अनुसार ही मेरिट जारी करनी थी, चाहे उसमें 25 विद्यार्थी ही क्यों न हों।

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कक्षाएं शुरू नहीं होने देंगे -

कोट -

इस गंभीर मामले को आम आदमी भी समझ सकता है। लेकिन विभाग के अधिकारी नहीं समझ पा रहे हैं। सामान्य वर्ग के 85 प्रतिशत वाले स्टूडेंट्स का दाखिला भी नहीं हो रहा है। यहां तक कि सामान्य वर्ग की आधी से अधिक सीटों पर आरक्षित वर्ग के छात्रों को दाखिला दे दिया गया है। मामले में हायर एजुकेशन की कमिश्नर ज्योति अरोड़ा से भी फोन पर बात हुई, लेकिन समाधान नहीं हुआ। कालेज प्रशासन गलती मानकर उच्चतर शिक्षा विभाग को जिम्मेदार बताता है। अगर सामान्य वर्ग के योग्य छात्रों को एडमिशन नहीं मिला तो इनसो किसी भी कालेज में कक्षाएं शुरू नहीं होने देगी।

- आशीष कुंडू, जिलाध्यक्ष, इनसो।


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