हिसार में कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का बीमा करवाकर लाखों का क्लेम हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश
हांसी पुलिस ने 7 व्यक्तियों के खिलाफ दो एफआइआर दर्ज की हैं। एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस के इन्वेस्टिगेशन मैनेजर की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया है। करोड़ों के फर्जी क्लेम हड़पने के मामले में हिसार के एक वकील व हांसी सिविल अस्पताल के डाक्टर का नाम सामने आया है।
हांसी/हिसार, जेएनएन। कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों का बीमा करवाकर लाखों रुपये के क्लेम हड़पने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। हांसी पुलिस ने 7 व्यक्तियों के खिलाफ दो एफआइआर दर्ज की हैं। एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस के इन्वेस्टिगेशन मैनेजर की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया है। करोड़ों के फर्जी क्लेम हड़पने के मामले में हिसार के एक वकील व हांसी सिविल अस्पताल के डाक्टर का नाम सामने आया है।
बता दें कि हांसी व नारनौंद इलाके में बीते दो सालों में फर्जी तरीके से बीमार व्यक्तियों का बीमा क्लेम हड़पने के कई मामले सामने आ चुके हैं। चौंकने वाली बात ये है कि हांसी सिविल अस्पताल के जिस डाक्टर का नाम पिछले मामलों में सामने आया था, उसी डाक्टर के नाम वीरवार को दर्ज हुई दोनों एफआइआर में फिर उजागर हुआ है। एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस के इन्वेस्टिगेशन मैनेजर ब्रिजेश कुमार राजपूत ने रेंज आईजी के समक्ष फर्जी बीमा पॉलिसी करवाकर बीमा कंपनियों को चूना लगाने वाले गिरोह के बारे में पूख्ता सबूतों के साथ शिकायत सौंपी थी। शिकायत में मैनेजर ने विस्तार से पूरे गिरोह के बारे में पुलिस को बताया है।
कंपनी ने खुद की जांच
पुलिस को दी शिकायत के अनुसार बीमा कंपनी ने पहले कई मामलों की खुद जांच की। जांच में करीब 23 बीमा पॉलिसी का क्लेम संदिग्ध मिला। इन पॉलिसी में करीब 21 करोड़ रुपये का क्लेम मांगा गया। इनमें से दो पॉलिसी हांसी क्षेत्र की भी हैं।
इन व्यक्तियों का लिया झूठा क्लेम
केस - 1
पुलिस एफआइआर में बैंक मैनेजर की तरफ से कहा गया है कि साल 2017 दिसंबर में नारनौंद के एक गांव के व्यक्ति सत्यनारायण की बैलगाड़ी से गिरकर मौत दिखाई गई। जबकि सत्यनारायण की मौत एक्सिडेंट में होने के बजाए बीमारी से हुई थी। गिरोह के सदस्यों ने पूरी कार्रवाई करवाते हुए कंपनी से लाखों रुपये का बीमा हड़प लिया।
केस - 2 बीमा कंपनी के अनुसार 2018 में हांसी निवासी छोटू राम का कुछ महीने पहले ही बीमा करवाया गया व 26 अप्रैल 2018 में खेत में ड्रैन से छलांग लगाते हुए पैर फिसलने से उसकी मौत दिखाई गई। कंपनी ने इस मामले में भी 15 लाख रुपये का भुगतान कर दिया।
ऐसे बंटती थी रकम
बीमा कंपनी के अनुसार इस गिरोह में डाक्टर, पुलिस कर्मी, वकील के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं। कंपनी की जांच में सामने आया है कि हिसार के एक वकील फर्जी बीमे करवाकर बीमा क्लेम हड़ने के धंधे का मास्टरमाइंड हैं। धोखाधड़ी से मिलने वाले बीमा क्लेम का 30 फीसद हिस्सा वह स्वयं रखता है व 70 फीसद अन्य लोगों में बांटा जाता है।
पुलिस जांच में सामने आएंगे और तथ्य
पुलिस ने फर्जी क्लेम के एक मामले में बिजेंद्र, अमित, संदीप, डा. विजय स्वरूप व दूसरे मामले में साहिब, अमित, ओमी, सुनील कुमार व डा. विजय स्वरूप के खिलाफ मामला दर्ज किया है। खास बात ये है कि डा. विजय स्वरूप का नाम दोनों एफआइआर में है। पुलिस ने एफआइआर दर्ज करके जांच शुरु कर दी है। इस मामले में पुलिस जांच में कई बड़े खुलासे होने की पूरी संभावना है।